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कुली और तांगेवाला चोदे माँ बेटी को

Pk84

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ट्रैन उस छोटे से स्टेशन पे जब रुक गयी तो रात के 9:00 बजे थे। उस लॉन्ग स्टॉप का यह रुट असल में शाम को 4:00 बजे आता था। पर ट्रैन लेट होने से इतना टाइम लगा। जिस स्टेशन पे ट्रैन रुकी वो गॉव इतना बड़ा नहीं था। पर वो स्टेशन इंडस्ट्रियल एरिया से २० किमी दूर होने से काफी ट्रैंस वहांपर रूकती थी. जब ट्रैन रुकी तो 30-40 लोग उतर गये।
उन लोग में प्लेटफार्म पे एक 40-42 साल की औरत उसकी 20 साल की बेटी के साथ उतर गयी । जो लोग ट्रैन से उतरे, वो जल्दी जल्दी निकल गये और सिर्फ 3-4 लोग ही, थे अब प्लेटफार्म । आरती जो अपनी बेटी पूजा के साथ उतरी अपनी पति से मिलने आइ थी। आरती का पति , उस इंडस्ट्रियल एरिया में काफी अच्छी पोस्ट पे था और आज 4 महीने हो गये थे, वो एक प्रोजेक्ट पे था। इन 4 महीने में ना ही वो घर आ सका था और ना आरती उससे मिल सकी थी। प्रोजेक्ट कंपनी के लिए बड़ा इम्पोर्टेन्ट था और आरती का पति प्रोजेक्ट मैनेजर होने से अपने लिए वक़्त ही नहीं दे पा रहा था। अब पूजा के कालेज को छुट्टियां लगने से उसने अपनी बीवी और बेटी को बुला लिया था।
आरती ने यहां वहाँ देखा पर उसका पति कहीं नजर नहीं आ रहा था। उसका पति उसे लेने आने वाला था, पर वो अभी तक आया नहीं था और इस लिए आरती और उसकी बेटी अकेली खड़ी थी प्लेटफार्म पे। जिस ट्रैन से वो आई थी, वो ट्रैन भी धीरे-धीरे करके स्टेशन से निकल गयी थी। आरती ने शिफॉन की लाल साड़ी और ब्लाउज पहना था। स्लीवलेस ब्लाउज से उसके गोरे आर्म्स सेक्सी लग रहे थे। ब्लाउज टाईट होने से, अंदर की ब्रा का आउटलाइन साफ नजर रहा था।
पूजा ने शार्ट जींस स्कर्ट और टाईट शार्ट टी शर्ट पहना था। टी शर्ट इतना टाईट था की उसकी चूंचियां उभरी उभरी दिखाई दे रही थी और टी शर्ट शार्ट होने से काफी बार उसका बेल्ली बटन भी दीखता था। दोन माँ बेटी, एकदम सेक्सी दिख रही थी और अब ऐसी जगह खड़ी थी जहां के लोग ने कभी इतनी सुंदर औरते देखी नहीं थीं।
आरती उसके सामान के साथ खड़ी थी तो एक कुली उसका सामान उठाने आते बोला- “मेमसाब, कुली चाहिए मैं सामान उठाऊँ आपका…”
आरती ने उस कुली के कपड़े देखते नजरें दिखाते कहा- “कैसे-कैसे गंदे कुली रखे हैं रेलवे ने स्टेशन पे। नहीं हमें कुली नहीं चाहिए। हमारे पास इतना सामान नहीं है ना पूजा की कुली चाहिए ”
पूजा ने भी उस कुली को देखते ना कहा।
उस कुली ने उन माँ-बेटी को ऊपर से नीचे तक देखते, आहें भरते कहा- “क्यों मेमसाब… क्या हम इतने गंदे है…
अरे मेमसाब, आजमा के देखो तो समझ ना मेमसाब की कैसे कुली है हम… कहो तो आप दोन को एक साथ उठाऊँ…” दोन को उठाने की बात करते वक़्त उस कुली के नजर में क्या फीलिंग्स थी, वो आरती की नजर से छुपी नहीं थी।
पर इस अंजान जगह आरती कुछ बोल भी नहीं सकती थी। प्लेटफार्म अब पूरा खाली हो गया था स्टेशन मास्टर उसका असिस्टेंट और इन तीन के सिवा और कोई नहीं था वहाँ। आरती ने अपनी नजर में गुस्सा दिखाते पर आवाज में वही नरमी रखते कहा- “सामान उठाने की बात जाने दो, यह बताओ, यहां से गॉव और वो इंडस्ट्रियल एरिया कितने दूर हैं गॉव में कोई अच्छा होटेल है क्या… और इसके बाद कोई train हैं क्या …”
वो कुली पूजा के एकदम पास खड़े होके बोला- “कल सुबह अगली ट्रैन आएगी, अब तो मेमसाब, गॉव
स्टेशन से 3 क॰मी॰ दूर है और वो एरिया तो 20 क॰मी॰ दूर है। मेमसाब, हमारा गॉव इतना छोटा है की कोई ढंग का लॉज भी नहीं है उसमे। और जो लॉज है एकदम गंदा और बदनाम है, जहां आप जैसे परिवार एक मिनट भी नहीं रह सकते। वैसे मेमसाब, आप रात को कहा ठहरोगी…”
उस कुल, को एक बार देखते आरती को लगा की उसे कुछ सुना डालँ पर वो कुछ नहीं बोल सकी उसने इधर-उधर अपने पति को खोजते कहा- “हमको तो यही रुकना है। हमारे पति हमें लेने आने वाले हैं। हमारे पति उस इंडस्ट्रियल एरिया में काम करते हैं और हम उनसे मिलने आये हैं। हम वेटिंग रूम में उनका वेट करेंगे पूजा…”


पूजा उसके बैग उठाते नाराजी से बोल,- “ममी, देखा डैडी कैसे हैं… उनको मालूम है की हम दोनों यहां अजनबी हैं लेकिन फिर भी हमको लेने नहीं आये…”
आरती ने अपनी हैंड बैग उठाके उस कुली की तरफ देखते जवाब दिया- “पता नहीं उनको कुछ काम आ गया होगा बेटा। चल हम वाइतोंग रूम में उनकी राह देखते हैं और तू उनको फोन लगा। वैसे भी प्लेटफार्म पे लाइट बहुत कम है और कोई लोग भी नहीं दिख रहे…”
जैसे आरती वेटिंग रूम की तरफ जाने लगी तो उस कुली ने बिना बोले उनका बाकि सामान उठाके वेटिंग रूम में ले जाके रखते, आरती के सीने की तरफ देखते कहा- “ठीक है मेमसाब, जैसे आपकी मर्जी । वैसे मैं यहां बाहर ही सोया हूँ कुछ लगे तो मुझे बुलाना। मेरा नाम जहीर है। मेमसाब, मेरा घर यह, बाजू में है, अगर आप चाहे तो हमारे घर रुक सकती हो आपकी बेटी के साथ। यहां वेटिंग रूम में कोई नहीं होता है रात में …” आरती जहीर की इस बात पे कोई जवाब नहीं देती तो जहीर बाहर जाके, वेटिंग रूम के एकदम सामने, प्लेटफार्म पे एक कपड़ा बिछा के, आरती की तरफ पैर करके लेटते गया। आरती ने अपने पति को मोबाइल लगाया। जब उसके पति ने फोन उठाया तो आरती ने उनसे पूछा की वो स्टेशन क्यों नहीं आये उनको लेने।
अपनी बीवी की बात सुनके उसका पति एकदम सन्न \ रह गया। आरती का पति काम के सिलसिले में दो दिन बाहर गया था और वो यह बात भूल ही गया था की उसकी बीवी और बेटी आने वाले थे। उनका कोई स्टाफ भी नहीं था िजसको वो बोलते की जाके उनकी बीवी और बेटी को ले आये। आfखर में आरती के पति ने उनको कल रात का वक़्त किसी लॉज में निकालने को कहा और यह भी कहा की वो परस सुबह उनको लेने आएँगे। आरती ने फोन कट किया और सोचने लगी की परसो सुबह तक का वक़्त कैसे निकाला जाए। उसने पूजा को इसके बारे में कुछ नहीं बताया।
वेटिंग रूम में काफी लाइट्स थी। उन दोन के सिवा उस रूम में और कोई नहीं था। आरती एक चेयर पे बैठी और सामने के टेबल पे अपने पैर रखे। ऐसा करने से उसकी साड़ी जरा ऊपर की तरफ उसके घुटने तक उठ गयी। आरती ने साड़ी नीचे नहीं की। जब उसकी नजर बाहर लेटे जहीर की तरफ गयी तो उसने देखा की जहीर की लुंगी घुटने के ऊपर उठी थी। अचानक आरती ने जो देखा उसे धक्का लगा। वेटिंग रूम की लाइट जहीर के ओपन लुंगी में रोशनी डाल रह, थी िजससे आरती को जहीर का लंड साफ दिख रहा था। जहीर बेखबर होके लेटा था। आरती की नजर बार-बार उसके उस लंड की तरफ fखंची जा रह, थी। आरती ने पूजा को देखा तो पूजा एक मैगजीन पढ़ रह, थी।
आरती ने भी उसके पास की किताब उठाके उसके पीछे से जहीर का लंड देखने लगी। इधर जहीर प्लेटफार्म पे लेटा था, पैर आरती की तरफ करके और आरती को देख रहा था। आरती और पूजा के जिस्म के बार में सोचके उसका लंड खड़ा हुआ था। अब तो आरती के घुटने तक के नंगे पैर देखके उसे और भी अच्छा लग रहा था। अपने लंड की तरफ देखते हुवे उसने एक बार आरती को पकड़ा। बेशर्म बनके, अपना लंड सहलाते वो बोला- “क्या हुआ मेमसाब, आये क्या आपके पति...



जहीर के सवाल से जरा शरमाते आरती ने कोई जवाब नहीं दिया। बुक पे पीछे अपनी नजर डालते आरती सोचने लगी की जहीर का लंड कितना मोटा है। और कितने झांट के बाल भी है उसके लंड पे। आज इतने महीने से पति से दूर रहके गुजारने से आरती बेहाल थी। उससे लगा था की आज रात पति के साथ खूब मस्ती करुँगी
पर अब परसो तक उसका पति नहीं आनेवाला था। इतने दिन भूखे रहने से आरती लंड के लिए तड़प रही थी और अब जहीर का काला मोटा लंड देखके उसके जिस्म में आग लगने लगी थी। आरती इसी सोच में डूबी थी जब पूजा ने उससे कहा की वो यहां बैठके बोर हो गयी है और जरा प्लेटफार्म पे चक्कर लगाने जा रही है। आरती ने उससे रोका नहीं और बुक पढ़ने का नाटक करने लगी। जैसे ही पूजा उसके सामने से निकल गयी, आरती चुपके से जहीर को देखने लगी।
 
इधर पूजा को रूम से बाहर आते देखकर जहीर ने सोचा, की बेटी को पास ले लू तो माँ हाथ आ ही जाएगी इसलिए उसने अपना ध्यान आरती से हटाके बाहर आ रही पूजा पे लगाया। पूजा रूम के बाहर आई। उसने देखा की वो कुली सो रहा है। पूजा उसके पास आके खड़ी हुई। पूजा जहीर के इतने पास खड़ी थी की जहीर को नीचे से, पूजा की स्कर्ट के नीचे से उसकी गोरी गोरी टांगे दिखने लगी। पूजा की पैंटी, भी जहीर को दिख रही थी और नीचे सोते हुए उससे पूजा के बड़े मम्मे भी नजर आ रहे थे।
यह सब देखके जहीर का लौड़ा और टाईट हो गया।


पूजा का ध्यान उसपे नहीं है, यह देखके जहीर ने आरती की तरफ देखते अपना लंड मसलते एक स्माइल देते अपनी जीभ होंठों पे घुमाया। जहीर के इस इशारे को देखते ही आरती समझी की उसका इशारा उसकी जवान बेटी पूजा की तरफ है। जहीर का यह इशारा देखते आरती ने कुछ सोचके पूजा को अंदर बुलाया। पूजा जब जहीर
की तरफ पीठ करके, अपना बैग खोलने लगी, तो आरती ने जहीर को देखते अपना मुँह बिगड़ते उससे अपनी नाराजी दिखाई।


भले आरती ने जहीर को देखते मुँह बिगाड़ा था, पर अब उसकी चूत भी गर्म हो रही थी।
आरती को देखते, स्माइल करते, जहीर लुंगी में हाथ डाल के लंड सहलाने लगा। आरती की नजर अपने लंड पे है देख के जहीर ने अपना लंड इतना बाहर निकला की आरती को उसके लंड का काला हेड नजर आये और अब जहीर आरती के सामने अपना आधा नंगा लौड़ा सहलाते बार-बार आरती को और झुकी हुई पूजा की गांड को देखने लगा। आरती समझी की जहीर पूजा को भी देख रहा है, पर वो जहीर का लंड देखके इतनी बेबस हुई थी की पूजा को कुछ बोल भी नहीं पा रही थी।


जहीर के आधे नंगे लंड से नजर हटाके आरती ने घड़ी देखी तो रात के 10:30 बज गये थे। उसके पति का फोन भी नहीं लग रहा था। कुछ सोचके आरती ने पूजा को कहा- “बेटी, उस कुली को बुलाके लाओ। हम लोग तो रात भर यहां रुक नहीं सकते। उसने बोला है तो उसके घर चलेंगे। दिखने में तो भला आदमी लगता है और इस
अंजान जगह हम माँ-बेटी कब तक अकेले रुक सकते हैं… वैसे भी तेरे डैडी तो नहीं आएँगे, परसो सुबह तक। तो जाके उस कुली को बुला…”


जहीर के घर रुकने की असली वजह आरती ने पूजा को नहीं बताई, पर जहीर का लंड देखके उससे रहा भी नहीं जा रहा था। जहीर को आरती ने क्या कहा यह सुनाई नहीं आया, पर जैसे ही उसने पूजा को आरती की तरफ टर्न करते देखा, उसने अपना लंड लुंगी में डाला। पूजा की टाईट गांड, गोरी टांगे और साइड से मम्मे जहीर देख रहा था और साथ-साथ आरती का पूरा भरा सीना भी दिख रहा था। आरती ने अब अपनी एक टाँग दूसरी टाँग पे ली थी जिससे उसकी गोरी गोरी टांगे उसे दिख रही थी।


पूजा बाहर आके, जहीर के पास खड़ी होके उससे आवाज देने लगी।
सोने का नाटक कर रहे जहीर ने एक बार फिर नीचे से सीने तक पूजा की जवानी देखते आँखे खोली। पूजा बोली- “सुनो, चलो, तुम्हे मम्मी बुला रही हैं…”
पूजा के सामने आराम से उठते, खड़े होके, लंड एडजस्ट करके जहीर रूम में गया। पूजा बाहर ही खड़ी थी। आरती के पास जाके, अपना लंड सहलाते जहीर बोला- “क्या है मेमसाब… क्यों बुलाया मुझे…” फिर स्माइल करते आगे बोला- “तुम दोन में से किसको उठाना है, मेरा मतलब किसका सामान उठाना है, या तुम दोनों को एक साथ उठाना है क्या…”


आरती ने जहीर का इशारा समझा और बोली- “देखो स्टेशन से बाहर तक छोड़ दो, यहां काफी अंधेरा है और अब कोई भी नहीं है यहां…” पूजा को बुलाते आरती बोली- “पूजा, तुम आगे जाके किसी टैक्सी को रुको। मैं इस कुली के साथ अपना सामान लेकर आती हूँ…”
पूजा ने अपनी हैंड बैग उठाई और स्टेशन के बाहर चल पड़ी। अपनी तरफ ऊँगली और जाती हुई पूजा की तरफ इशारा करते आरती आगे बोली- “कितना किराया लोगे यह सब माल समान उठाने का…” फिर जहीर की लुंगी की तरफ, उसके लंड को देखते आरती बोली- “मेरा नाम आरती है और यह मेरी बेटी पूजा है…”
आरती की आँख में चमक और हवस साफ दिख रही थी। आरती की गोरी टाँग और सीने को देखते जहीर बोला- “मेमसाब, आप अभी इस अंधेरे में कहां जाओगी… गॉव यहां से काफी दूर है और गॉव में कोई लॉज भी नहीं है…” आरती को देखते अपना लंड बेफिक्री से सहलाते जहीर आगे बोला- “मेमसाब, सब माल समान उठाने का भाड़ा अगर देखो तो आप इतनी बड़ी हैं और आपकी जवान बेटी, मतलब कम-से-कम पूरी रात और एक ज्यादा मर्द लगेगा तुम दोनों को उठाने में …” आरती को आँख मारते जहीर आगे बोला- “वैसे वो माल सaमान
उठान पड़ा तो बहुत मजा आएगा हमको, इतना जवान और कसा माल है। खूब मस्ती से उठाऊँगा उसे पूरी रात। वैसे तुम भी कुछ कम नहीं हो, शादीशुदा हो तो तुम्हारे साथ भी बड़ा मजा आएगा, क्या सच कह रहा हूँ ना मैं मेमसाब…”


आरती समझती है की जहीर भी वही चाहता है जो उसके दिल में है और आरती बोली- “तुम फ़िक्र मत करो, वो आगे देखूँगी, पहले टैक्सी तो मिलने दो। तुम वो सब मुझपे छोड़ दो। वो माल मिले ना मिले यह माल जरूर मिलेगा तुमको…” यह कहते आरती ने अपनी तरफ इशारा किया और आगे कहा- “जहीर, वैसे वो माल अभी
कमसिन है ना इसलिए उसका मत सोचो, मैं हूँ ना, ठीक है…”


आरती के जवाब से खुश होके, जहीर ने नीचे झुकके सब सामान उठाया। सामान लेके खड़े होते उसने आरती को एक बार पूरी तरह देखते कहा- “कोई बात नहीं अगर हमें यह माल भी मिला तो। ठीक है मेमसाब, आपकी बेटी टैक्सी लाने तक हम वहाँ चले क्या… वैसे मेमसाब, कितनी उमर है इस माल की और उस माल की… आप दोनों माँ बेटी नहीं बल्कि बहन लगती हैं इसलिए पूछ रहा हूँ। और मेमसाब, आप रात में कहाँ रुकोगे…”


जहीर के सामने झुकके, अपनी बैग उठते, उसे अपना क्लीवेज दिखाते आरती बोली- “पहले यहां से बाहर तो चलो, फिर सोचंगे कहां रात गुजरनी है। एक बात बता, तू मेरी बेटी को ऐसे घूर-घूर के क्यों देख रहे हो…”


आरती का क्लीवेज देखके, होठों पे जीभ घुमाते जहीर बोला- “मेमसाब वो माल मस्त है आपका, एकदम कमसिन और फ्रेश, सच्ची बोलू मेमसाब… आपकी बेटी मस्त जवानी से भरी है, बिलकुल आप जैसे , इसलिए मैं उसे घूर घूर के देख रहा था। वो भी कैसे मस्त दिखा रही थी उसका बदन…” यह कहते जहीर ने आँख मरी।


अपने चहेरे पे गुस्सा दिखाते, पर दिल में खुश होके आरती बोली- “क्या बोलता है तू जहीर…” जब लड़की की माँ उससे इतना बढ़ावा दे रह, थी तो जहीर क्या पीछे रहता। सब सामान अपने कंधे पे लटकाते, दोन हाथ खुले रखते जहीर बोला- “सच्ची मेमसाब, देखा नहीं आपकी बेटी के मम्मे कैसे उभरे हुये हैं बिलकुल एक औरत जैसे है और उसकी गोरी गोरी टांगे मुझे दीवाना कर रही है। कसम से, आपकी की बेटी को तो रात भर उठाना पड़े तो उसको खूब मजा दूंगा। उससे दिखा दूंगा की असल मर्द क्या होता है। मेमसाब आपकी बेटी माल और उस इस माल बनी माँ की उमर क्या है…”
जहीर के जवाब से आरती को यकीं हुआ की उसने आज रात जहीर के घर गुजारने का फैसला करके कोई गलती नहीं की थी। जो मर्द एक माँ के सामने उसकी बेटी को रात भर चोदने की बात कर सकता है, वो आरती जैसे अनुभवी औरत को कितनी मजा दे सकता है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। दोनों प्लेटफार्म से उतर
के एक ऐसी जगह आये थे जहां लाइट कम थी और जमीन पे पानी था। आरती चलते-चलते जरा लड़खड़ाई तो जहीर ने उसे पकड़ा।
अपने आपको संभालते आरती बोली- "जिसे तू बेटी की माल माँ बोल रहा है वो मैं 42 साल की हूँ और इस माल माँ की बेटी 20 की है। जहीर तुझे शर्म नहीं आती एक माँ के सामने उसकी बेटी के बारे में ऐसी गन्दी बात करते…”
आरती की कमर में हाथ डालते, उससे संभालते जहीर बोला- “मेमसाब संभल के चलो, वहाँ कीचड़ है। क्या मेमसाब, मजाक करती हो… आप तो 35 साल का माल लगती हो और उस माल की उमर 16-17 से ज्यादा नहीं लगती। आप दोन माँ बेटी नहीं बहन लगती हो…”
जहीर का हाथ अपनी कमर से हटाके, आरती ने अब कीचड़ से बचने, अपने साड़ी घुटन के ऊपर उठाई। इससे अब जहीर को आरती के घुटन के ऊपर तक के नंगे पैर साफ दिखने लगे। अपना लंड सहलाते जहीर आगे बोला- “यकीं नहीं आता की वो 20 साल की है, 16-17 साल का मस्त तैयार माल लगती है तेरी बेटी। वैसे मेमसाब, अगर आप बुरा ना मानो तो हमारे घर रुक सकती हो रात भर। बोलो
क्या आप तैयार हो पूरी रात हमारे घर में गुजारने के लिए… पूरी रात तुम माल माँ-बेटी को आराम से रखूँगा मैं।
आपकी बेटी अकेली गयी है, यहां के लोग बहुत हरामी है, कोई उठाके ले गया उस माल को और रात भर ऐश की आपकी बेटी के साथ तो… आपकी बेटी मस्त है, एकदम गरम माल है और उसका बदन भरा हुआ है, तो कोई हरामी मर्द अपनी गर्मी उतारने ले जा सकता है उसे। चलो जल्दी मेमसाब…” यह कहते जहीर ने आरती की गांड पे हाथ घुमाया।
पूजा के बारे में कह गयी बात सुनके आरती को अच्छा लगा। जहीर सच ही बोल रहा था। उसकी बेटी थी ही इतनी मस्त की मर्द का दिल आ ही जाता उसपे और पूजा ने जो कपड़े पहने थे उसमे तो किसी भी मर्द को उसे चोदने की इच्छा जर होगी। आज की रात तो जहीर के साथ गुजारनी थी, पर पहली बार उसका हाथ एकदम
ओपन्ली अपनी गांड पे लगते ही आरती को अच्छा लगा। कितना मादक और गर्म हाथ था उसका। आरती ने अपनी गांड पे घूम रहे जहीर के हाथ को बिना हटाए कहा- “क्या मतलब है तेरा… तुम्हारी बेटी जैसी है वो जहीर, 21 की उमर है उसकी पर तुम यह सब क्यों पूछ रहे हो…”
आरती की तरफ से कोई रुकावट ना देखते, जहीर ने अब बिंदास उसकी गांड मसलते कहा- “बस ऐसी ही पूछ रहा हूँ तेरी बेटी के बारे में। माँ कसम मेमसाब, आपकी बेटी एकदम मस्त लगती है इसलिए पूछा मैंने यह सब। क्या आपकी बेटी को कोई मसलता है क्या … नहीं उसका सीना तुम्हारे इतना ही उभरा हुआ और तुम्हारे इतना ही बड़े हैं इसलिए पूछा मैंने। और मेमसाब, मुझे तो बेटी है ही नहीं और अगर ऐसी बेटी होती तो ना जाने मई क्या करता, इसमें क्या बेशर्मी मेमसाब… अब मेरी बात छोड़ो, यह बोलो, तुम मेरी पैंट की और खास कर मेरी कमर के नीचे की तरफ क्या देख रही थी स्टेशन पे…”
एक तो अपनी बेटी और अपने बारे में जहीर के खयाल सुनके, अपनी गांड पे इतने बेफिक्री से हाथ घुमाने और अब उसके इस सवाल से आरती एकदम हक्का बक्का रह गयी।
पहले उसने कुछ समझा नहीं की क्या जवाब दे पर वो बोली- “तूने पैंट कहा पहनी है… यह तो लुंगी पहनी है तूने। हमारे यहां कुली लोग नार्मल पेंट या लहँगा पहनते है और उनके कपड़े काफी साफ सुथरे होते है, तुम्हारे जैसे गंदे नहीं…” यह कहते आरती का ध्यान फिर जहीर के लंड पे गया।
आरती के देखने पे जहीर दूसरे हाथ से अपना लंड मसलने लगा। चलते-चलते एक छोटे से पाटहोल की वजह से आरती आफ बैलेंस हो गयी और करी करीब गिर ही गयी, पर जहीर ने पीछे से दोन हाथ उसकी कमर में डालके उससे संभाला। आरती को संभालते-संभालते, जहीर के हाथ उसके सीने तक गये और आरती के दोन मम्मे उसके हाथ में थे। गिरने से बचने के लिए आरती ने सपोर्ट के लिए हाथ पीछे लिया और जहीर की कमर पकड़ी। जब तक जहीर के हाथ उसके मम्मे पे गये, आरती संभाल चुकी थी, पर अब जहीर को अपनी तरफ से ग्रीन सिग्नल दिखने के बहाने उसने बैलेंस के सपोर्ट ढूँढ़ते-ढूँढ़ते जहीर का लंड पकड़ा। लुंगी में बिना अंडरवेअर के जहीर के लंड को पकड़ते ही आरती को अहसास हुआ की जहीर का लंड एकदम कड़क और गर्म है जैसे कोई लोहे का रोड हो। “अरे-अरे मेमसाब संभाल के चलो…” आरती के मम्मे जरा मस्ती से मसलते जहीर ने उसे खड़ी किया।
आरती खड़ी होने के बाद उसने जहीर का लंड छोड़ दिया पर जहीर ने अभी उसने अपना हाथ मम्मे से बिना हटाए कहा- “आप ठीक हो ना मेमसाब…”
आरती ने बिना बोले हाँ में सर हिलाया। जहीर अब उसके मम्मे बहुत मस्ती से दबाते, गांड पे लंड रगड़ने लगा। कुछ पल जहीर ने उसे ऐसे खड़े-खड़े ही रगड़ लिया। आरती को भी बड़ा अच्छा लग रहा था जहीर के हाथ से मम्मे और लंड से गांड रगड़ के लेना इसलिए उसने जहीर को रोका नहीं।
आरती के ब्लाउज में हाथ डालते जहीर बोला- “आह, क्या मस्त माल है तू मेमसाब। आज की रात हमारे साथ आ, ऐसा मजा दूंगा की टी ज़िन्दगी भर याद रखेगी हमारे लंड को। मेमसाब, सच बोलता हूँ, पूरी रात तुझे और तेरी कमसिन बेटी को चोदके बेहाल कर दूंगा…”
आरती को यकीं था की जहीर जो बोल रहा है, वैसा ही कर भी सकता है और आरती उसी के लिए उसके साथ चल पड़ी थी। दोन स्टेशन के एग्जिट के एकदम पास थे। अब बाहर जाने का वक़्त आया था तो आरती ने जहीर को अपने से दूर किया और स्टेशन के बाहर चली गयी। जहीर उसके पीछे सामान लेकर था ही। पूजा को
वहाँ हैरान खड़ी देख, आरती कुछ समझी नहीं।
पूजा को टैक्सी नहीं मिली थी पर वहाँ के 3-4 तांगेवाले, पूजा को अपने में घेरे हुए, उसे घूर-घूर के देख के गन्दी कमेंट्स पास कर रहे थे। आरती ने वो नजारा देखा और जल्दी से पूजा के पास गयी। अब तो रात को जहीर के घर रुकने का आईडिया उसने फिक्स ही कर दिया क्यूंकि अगर वो यहां और जरा टाइम रूकतीतो उसकी बेटी
को वो हरामी तांगेवाले ना जाने कैसे-कैसे चोदते।
पूजा के पास जाके, उसका हाथ पकड़ते, हलकी आवाज़ में आरती बोली- “पूजा, हम ऐसा करते है, आज रात यह जहीर चाचा के घर रुकेंगे…” यह कहते आरती ने साइड में खड़े जहीर को देखके स्माइल दिया जिससे जहीर समझा की आरती आज रात उससे चुदवाने तैयार थी।
अपनी माँ को देखके पूजा को भी अच्छा लगा और पूजा ने हाँ में सर हिलाया।
पूजा के मम्मे को देखते जहीर बोला- “हाँ… क्यों नहीं मेमसाब, क्या कहती हो पूजा बेटी…”
अपनी माँ को तैयार देख पूजा भी हाँ बोली। जहीर को देखके वहाँ खड़े तांगेवाले वहाँ से निकल गये। पूजा बैग लेने झुकी तो आरती ने जहीर को आँख मरते कहा- “क्यों ना हम लोग एक टांगा ले, ताकि चलके जाने में और थक नहीं जायेंगे…”
आरती की मरी आँख का इशारा समझते जहीर वहीँ एक साइड में खड़े टांगे के पास ले गया और बोला- “हाँ ठीक है मेमसाब, चलो ताँगे से चलते है हमारे घर। हमारे दोस्त सलीम का है टांगा है। अरे सलीम भाई, टांगा खली है क्या… सवारी है हमारे


सलीम ने उन सेक्सी माँ बेटी को अच्छे से देखते कहा- “हाँ मेमसाब, तैयार हूँ ना मैं। आओ, आराम से चढ़ो ऊपर आप दोनों। चलो बैठो तो हमारे ताँगे में…” सलीम ने देखा की जहीर उससे पूजा को दिखा के इशारा कर रहा था। जहीर का इशारा समझते सलीम बोला- “जहीर, छोटी मेमसाब को हमारे पास बैठा दे और तुम पीछे बैठो बड़ी मेमसाब के पास, ताकि हमारे घोड़े पे लोड ना आये, ठीक है…”
आरती और जहीर ने हाँ में सर हलाया और आरती बोली,- “पूजा, तुम आगे बैठो, मैं यह समान ले के इसके साथ पीछे बैठती हूँ…”
पूजा अपनी माँ की बात मान गयी और ताँगे में चढ़ने झुकी। इस झुकने से सलीम को पूजा के पूरा क्लीवेज साफ दिख गये। पूजा को चढ़ने में मदद करने के बहाने, सलीम ने उसका एक हाथ पकड़ते कहा- “जहीर, भाड़ा कौन देगा और यह लोग तुम्हारे घर कैसे आ रहे हैं…”
जहीर पूजा के पीछे आके खड़े रहते बोला- “अरे सलीम, मैं भाड़ा दूंगा और यह मेमसाब से टिप भी मिलेगी तुझे। चल तो सह, तू…”
पूजा चढ़ नहीं पा रही यह देख के जहीर उसे मदद करने के बहाने, उसकी कमर पकड़ते ऊपर चढ़ाते कहा- “आओ पूजा, मैं तुमको सलीम के ऊपर चढ़ने मदद करता हूँ…”
जहीर की डबल मीनिंग की बात पूजा छोड़के सब समझे पर कुछ नहीं बोले। पूजा को चढ़ने में मदद करने के बहाने, सलीम ने उसके मम्मे मसल डाले तो पूजा जरा अनकम्फर्टबल हुई यह देख के जहीर बोला- “अरे बेबी, क्या हुआ… तुमको तकलीफ हो रही है क्या मेरी मदद से… देख तेरी मम्मी को, कैसे मेरी मदद से अब ऊपर चढ़
जाएंगी…”
पूजा सलीम के साथ बैठ गयी तो आरती के पीछे खड़े होके, उसकी गांड मसलते जहीर बोला- “चलो मेमसाब, आपकी बेटी को आगे की तरफ सलीम के साथ चढ़ा दिया, अब आप हमारे साथ, ऊपर चढ़ जाओ, मेरी मदद से…”
जहीर की बात पे खुश होके, उसे आँखे मारते और उससे गांड मसलवाते, आरती भी ऊपर आई। जब जहीर उसके पास बैठा तो आरती ने हलके से उसका लंड दबाया। जहीर के बैठने के बाद आरती ने देखा की पूजा आगे की तरफ देख रही थी और यह मौका देखके उसने जहीर के लंड को पकड़ा और जहीर ने एक हाथ आरती की कमर में डालके, उसे पास खींचते दूसरे हाथ से उसकी चूची पकड़ते बोला- “चलो सलीम, आराम से चलना रोड खराब है…”
टांगा चलने लगा। चार तरफ पूरा अंधेरा था। जहीर का लंड मसलते, आरती ने दूसरे हाथ से अपना पल्लू खुद नीचे गिराया। जहीर ने देखा की ब्लाउज में आरती का भरा सीना नंगा होने को मचल रहा था। कमर में डाला हाथ मम्मे पे लाते, उसे कसके मसलते जहीर बोला- “पूजा बेटी ठीक से बैठी हो ना… सलीम जरा देखो बेबी को कोई तकलीफ ना हो, जरा अपने से सटाके बिठाओ बेबी को। यह शहर की लड़कियां और औरत को ताँगे की आदत नहीं इसलिए उनको सटाके बिठाना चाहिए और उनके हाथ में पकड़ने को कुछ देना चाहिए…”
 
आरती के मम्मे मसलते जहीर हलकी आवाज में बोला- “मेमसाब, बड़े मस्त है आपके मम्मे कितने कड़क हैं और भरे हैं। आज रात मजा आएगा…”
जहीर की बात पे हलकी स्माइल करके आरती ने उसका लंड दबाया।
जहीर की बात सुनते सलीम ने भी पूजा को अपने से सटा लिया जिससे वो अब आसानी से उसकी जांघ मसल सके और मम्मे मसल सके।
अब दोनों हाथ से जहीर का लंड सहलाते आरती हलके से जहीर के कान में बोली- “क्या देखे नहीं ऐसे मम्मे कभी तूने… वैसे तेरा लौड़ा भी बहुत मोटा काला और कसा हुआ है, मजा आएगा आज रात तुम्हारे साथ गुजारने में …” ]
टर्न होके आगे देखते आरती आगे बोली - “हाँ पूजा, ठीक से बैठो। कुछ पकड़ के बैठ ताकि धक्के ना लगे जैसे मैंने एक रोड पकड़ा है। सलीम, तेरा टांगा तो काफी अच्छा है। क्या भाड़ा होगा जहीर के घर तक का…”
पूजा की जांघ मसलते, उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पे लाने की कोशिश करते सलीम बोला- “अरे मेमसाब, आपकी यह बेबी देगी वो भाड़ा होगा ठीक है ना बेबी…”
पूजा समझ रही थी की सलीम क्या चाहता है पर वो अभी इसके लिए तैयार नहीं थी। एक तो साथ में माँ होने का डर और दूसरी बात यह की पूजा किसी और को चाहती थी, उससे चुदवाती थी और उसे धोखा नहीं देना चाहती थी। पर मौके की नजाकात और वक़्त देखते उसने सलीम को अपनी जांघ मसलने द, पर उसका लंड नहीं पकड़ा।
आरती के मम्मे अब और जोर से मसलते जहीर बोला- “अरे सिर्फ देखा है तूने इसे अभी, अब इसे सहला और रात को इस लंड से चुदवा ले मेमसाब, असली मजा तो तब मिलेगा तुमको…”
एक हाथ से जहीर के हाथ अपने सीने पे दबाते, आरती ने दूसरा हाथ लुंगी के नीचे डालके उसके नंगे लंड को सहलाते, उसकी झांट पे हाथ घुमाते कहा- “रात की बात रात को, अभी जितना करने मिल रहा है करो…”
आरती का ब्लाउज खोलते जहीर उसके निप्पल से खेलते बोला- “अरे लेकिन तब तक यह तो देखो की माल कैसा है जो आपकी चूत चोदेगा मेमसाब…”
सलीम जानबूझ के खराब रोड से टांगा ले जा रहा था। ऐसा करने से पूजा बार-बार सलीम से टकरा रह, थी और सलीम को उसके मम्मे दबाने का चांस मिल रहा था। सलीम भी उसको मदद करने के बहाने उसके मम्मे सहला रहा था, पर अभी तक पूजा ने उसके लंड को पकड़ा नहीं था। जब सलीम ने उसके मम्मे जरा जोर से मसले तो पूजा जरा नाराजी से बोली- “मम्मी, मुझे यहां आगे अच्छा नहीं लग रहा। बार-बार बैलेंस जा रहा है और धक्के लग रहे है। यहां तांगेवाले से बार-बार टकरा रही हूँ…”
जहीर का हाथ अपनी ब्रा में घुसाते आरती बोली- “बेटा बस 2-3 मिनट की बात है, अभी आ जाएगा जहीर चाचा का घर…”
आरती की नंगी चूची दबाते जहीर बोला- “हाँ-हाँ बेटी, बस अभी घर आएगा मेरा…” आरती का हाथ लंड पे दबके रखते और दूसरे हाथ से उसका पूरा ब्लाउज खोलते जहीर बोला- “सलीम भाई, ठीक से चलो तो भाड़ा भी मिलेगा और टिप भी समझे…”
सलीम ने हाँ में सर हलाया और पूजा को मसलना शुरू रक्खा। इधर जहीर ने आरती का सर पकड़ के नीचे झुकाना चाहा और आरती ने उसकी बात मानते एक बार जहीर का लंड किस करते कहा- “रात को सब करुँगी जहीर, अभी जरा रुक थोड़ा टाइम…”
पर जहीर ने जरा गुस्से से उसके मम्मे मसलते, उसके चहेरे पे लंड घुमाते कहा- “बहनचोद, मेरा लंड ऐसे खड़ा किया क्या… अब रात ही है ना अभी साली…” यह कहते जहीर ने आरती के सीने से उसका पल्लू हटाया। टाईट ब्रा में दबी चूचियाँ देखके जहीर से रहा नहीं गया और आरती की चूचियाँ मसलनी शुरू की। मुश्किल से 2-३ मिनट ही जहीर उसकी चूचियाँ मसल रहा था की सलीम ने टांगा जहीर के घर के सामने खड़ा किया। जहीर ने अपना हाथ हटाया और लंड को लुंगी के नीचे डाला।
आरती ने अपना पल्लू ठीक किया पर ब्लाउज के हुक वैसे ही खुले ही रखे। जहीर आरती और पूजा नीचे उतार
गये। जाहीर का घर एक छोटा सा रूम था जो झाडीयो मे था। वहाँ के सब घर के आस-पास काफी झाडिया थी।
सब घर मी अंधेरा था।
तीन उतर गये तब जहिर सलीम से बोला- “बोलो सलीम क्या भाड़ा चाहिये तुमको…”
सलीम पूजा को देखते बोला- “मुझसे क्या पूछता है जहीर । इस छोटी मेमसाब को ही पूछ और दे दो मेरा भाड़ा
और अच्छी सी टीप। जहीर वैसे तू जानता है, मै इतने शोर्ट ट्रीप का भाड़ा नही लेता लेकिन तूने बोला इसलिए
मै आया…”
जहीर ने पूजा को देखते कहा- “पूजा, वैसे तो 20 होते है लेकिन अब तू सोच समझ के भाड़ा और टिप बोल,
कितनी दे दो सलीम को…”
पूजा हैरान होके जहीर को देखने लगी। आरती जहीर की बात का मतलब समझी की सलीम को पूजा चाहिए थी।
पूजा कोई जवाब नहीं दे रही यह देखके आरती बोली- “जहीर, तुम अंदर आके बताओ मुझे की सलीम को कितने पैसे देने है। उसने हमारा इतना काम किया है तो हम उससे नाराज नहीं करेंगे, है ना पूजा…” पूजा ने बिना
सोचके हाँ में सर हिलाया और वो माँ-बेटी जहीर के घर में चले गये।
आरती और पूजा जहीर के घर में गये। आरती का ब्लाउज खुला था पर उसने पल्लू से उसे ढका था। पूजा का
स्कर्ट उसकी कमर तक उठा था जिसका उसे अहसास नही था और उसका टी शर्ट मम्मे पे रगड़ा हुआ नजर आ
रहा था। पूजा की हालत देखके आरती समझ गयी की सलीम ने उसकी बेटी को खूब दबाया है लेकिन जब पूजा
ही कुछ नही कह रह, थी तो आरती भी चुप रही। वैसे भी आरती को कोई फर्कनहीं पड़नेवाला था भले पूजा
सलीम के नीचे सोए तो भी।
सलीम जो भाड़ा और टिप माँग रहा था उसके लिए उसने पूजा को चोदा तो भी आरती कुछ नही बोलने वाली
थी। आरती जानती थी, की सलीम टिप के तौर पे पूजा को चाह रहा था और आज की रात सलीम पूजा को
चोदने वाला ही था। सलीम पूजा को चोदे या ना चोदे, पर आरती को जहीर का लंड चाहिए था उसने ताँगे के
सफर के बारे में पूजा से कुछ ज्यादा नही पूछा।
उधर बाहर खड़ा सलीम जहीर से बोला- “जहीर, बड़ा मस्त माल मिला है यार आज तुझे। वो लड़की तो कयामत
है साली बहनचोद ऐसी चूत मिले तो मै रात भर इसकी चूत और गांड चोदु ”
जहीर ने सलीम क( हाँ में हाँ भरते कहा- “अरे आराम से हाथ आई है दोनो अब घर पे आई है तो चुदेगी जरूर।

मै तो बेटी की माँ को चोदँगा तू पूजा को ले तम्हारे नीचे। सलीम, त रुक इधर, मै तेरा भाड़ा और टिप पूछ के
आता हूँ मेमसाब से…”
जहीर घर में आया तो देखा पूजा बाथरूम गयी थी। आरती चेयर पे बैठी थी। जहीर ने पूछा- “मेमसाब, सलीम
को कितने पैसे और टीप दू बोलो आप…”
बेशर्मि से आरती ने अपना पललु हटाते कहा- “तुमको जितना जी में आए उतना भाड़ा देना और सलीम से बोल
की जो टीप चाहीए उससे खुद आके ले जाना…” टीप ले जाना कहते वक़्त आरती ने बाथरुम की तरफ इशारा
कीया।
आरती की बेशर्मी देखके जहीर पास आया और मममे मसलते बोला- “वैसे सलीम भी मस्त मौला है, अगर आप
कहो तो उसे भी बुलाऊँ रात के लीए… हम दोनों आप दोनों को रात भर चोद सकते है। वैसे भी सलीम आपकी
वो टीप को चोदे बीना नही रहने वाला मेमसाब…”
आरती ने जवाब नही दीया बस हलकी सी स्माइल करते जहीर का लंड पकड़ा।
 
ब्रा में हाथ डालके, मम्मे दबाते जहीर बोला- “मेमसाब, वैसे हम दोनों मर्द के लीए आप जैसी चूत ही मस्त है,पूरी रात चूत और गाण्ड मारते रहेगे तेरी बहनचोद…”
एक बार आरती की चूत सहलाके जहीर ने जाके सलीम को घर में बुलाया। सलीम टांगा बाँधने गया तब तक
जहीर अंदर आया और आरती के मम्मे मसलते बोला- “मेमसाब, सलीम कहता है की बेबी को रात भर के लीए
दे दो हमारे बिसतर पे तो उससे भाड़ा और टीप दोन मईल जयांगे…” आरती के निप्पल से खेलते जहीर आगे
बोला- “मेमसाब वो कहता है उसे वो कमसीन बदन वाली पूजा की चूत चाहीए रात भर के लीए…”
अचानक जहीर को तरसाने के इरादे से आरती बोली- “क्या बकते हो… वो तो अभी बच्ची है, कमसीन है, सलीम
जैसे हैवान को कैसे ले पाएगी… और मस्त मर्द जाने ऐसे कह रहे हो जैसे उसकी माँ और बहन के साथ सोया हो
सलीम…”
जहीर निप्पल को चींट, निकालते बोला- “अरे काहे की बचची है… देखा नही उसके मम्मे तुम्हारे इतने बड़े हुये है, जरूर साली चुदवाती होगी कीसी से। बहनचोद, लड़की का जिस्म ऐसा तब बनता है जब मर्द उसे बड़ी मस्ती से मसलके चोद रहा हो। बोल ना सलीम को बुलाऊँ क्या …”
निप्पल को चींट, में रगड़ने से आरती को अच्छ लगा पर वो बोली - “उसको मुझे चोदने बुलाना हो तो बुलाओ, तू
और सलीम मिलके जैसे चोदना हो मुझे चोदो, मै तुम को नही रोकुगी लेकिन अगर उसने पूजा को छुआ तो मै
उसकी माँ चोद डालूगी समझा…”
आरती की बात से गुस्सा होके जहीर ने उसका पल्लू उतारते उसकी दोन नंगी चूचीयां जोर से दबाके बोला-
“साली ऐसा कहती है तू… अरे नही साली तुम माँ बेटी के साथ सोयेगे, साली रात भर हम मर्द से चुदेगी… समझी साली हरामी… साली गाली नही देना समझी रंडी औरत…” यह कहते जहीर ने आरती को खड़ी
करते, एक झापड़ मारते उसकी साड़ी खोलना शुरु कीया।
जहीर का गुस्सा और झापड़ खाके आरती समझी की अगर जहीर को जयदा अपोज कीया तो कुछ गलत हो
जाएगा पर फिर भी वो बोली- “जहीर तुम दोन मुझे मईलकेजीतना चाहीए उतना चोदो लेकीन प्लीज मेरी
कमसीन बेटी को कुछ मत करना, वो अभी नादान है, तुम जैसे मर्द को सहन नहीं कर सकेगी…”
जहीर ने आरती की साड़ी निकल फेंकी। आरती अब पेटीकोट में थी और ब्लाउज बदन से लटक रहा था।

मुट्ठी में उसकी चूत दबाते जहीर बोला- “क्या रे साली रंडी, तेरी बेटी कौन सी सती सावित्री है की उसे कुछ नही करू…
तेरी माँ की चूत, साली मैने बोला ना, तेरी बेटी भी जरूर चुदवाती होगी जो उसका बदन इतना भर गया है। और
तेरी बेटी को छुआ और चोदा तो क्या उखाड़ के लेगी साली मादरचोद तू हमारा…”
चूत मुट्ठी में दबाने से आरती को झटका लगा और उसने जहीर का हाथ अपनी चूत पे दबाते, चूत को हाथ पे
रगड़ते कहा- “प्लीज उसको नही कुछ करना, तुम दोनों चाहो तो रात भर मुझे जैसा चाहे चोदो लेकीन मेरी बेटी
को कुछ मत करना…”
जहीर कुछ जवाब दे इसके पहले सलीम घर में आया। आरती की हालत और जहीर के करनामे देखके सलीम
बोला- “अरे मेरा भाड़ा लेने आया तू अंदर और इसको नंगा किया क्या … और वो तेरी बेटी कहां है साली जीसको चोदके मै मेरी टीप वसूल करने वाला हूँ…” यह कहते सलीम आरती की चूची मसलने लगा।
तब जहीर बोला- “सलीम, आओ अंदर आज रात के लीए दो रंडीयां है यह माँ बेटी। इनको चोदके हम दोनों
हमारा भाड़ा और टीप वसूल करेगे…” जहीर उसकी चूत रगड़ रहा था। आरती बेशर्म बनके उन मर्दो से अपना जिस्म मसलके ले रही थी।
आरती ने सलीम के हाथ में मम्मा दबाके बोली- “देखो सलीम, तुम जहीर को समझाओ। यह मेरी बेटी है ना,
उसको तुझसे चुदवाना चाहता है। जहीर को बोलो की पूजा को तुमसे चुदवाने की जीद छोड़ दे। पूजा अभी बच्ची है, सहन नहीं कर पाएगी बेचारी तेरा लंड। मुझे पता है की तू उसे चोदने के बाद जहीर उसे चोदेगा। पूजा अभी
इतनी अनुभवी नही की तुम जैसे दो बड़े लंड वाले मर्द को सहन कर सके। अगर कुछ हो गया तो लेने के देने
हो जायेंगे, है ना सलीम…”
कुछ सोच के जहीर को आँख मारते सलीम बोला- “अरे जहीर, जाने दे ना उसे। यह रंडी आरती है ना हमारे पास,
आज रात इसको चोदते है ना जी भरके…”
सलीम का इशारा जहीर ने पकड़ा पर आरती ने नहीं।
आरती की चूत मसलते जहीर बोला- “थीक है सलीम, जैसा तू कहे। वैसे तेरी बेटी है कहां साली रंडी…”
उन दोन के जवाब से खुश होके आरती बोली की पूजा फ्रेश होने गयी है। तब सलीम ने जहीर से बाहर आने को
कहा और आरती से कहा की वो अपना टांगा घर छोड़ के आ रहा है। जहीर और सलीम घर के बाहर आये। बाहर आके सलीम बोला- “अरे जहीर, साले बाद में लेगे ना बच्ची को भी, मेरा लंड भी बच्ची के लीए खड़ा है…”
जहीर बोला- “थीक है सलीम, लेकीन साली यह मेडम की माँ की चूत, बहनचोद को ऐसा चोद डालंगे आज की
साली चल नही पाएगी रांड़ साली । कुछ भी करके आज रात मै ही इन माँ-बेटी को एक साथ एक दूसरे के सामने चोदेगे…”
हँसते हुए सलीम बोला- “तू भी बड़ा हरामी है जहीर। पूजा को बेटी-बेटी बोल के उससे चोदने की तमन्ना रख रहा है साले। वैसे जहीर, वो बच्ची कैसे है… मेरा तो बहुत दील है उसपे साली का **** कर दूंगा अगर प्यार से न मणि तो



जहीर ने जवाब दीया- “सलीम बच्ची तो मस्त माल है, एकदम कमसीन, भरा हुआ जिस्म है साली का, लेकीन
माँ और मस्त है। साली स्टेशन पे झुक-झुक के मेरा लंड देख रही थी और मुझे पटाने के लीये लड़की को
अकेली भेज दीया टैकसी लाने। क्या मम्मे और गांड है साली की। यह दोनों माँ बेटी एकदम मस्त माल है।

मै माँ के साथ ऐयाशी करता हूँ, उसकी कमसीन बेटी को तू चोदेगा तो तेरी भी ऐश होगी आज सलीम…”


जहीर और सलीम डिसाइड करते है की जहीर आरती को बहुत ह्यूमिलेट करके बेरहमी से चोदेगा जीसकी वजह से आरती बहुत चिललायेगी और उसकी आवाज सुनके पूजा देखेगी की उसकी माँ कैसे होके भी जहीर
से चुदवा ले रही है। अपनी माँ को एक रंडी जैसे जहीर से चुदवाते देख, वो भी गरम हो जाएगी और उसके बाद
भले आरती उसे मना करे पर फिर भी पूजा सलीम के साथ चुदवाने को तैयार होगी और सलीम से अपनी माँ के
सामने चुदवा लेगी।
दोन बात कर रहे थे और उधर पूजा फ्रेश होके बाहर आई। आरती अपनी साड़ी और कपड़े थीक कर रह, थी जब पूजा बाहर आई। पूजा को देखके आरती ने उसे पास बुलाया। पूजा जब पास आई तो आरती बोल,- “देखो बेटी, आज तुम बाहर सो जाना, अंदर मत सोना…”
पूजा हैरान होके बोली- “थीक है मम्मी, लेकीन तू मुझे बाहर सोने को क्यों बोल रही है… एक तो अंजान जगह है
और मुझे बाहर अकेले सोने में डर लगेगा…”
आरती जरा नाराजी और गुस्से से बोली- “पूजा, मुझे जहीर और सलीम की नजर कुछ थीक नही लगती। मैने
तुझे मना कीया था ना की इतने टाईट कपड़े मत पहनना…”
पूजा जरा डर के बोली- “सार, मम्मी, लेकीन अगर तुम अकेली अंदर सोई तो कोई मालूम नहीं है ना… तुम कहो
तो हम चले जाते है यहां से…”

चले जाने की बात से आरती जरा थम सी गयी। आरती को जहीर का लंड चाहिये इसलीए यहां आई थी और
बीना उससे चुदे जाने वाली नही थी, इसलीए कुछ सोचके वो बोली - “मेरा क्या करेगे साले। नही पूजा अब रात
को इस वक़्त कहां जयांगे हम माँ बेटी… अच्छा सुन, इधर आ…”
पूजा जब आरती के पास आई तो आरती बोल,- “अपनी यह टी-शर्ट और यह जो इतनी टाईट ब्रा पहनी है, उसको निकाल ताकी तेरा यह जिस्म ऐसा भरा-भरा ना दीखे उन मवालियों को…”
पूजा ने अंदर जाके अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतारके एक कुरता और नीचे सलवार पहन के बाहर आई। लूस कुरता में अपनी बेटी को देखके, आरती उसके पास जाके, पूजा के मम्मे टच करते बोली- “हाँ अब देख कैसे तुमहारे यह दीखाई नही देते है। उन दोनों की नजर बार-बार तुमहारे सीने पे थी इसलीए मैने तुझे यह लूस कुरता पहनने को कहा समझी…”
पूजा अपने मम्मे पे अपनी माँ का टच पाके हैरान हुई। जबसे ताँगे में सलीम ने उसके मम्मे दबाए थे वो
मदहोश हुई थी। उसे सलीम का हाथ अपने मम्मे पे चाहीए था, पर जब सलीम उसके मम्मे दबा रहा था तब
उसने बहुत नाटक कीया। अब सलीम ना जाने कहां चला गया था।
पूजा को सलवार कुर्ते में देखके आरती बोल,- “ठीक है यह कपड़े, इन कपड़ में तेरा जिस्म कीतना उभरा हुआ है समझता नहीं । पूजा, तू ही अपने आपको देख, कीतना भरा हुआ है तेरा बदन…” यह कहते दुबारा आरती ने पूजा के मम्मे पे हाथ घुमाया।
असल में आरती पूजा को गर्म कर रह, थी, ताकी अगर सलीम या जहीर उसे चोदने जाए तो पूजा उनको नहीं
रोकेगी। जहीर के लंड के लीए आरती अपनी बेटी तक को सलीम से चुदवाने को तैयार थी। पूजा ने माँ का हाथ
हटाते कहा- “ओह मम्मी, अब मै 21 साल की हूँ, बदन तो भरेगा ही ना मेरा…”
आरती जरा स्माइल करते बोली- “हाँ मालूम है की तेरा बदन भरेगा, लेकीन मेरा बदन कभी ऐसा नहीं भरा था
जब मै तुमहारे उमर की थी तब…”
अपनी माँ को अच्छा जवाब देते पूजा बोली- “नही था तेरा बदन ऐसा भरा मम्मी जब तू हमारे उमर की थी…”
आरती हँसते बोल,- “तुझे क्या लगता है मेरा ऐसा रहा होगा… मेरा सीना इतना उभरा नही था 21 की उमर में ।
पता नही तुम आजकल की लड़कीयां क्या करते हो… अभी शादी भी नही हुई और तुमको 34 की साइज की ब्रा छोटी होती है। पूजा, यह अच्छा की या तूने की ब्रा नही पहना। इससे रात में अच्छी नींद आएगी तुमको…”


पूजा भी अब रंग में आते बोली- “ओह मम्मी , मै ऐसा कुछ नही करती हूँ जैसा तुमको लगता है। मेरा सीना तो
अपने आप बढ़ गया तो मै क्या करू बोलो… मम्मी, तू क्या पहन के सोने वाली है…”
अपनी बेटी का चहेरा सहलाते आरती बोली - “मैने कब कहा की तूने ऐसा किए है… हो जाता है कीसी-कीसी का
सीना इतना बड़ा बीना कुछ कीए। मै तो यही साड़ी और शाल पहन के सो जाऊँगी…”
पूजा बोली- “ठीक है मम्मी, अब मई जाऊँ सोने बाहर…”
आरती ने उसे जाने कहा और पूजा सोने बाहर गयी। आरती चेयर पे बैठके आने वाली रात की चुदाई के बारे में
सोचने लगी और कुछ टाइम बाद जहीर रूम में आया पीछे वाले डोर से।
अंदर आते जहीर ने पूजा के बारे में पूछा तो आरती बोली- “पूजा बाहर वरांडा में सोने गयी है। लेकीन जहीर,
मेरी बेटी की क्या बात करता है। पूजा तो तेरी बेटी जैसी है ना…”
आरती के सामने खड़े होके जहीर बोला- “अरे साली, ऐसी बेटी है तो हम उसको भी चोद डाले। क्या मस्त माल है तेरी बेटी आरती। चल अब नंगी हो ना साली। तू क्या तेरी बेटी को ऐसे कपड़े पहनने से तू इनकार नही करती क्या… कैसे रंडी दिखती है वोह उन कपडो मे…”

जहीर को जरा चिढ़ाते आरती बोली- “तुम लोग हमे रंडी क्या कहते हो साल … हमारा बदन ऐसा है तो तुमहारे लंड टाईट होते ही, वरना उनमे कहां जान थी। जहिर, मेरी पूजा उन कपड़ मे रंडी नहि, परी जैसी दिखती है उन
कपड़ मे समझे…”

आरती के मम्मे मसलते जहिर बोला- “हाँ सालि, रंदियो का बदन देखकर हि जान आई ना इसमे… और अब यह हमारे लंड तुमको कैसे चोदते हे देखती जा रंडी चूत। आरती, तू क्या सटेशन पे बार-बार मेरी लुंगी के अदंर देख रही थी साली… यह माना की तेरी बेटी परी लगती है उन कपड़ मे पर यह भी उतना ही सच है कि उस परी को आज मी या सलीम चोदेगे। सालि धंधेवालि दिखती है तेरी परी बेटी ऐसी कपड़ मे और आज तेरी बेटी को लंड का स्वद चखा देंगे हम… चल मादरचोद, अब जल्दी नंगी हो जा रंडी चूत…”

आरती खड़ी हुई और उसकि साड़ी गिर गयी। पेतीकोट ना पहनने से आरती अब खुले बलाउज, उसक ब्लैक ब्रा और पैंती मे खड़ी होके बोलि- “सलवार कमीज मे तेरे को वो रंडी दिखती है क्या साले…”

एक हाथ से आरती कि गांड पे थप्पड मारते, दूसरे से उसकि चूत मसलते हँसते जहिर बोला- “अच्छा सालि चल अब खड़ी रहते हमारे सामने अपनी पैंती उतार। सालि रंडी, बोल ना स्टेशन पे क्या देख रहि थी तू… और हाँ, सालि यह बता यह बेती तुम्हारे पती कि हि है या किसी दूसरे कि पैदाइश है सालि छीनाल… सालि ने अभी सलवार कमीज पहनी है, नहि तो वो टाईट स्कर्ट मे हि थी ना… वैसे भी रंडी कि बेती रंडी हि दिखेगी ना…”

हँसते हुए जहिर ने पैंटी के ऊपर से एक उंगलि आरती कि चूत मे घुसाई। चूत पे उंगलि रगड़ने से अच्छा लगा आरती को और वो बोलि- “आआआः आह बताती हूँ, स्टेशन पे तेरी लुंगी से तेरा लंड दिख रहा था उसे देखके मै गरम हुई और इसलिए तुमहारे साथ आके, तुझसे चुदवाने का फैसला किया मैने जहिर। और क्या मतलब है तेरा कि, मेरी बेती किसी दूसरे कि पैदाइश है… क्या पूजा मेरी जैसी नहि दिखती जहिर…”

अब दो उंगलि से आरती कि चूत रगड़ते जहिर आगे बोला- “लुंगी के नीचे मेरा लंड देखके तुम्हारे दिल मी इच्छा हुई सालि मुझसे चुदवाने कि, पर मैने जब तुझे ट्रेन से उतरते देखा तभी से मेरा लौड़ा तेरी चूत चोदने खड़ा हुआ रंडी… कैसे आँखे फाड़-फाड़ के देख रहि थी हमारे लंड को तू हरामी चूत, है ना… पहले बोलि गंदा कुलि है और अब मुझसे हि चुदवाने आई ना रंडी औरत… रहि तेरी बेटी कि बात, तो हाँ तुम्हारे जैसे दिखती तो है लेकिन तुम्हारे पति कि तुम्हारे नंगे बदन कि मेहनत का नतीजा नइ लगती है वो…”

अपनी चूत पे बढ़ रहा जहिर कि उंगलियो के जोर से आरती सीसक्रिया भरते बोलि- “क्या इच्छा और क्या बकते हो… तुम क्या समझते हो… मै कौन हूँ और मेहनत वेहनत क्या बकते हो… और तू कैसे बोल रहा है कि पूजा हमारे पती कि बेटी नहि बल्की किसी दूसरे मर्द कि बेती है जहिर…”

जहिर ने जब पैंटी के नीचे हाथ डालके आरती कि चूत मे उंगलि डालि,, तब उसे ऐसा लगा कि आरती कि चूत उसकि उमर के हिसाब से बहुत टाईट थी। जहिर के खीलवाड़ से आरती के निप्पल टाईट हो गये और उसके ह ठ थोड़े खुल गये थे। खटिया पे आरती को बीठाके, उसके सामने खड़ा रहके अपना लंड उसके मुँह पे घुमाते जहिर बोला- “सालि चल यह ले मेरा लौड़ा और अब चूसना शु रु कर रंडी। उफफफ़ सालि क्या टाईट चूत है तेरी। लगता है तेरा पती ज्यादा नहि चोदता तुझे … इसलिए मुझे लगा कि यह पूजा तुम्हारे पती ने तुझे चोदके नीकलि हुई बेती नहि है समझी… ऐसे हि अंदाजा लगाया मैने… वैसे किसकि बेटी है यह असल मे… और यह बताओ तू मुझसे चुदवाने क्यो तैयार हुई। चल अब बोल क्या करेगी हमारे इस लंड से…”

आरती ने जीभ धीरे से बाहर निकालके, जहिर का लंड पकड़ते, उसकि टोपी चाटके कहा- “पूजा मेरी बेटी है जहिर, मै सच कह रहि हूँ। रहि बात तुझसे चुदवा लेने कि, तो एक तो मी बहुत दिन से प्यासी हूँ, तेरा यह मस्त

लौड़ा देखा तो तुझसे चुदवाने कि इच्छा हुई। तू भी जिस हिसाब से मुझसे बात कर रहा था, मुझे अचछा लगा। तूने मेरे मम्मे दबाए, डबल मिनिंग कि बात कि और पूजा के बाहर जाने के बाद जो सीधे-सीधे हम माँ बेटी को चोदने कि बात कि उससे मै और हि फीदा हुई तुझपे और इसलिए मै तुझसे चुदवाने को तैयार हुई। अच्छा यह बता- सलिम को मेरी पूजा के बदन मे क्या पसंद आया…”

जहिर बोला- “अरे रंडी, बोल ना क्या करेगी हमारे खड़े लंड का… यह पता है कि पूजा तेरी बेटी है, लेकिन किसको चढ़ाया था अपने नंगे बदन पे और किसका लौड़ा चूत मे लेके चुदाई कि तो यह बेटी पैदा हुई यह तो बोल। किसका बिस्तर गरम किया था इस लड़कि को जनम देने के लिये… आरती, सलिम को पूजा कि गांड पसंद आई है बहुत और आज रात मे तेरी बेटी को पीछे से पकड़ के पूजा कि गांड पहले मारने वाला है सलिम। वैसे भी सलिम के लौड़े को लड़कि कि गांड चोदने बड़ा मजा आता है। आरती क्या तेरी बेटी चुदाई है किसी से… मुझे लगता है कोई लौड़ा उसकि चूत चोदता होगा जरूर नहि तो ताँगे मे सलिम से इतना मसल के ना लेती तेरी रंडी बेटी, है ना…”

जहिर आरती के दोनो निप्पल्स जोर से पिंच करने लगा तो आरती जरा दर्द से चील्लाते बोलि- “ओह आश धीरे मसलो ना हमारे निप्पल। ज्यादा दर्द मत दो, मै सच बता रहि हूँ। सुनो मै बताती हूँ, मेरा ड्रायवर था हनीफ। उसने एक ह, बार मे फीट कर दिया मुझे, उसने मुझे चोदके पूजा को मुझमे डाल दिया था और मुझे पता नहि कि पूजा ने अभी तक चुदाई कि है या नहि जहिर…” यह कहते आरती ने जहिर का लंड सहलाने शुरू किया। जहिर को सच बताने से जहिर अब उससे ज्यादा दर्द नहि देगा ऐसा उसने सोचा, पर हरामी जहिर ने लंड आरती के मुँह मे घुसाते, उसके हलक तक डालते, मम्मे दबोचते, निपल खींचते कहा- “मतलब क्या सालि, डीटेल मे बोल क्या हुआ… हनीफ ने कैसे तुझे फीट किया, सब ठीक से बता…”

जहिर का लौड़ा धीरे-धीरे करके पूरा चूसने के बाद आरती ने मुँह से निकालते कहा- “उफफफ़, जरा आराम से दबा ना मSमे, और निपल क्या खींच रहा है इतना… आअहह मेरे ड्रइवर हनीफ ने मेरा ***** किया था। अहह इसलिए तो पूजा आई। मै अपनी सहेलि के घर लोनावला जा रहि थी, जब मै झाडीयो मे पीशाब करने गयी, तब उसने मेरा ***** किया था। आआआः आ आश उसके बाद उसने 3-4 बार महिने मुझे चोदा और बाद मे नौकरी छोड़के दुबई चला गया। अहह आश माँ, प्लीज आराम से कर ना जहिर…”

झुकके आरती कि चूत को उंगलि से चोदते, उसका एक निपल चबा के जहिर बोला- “वाह, मतलब तुझे मुसलमान लंड पसंद है रंडी… सालि तभी मै बोलू ऐसी मस्त बेटी तेरा चुतीया पती कैसे दे सकता है। कैसा लगा उसका लौड़ा… गालियां देके **** कीया ना… क्या हुआ ओह माँ करने छीनाल… स्तेशन पे तो सती सावित्री बन रहि थी लेकिन मेरा लौड़ा देखा और औकात पे आई ना हरामी…”
 
आहे भरते आरती बोल,- “नहि जहिर, ऐसा नहि कि मुझे मुसलमानी लंड पसंद था या है, हाँ यह बात है कि मुसलमान से चुदवाने मे एक अलग मजा आता है। इसलिए जब स्टेशन पे पहले तेरा नाम समझी और बाद मे लंड देखा तो तुझसे चुदवाने को तैयार हुई…”
हनीफ का लौड़ा तो एकदम मस्त था, उसने मुझे काफी चोदा और जब वो चला गया तो मुझे बड़ा खराब लगा। उसके तगड़े लंड कि बहुत आदत पड़ गयी थी मुझे। पर जब पूजा पैदा हुई, उसके बाद मैने कभी दूसरे लंड से अपनी चूत नाही चुदवाया। हनीफ जाने के बाद तू पहला गैर मर्द है जीसको मैने इतने पास आने दिया। आश बहुत जोर से मत दबा हमारे मम्मे, नहि तो ढिले हो जयांगे…”
अपनी दोन हथेलियो से आरती के मSमे मसलते जहिर बोला- “मम्मे ढीले हो गये तो क्या हुआ… सालि होने देना ढीले, अब और कितने मर्दो को दिखाना है अपना नंगा बदन और किससे मसलवाने है मम्मे रंडी… तुमहारेपती को मालूम है कि पूजा उसकि बेटी नहि है वो… सालि गोटीयां भी चूस मेरी और गांड भी सहला। मुझे जरामजा तो दे हरामी, सिर्फ क्या हमारे नीचे सोने आई है क्या रंडी…”

आरती पूरा लौड़ा मुँह मे लेते चाटने लगी और अपने मम्मे अपने आप दबाते, जहिर को देखते अपनी जीभ उसके लंड के बेस से टाप तक ले जाते चाटने लगी। बेंच पे लेटी आरती के सर के दोन साइड खड़े रहते उसका मुँह ऊपर से अपने लंड से चोदते जहिर बोला- “अरे सालि तुझे मेरा लौड़ा कितना पसंद आया बताओ तो मुझे…आआअहह बिलकुल रंडीयो जैसे चूस रहि है और चूस ना सालि…”

जहिर कि झांट के बाल को भी अपनी जीभ से साफ करते आरती बोलि- “आअहह आहह उSSम कितना लंबा और मोटा है तेरा लंड जहिर। तुमहारे इस लंड को खूब चुसूंगी, चाटूँगी और फीर उसके बाद तुमहारे नीचे सोकर, तुमहारे इस लंड से अपनी गरम चूत, जैसे तू चाहेगा वैसे चुदवा लँगी राजा। उउSSSमाह उSSSमम आहह क्या खुशबू है तुमहारे झांट को जहिर, मजा आ रहा है तुमहारी झांट चाटने मे…”

आरती के मुँह मे अपनी गोटीयां देके, उसकि चूचीयां बहुत जोर से दबाते जहिर बोला- “यह हुई ना सच्ची रंडी जैसे बात मादरचोद। सालि तू देख आज कैसे मस्ती से तेरी चूत और गांड मारता हूँ रंडी चूत। सालि अब मेरा लंड पूरा हलक तक ले सालि। आज तुझे और तेरी बेटी को चोदके हि यहां से जाने दुंगा, तू मुझसे चुदेगी और तेरी बेती कि गांड सलिम मारेगा। सालि हनीफ से भी बड़ा और मोटा है क्या मेरा लौड़ा रंडी…”

जहिर का लंड हलक तक लेकर चूसने के बाद, आरती ने जहिर कि गांड के पास चाटके कहा- “अहह आश हाँ जहिर, तेरा लंड हनीफ के लंद से भी मोटा और लंबा है आहह… तुमहारे लंड जैसा काला मोटा नाग मैने आज तक नाही देखा। ऐसे काले मोटे नाग को अपनी चूत के बिल मे लेने मे बड़ा मजा आएगा मुझे जहिर…”

उलटा घूम के, आरती कि चूत मे अच्छे से चाटने के बाद उसमे उंगलि करते जहिर बोला- “हाँ सालि, तू, तेरी बेटी और तेरी जैसे रंडी औरत#हम जैसे मजदूर कि झांट कि रखैल हि हो समझी क्या… सालि वैसे तेरी बेटी को भी बुला ना अंदर उसको भी चोद डालता हूँ। बहनचोद, काय माल दिख रहि थी स्टेशन पे। यह तो पक्का है कि आज पूजा को चोदने सलिम कुते जैसे चढ़ेगा पूजा पे और उसकि गांड मारेगा। अब आरती रंडी, चात मेरी गंड चाटके उसे भी पूरा साफ कर समझी…”

आरती कि जीभ अब जहिर कि झांट साफ करके, उसकि गोटीयां और लंड चाटने के बाद, जहिर कि गांड तक पहुँची और अब जहिर कि गांड चाटके साफ करने लगी।

अच्छे से जहिर कि पूरी गांड चाटके आरती बोलि- “ क्या खुशबू है तुमहार, गंड की जहिर,बिलकुल हनीफ कि गांड जैसी। जैसे तुझे अच्छा लग रहा है मुझसे तेरी गांड चाटके लेना वैसे उस हरामी को भी अच्छा लगता था। साला हर बार जब मुझे चोदने आता तो अपनी गांड चाटके लेता। जहिर, मुझे पता है कि पूजा को बीना चोदे आज तुम लोग नाही जाने दोगे। पर अब मुझे उसकि परवाह नाही। अहह जहिर, उफफPफ़ मै अब ज्यादा तड़पना नाही सहन कर सकती इसलिए मुझे चोदो, चोद चोदके मेरी चूत और गांड का भोसड़ा बनाओ जहिर…”

आरती कि इस हालत पे खुश होते हुवे जहिर ने उसकि गांड और चूत मे उंगली डालते कहा- “हाँ चोदुंगा तुझे रडी, पूरी रात बाकि है अब। तुझे पूरी रात भर चोदुंगा। तेरी चूत चोदुंगा, गांड मरुंगा और झड़ने के बाद, लौड़ा खड़ा करने तुम्हारे मुंह मे डालुगा रांड़…”

फीर एक बार जहिर ने अपना लंड आरती कि मुँह मे डाला जीसे आरती पूरे जोश से चूसने लगी।

जहिर आरती कि चूत चाटके बोला- “सालि बिलकुल रंडी जैसे चुसती है तू। कितने मर्द का लौड़ा चूसा है अब तक तूने छीनाल… सालि जवान बेटी को बारीश मे सुलाया है और इधर तू रंडी जैसी हमारे गरम लंड से चुदवाने वालि है। अहह और चूस मेरा लौड़ा हरामी रंडी चूत…”

आरती दिल लगा के जहिर का लंड चूसने लगी। कमरे मी उन दोन कि ऐयाशी बड़ी मस्ती मे चल रहि थी। वो दोनो यह भी भूल गये कि पूजा बाहर थी और उनकि आवाज पूजा सुन सकती थी। और हुआ भी वैसे हि थी। पूजा ने वाइट सलवार कमीज पहनी थी, नीचे ना ब्रापहनी थी उसने और ना पैंटी। उसे जब जहिर के कमरे से उसके माँ आरती और जहिर कि कुछ अजीब से आवाज आई तो उसने झांक के अंदर देखा। खीड़कि से पूजा ने जो नजारा देखा उससे तो उसके होश हि उड़ गये।

पूजा ने देखा उसकि माँ जिसे वो अब तक सती सावित्री मान रह, थी, वो आरती एकदम रंडी कि तरह एक आवारा कुली का लंड चूस रहि थी। उसने यह भी देखा कि कैसे उसकि माँ उस मुसलमान जहिर का लंड और गंड छाट रहि थी। जहिर चाहे जीतना भी गालियां क्यो ना दे, कितनी बेरहमी से उसको क्यो ना मसले, कितना भी बेइ€ज़त क्यो ना करे, आरती को और मजा आ रहा था। अपनी माँ कि रंडीगिरी, जहिर कि बाते, माँ कि चूचीयां, चूत और गांड कि टाइटनेस देखकर पूजा गरम हुई।

अंदर के सीन ने उससे इतना गर्म कर दिया कि उसे इस बात का भी पता नहि चला कि वो बारीश मे खड़ी थी वाइट सलवार पहन के जीसकि वजह से उसका सारा ड्रेस उसकि बाडी से चीपक गया था और उसकि चूचीयां किसी को भी दिख सकती थीं। वो अंदर का सीन देखकर और अपनी मम्मी का फीगर देखकर अपने आप आह भरने लगी और अपने मम्मे दबाने लगी।

उसे यह भी मालूम पड़ा है कि आज तक वो जीसे अपना बाप समझ रहि थी वो उसका बाप नहि है बल्की वो किसी ड्रायवर कि औलाद थी।

आरती का जहिर के साथ रंडी जैसा बिहेवियर देखके पूजा भी गरम हुई और वो अपनी दोन टांग मे चूत दबाके मम्मो से खेलने लगी। पूजा जब अपने मम्मे दबा रहि थी और अपना जिस्म खुद मसल रहि थी तब बीना कोई आवाज किए, उसके अंजाने मे सलिम पीछे आके खड़ा हुआ। एक कमसीन लड़कि, बारीश मी भीगे कपडो मे खड़ी जहिर के कमरे मे झाँक के क्या देख रहि है यह सोचते सलिम जब अंदर का नजारा देखता है तो वो भी खुश हो गया। अपनी रंडी माँ को जहिर का लौड़ा चूसता देख पूजा भी गरम हो गयी और इससे सलिम का काम और आसान हो गया।

सलिम ने अंदर बाहर का नजारा देखके चुपचाप पूजा के पीछे आके खड़े रहते कहा- “पूजा क्या देख रहि हो अंदर… अपनी माँ को जहिर से चुदवाते देख रहि हो… और यह क्या अपना बदन खुद क्यो सहला रहि हो, मै हूँ ना पूजा तेरा यह मस्त जिस्म मसलने, उसे चोदने के लिये…” यह कहके सलिम ने पूजा को पीछे से दबोचते, उसकि गांड पे अपना लंद रगड़ने शुरु करते और उसके मम्मे दबाते हुवे कहा- “देख सालि तेरी माँ कैसे जहिर का लौड़ा और गांड चाट रहि है… तू भी चाटेगी ना मेरा लौड़ा ऐसे पूजा…”

अचानक आई सलिम कि बात से पहले पूजा जरा डर गयी पर उसने सलिम को अपना जिस्म मसलने से रोका नहि। एक तो ताँगे मे कि उसकि हरकते उसकि माँ का उसके मम्मे छूना और अभी अपनी माँ कि ऐयाशी देखके उसका खून गरम हुआ था।

सलिम कि गंदि बाते और उसको मसलने से पूजा को अचछा लग रहा था और वो बोलि- “सलिम, मेरी माँ ऐसी नहि थी, पर लगता है जहिर चाचा का ‘वो’ देखके उससे रहा नहि गया होगा। मै तेरा ‘वो’ नही चूसूंगी, क्योंकी तुम लोगो का बहुत बड़ा होता है, देखो वो अंदर मे जहिर चाचा का कितना बड़ा है जो माँ बार,-बार, चाट से मुँह मे ले रहि है…”
इधर सलीम ने पूजा की कमीज ऊपर की। पूजा ने ब्रा नहि पहनी थी तो उसके नंगे मम्मे सळीम के हाथ लगे जो सलीम दबाने लगा। अपने दूसरे हाथ से सलीम ने सलवार का नाड़ा खोला। सलवार गीली होने से पूजा की टांग में चिपक गयी थी। सलीम ने पूजा की वो गीली सलवार खींचके पूरी नीचे की।

अंदर उसने पैंटी भी नही पहनी थी, यह देखके सलीम और खुश होते, पूजा की नंगी चूत सहलाते, बोला- “ऐसी नहीं थी मतलब… अरे तूने देखा ना कैसे रंडी जैसे तेरी माँ जहीर का लंड चूस रही है, उससे गालियां खाके भी खुश होके उसकी गांड तक चाट रही है… मादरचोद, एक नंबर की रंडी है तेरी माँ पूजा। देख रही हो ना अपने आपको कमरे मे रकते तुझे क्यों बाहर सुलाया बारिश में उसने… उसे जहीर से चुदवाना जो था पूजा…”
 
पूजा का एक हाथ पीछे अपने लंड पे रखते सलीम आगे बोला- “क्या बड़ा होता है हमारा पूजा रानी… रानी उसे क्या बोलते है बताओ ना… तुझे पसंद आएगा मेरा चूसने मे… रानी तूने चूसा है क्या आज तक वैसा कीसी मर्द को जो तेरी रंडी माँ अभी चूस रही है…”

अब पूजा नीचे नंगी थी और सलीम उसके दोन मम्मे जोर जोर से दबा रहा था। अपने को सलीम ने करीब पूरा नंगा किया, लौड़ा हाथ में दीया, अपनी माँ के बारे में इतना गंदा बोलके, अपनी चूत रगड़ते, उसका लंड भी हाथ में दिया यह सब सहते भी पूजा ने उसे बिना रोके कहा- “आअहह यह क्या करते हो हमारे साथ तुम… सलीम, माँ को जो करना है करने दे, मुझे क्या उससे… पर तू यह क्या कर रहा है हमारे साथ… सलीम, मेरी माँ दिखने में है ही इतनी अच्छी की कोई भी उसपे फिदा हो सकता है। तू मेरी माँ को देख तो, भले कुछ भी कर रही है जहीर चाचा के साथ लेकिन एक बात है माँ का फिगर बहुत सेक्सी है ना…”

पूजा की चूत में उंगली डालके, उसकी नेक कीस करते सलीम बोला- “बहनचोद, साली बोल ना, तेरी माँ जहीर का जो चूस रही है उसे क्या बोलते है… पूजा, यह बात सच है की तेरी माँ एकदम मस्त माल है, और कोई भी मर्द चाहेगा की तेरी माँ उसका बिस्तर गरम करे, साली तेरी रंडी माँ की फिगर सच में मस्त है। चल हाथ पीछे करके मेरा लौड़ा पकड़ के बोल की कैसा है मेरा लौड़ा… पूजा तूने कभी लंड को चूत में लिया है…”

पूजा भी जोश में आते अब सलीम का लंड पकड़ते बोली- “मेरी माँ को जहीर अच्छा लगा और इसके लिए हम उसके घर आƒ गए, यह बात मै स्टेशन पे ही समझी, जब माँ बार-बार जहीर की लुंगी के नीचे देख रही थी। और सलीम अगर माँ इतनी सेक्सी है तो मुझे छोड़ दो और जाके उसको ले लो अंदर, मुझे क्यों नंगी करके तंग कर रहे हो। आहह धीरे से उंगली डाल ना नीचे, क्यों इतना दर्द दे रहा है…”

पूजा के निपल को हलके से चूमते सलीम बोला- “क्यों छोड़ दँ तुझे रानी… तेरी माँ से तू ज्यादा सेक्सी है और वैसे भी मुझे तुम्हारे जैसा कमसिन माल अच्छा लगता है चोदने में… जैसे तेरा यह जिस्म है, एकदम मस्त बदन है तेरा बिलकुल तुम्हारी, रंडी माँ के जैसा। जहीर बोल रहा था कि ताँगे में भी तेरी माँ जहीर के लंड से खेल रही थी और ताँगे में ही जहीर ने उसे कमर तक नंगी कर दिया था। तूने बोला नही रानी, क्या तूने कभी किसी का लंड चूसके बाद में उससे चुदवा लिया है या नहीं…”

सलीम के निपल किस करने से पूजा को बड़ा अच्छा लगा और उसने आँखे बंद करके सिस्कारिया ली। सलीम के मुँह की तरफ अपना सीना बढ़ाते पूजा बोली- “मैंने किसी का ना मुँह मे लिया और ना उसके साथ कुछ किया है ऊओह… कमसिन मतलब क्या… मेरीं माँ क्या नही है कमसिन सलीम…”

पूजा के मम्मे किस करके सलीम ने अब उसकी सलवार उतार डालते उसकी नंगी चूत में उंगली करनी शुरु की दूसरा हाथ पूजा के दोन मम्मे दबा रहे थे और सलीम का लंड पूजा की नंगी गांड पे रगड़ते सलीम बोला- “नही पूजा, तेरी माँ अब कमसिन नही। अब तेरी माँ एक पका हुआ फल है लेकिन तू कच्ची कली है और मुझे तुझ जैसे कच्ची कलियों को फूल बनाने में जयदा मजा आता है। पूजा तेरी माँ ने तुझे यहां बारिश में भेज दिया और खुद देख कैसे अंदर जहीर का लंड और गांड चाट रही है, एकदम रंडी है तेरी माँ तो। चल जाने दे तेरी माँ की चूत, मै तेरी गर्मी उतारता हूँ हमारे लंड से। तूने आज के पहले लौड़ा नहीं लिया है ना, तो आज मेरा लौड़ा चूस और बाद में देख तेर, गांड और चूत कैसे मारता हूँ मै पूजा…”

“नही, मै वैसा कुछ नहीं करुँगी जैसा तू कह रहा है। मै अपने पती के पास कोरी कुवाँरी जाना चाहती हूँ। और यह सब तुम क्या बोलते हो गर्मी और यह सब अनाप-शनाप…” यह सब कहती हुए भी पूजा सलीम का लंड सहला रही थी।

पूजा का यह नाटक देखके, सलीम उसके निपल मसलते बोला- “मतलब क्या तू गर्म नही हुई अंदर तेरी माँ की रंडीबाजी देखके… क्या तुझे नही लगता कि वैसे ही तुझे भी कोई लंड मिले चूसने… पूजा इतनी सती सावित्री मत बनो, आओ मुझे तुम्हारे जिस्म की पूजा करने दो अपने लंड से रानी, आओ हमारे पास। जरा अपनी रंडी, छिनाल माँ से कुछ सीख और चल ऐयाशी करने इस मजदुर के लंड के साथ पूजा…”

जोर से निपल मसलने से पूजा को दर्द हुआ और उसने सलीम का हाथ निपल से हटाते कहा- “क्यों ना बनू मै सती सावित्री… क्या सती सावित्री बनना कोई गुनाह है… क्यों मै तुझसे वो सब करूँ जो अंदर माँ जहीर चाचा के साथ कर रही है… क्या मै रंडी हूँ… आह, मुझे छोड़ो ना सलीम, तुम्हारे इधर, हमारे सीने पे हमारे निपल मसलने से मुझे दर्द हो रहा है ना। कैसे जानवर जैसे हैवानी करते हो…”

पूजा की बात का कोई असर सलीम पे नही होता। पूजा के मम्मे दबाना उसने वैसे ही शुरु रखा। दबाने से पूजा के मम्मे टाईट और निपल टाइट होने का अहसास सलीम को हो रहा था। पूजा के जिस्म से खेलते सलीम बोला- “नही-नही पूजा रानी, तू रंडी नही है, लेकिन यह सलीम आज तेरी कच्ची जवानी से खेलके तुझे रंडी बनाएगा अपनी, जैसे इस वक्त अंदर तेरी माँ जहीर की रंडी है। पूजा और सुन, मै अपनी होनेवाली रंडी को जैसा चाहूँ वैसे इस्तेमाल करूँगा। तेरी माँ की चूत, मादरचोद, तुझे दर्द हुआ तो मुझे क्या… आज तेरा यह कमसिन बदन दबाके, मसलके और चोदके तुझे मेरी रंडी बनाऊँगा। बोल बनेगी ना मेरी रंडी पूजा तू…”

यह कहते सलीम ने पूजा की सलवार पूरी निकालके, उसका एक निपल चूसते आगे कहा- “पूजा मै तो तुझे मेरी रंडी बनाना चाहता हूँ रानी और वो भी तेरी माँ के सामने तुझे रंडी बनाऊँगा मै। जहीर रंडी माँ को चोदेगा और मै रंडी बेटी को चोदूंगा। और बाद मे हम दोनो बारी-बारी तुम माँ बेटी को चोदेंगे हमारी रखैल बनाके। बोल मादरचोद रांड बनेगी ना तू हमारे मुसलमान लंड की रांड़ अपनी माँ की तरह पूजा…”

अपनी रंडी माँ का जहीर के साथ चल रहा खेल, पूजा खिड़की से बड़ी मस्ती से देख रही थी। उस खेल को देखते पूजा इतनी गर्म हुई की उसने सलीम के हाथ नंगी होने में जरा भी शर्म महसूस नहीं की। शाम को जबसे सलीम उससे खेलने लगा था तबसे उसे अपनी चूत में लौड़ा चाहिए था। आज अगर उसकी माँ ऐसी रंडीबाजी नही करती, तो पूजा ही कुछ आइडिया करके सलीम या जहीर से चुदवाने वाली थी। पूजा पहले से चुदवा रही थी इसलिए उसे लंड की सख्त जरुरत थी और यही वजह थी की वो सलीम के हाथ से नंगी होने में कोई शर्म महसूस नही कर रही थी।

उसका हाथ सलीम का लंड मसल रहा था और जब सलीम उसके निपल चूसता तो पूजा सिस्कारिया भरते उसका मुँह अपने निपल पे दबके रखती। पूजा कोई जवाब नही दे रही यह देखके आखीर में सलीम ने पूजा को खिड़की से हटाया और अपनी पैंट उतारके अपना लंड उसके हाथ में दिया। सलीम का लंड देखके, खुश होते, पूजा नंगी नीचे बैठके, पहले सलीम का लौड़ा प्यार से चूमते, अपने फेस पे घुमाया और फिर उसे चूसने लगी।

इधर बेटी वरँडा में नंगी होके सलीम का लंड चूस रही थी और तब अंदर माँ जहीर के साथ ऐयाशी करने में मस्त थी। जहीर जैसा चाहे वैसा आरती से खेल रहा था। कमरे से उन दोनों की आवाज बाहर पूजा और सलीम को अच्छे से सुनाई दे रही थी। उधर आरती को डर था की कही उसकी आवाज बाहर तो नही जा रही … नही तो उसकी आवाज और जहीर की गालियां पूजा ने सुनी, और उसने अंदर देखा तो क्या सोचेगी पूजा अपने माँ के बारे में आरती ने जब यह बात जहीर से कही तो जहीर ने उसे खड़ा करके और उसकी चूत में दो उँगलियां घुसाके उसे विंडो के पास ले गया।

बाहर का सीन देखके आरती हक्का-बक्का रह गयी। उसने देखा की सलीम ने पूजा को नंगा किया था और पूजा नंगी नीचे बैठके सलीम का लंड चूस रही थी। सलिम एक हाथ से उसके मम्मे दबाते, दूसरे हाथ से पूजा का जिस्म सहलाते उससे गंदी बाते कर रहा था। पूजा रोड पे नंगी होके उसका लंड चूसते, उसकी गालियां खाके खुशी-खुशी लंड चूस रही थी। पूजा बड़ी मस्ती से सलीम का लंड चूस रही थी। आरती ने यह सब देखा और यह भी सुना की सलीम और पूजा उन दोनो के बारे में कैसे-कैसे गंदी बाते कर रहे थे और ऐसी गंदी बाते सुनके उसकी बेट, गर्म होके सलीम का लंड और मस्ती से चूस रही थी।

आरती की चूत में दो उँगलियां और उसके मम्मे दबाते जहीर भी बाहर का नजारा देखने लगा। जहीर को आज अपनी किस्मत पे नाज हुआ क्योंकि आज वो एक हिन्दू माँ को चोदने वाला था और उसका दोस्त उसकी बेटी को चोदने वाला था। जहीर आरती के मम्मे और जोर से दबाके बाहर का खेल देखते बोला- “देखा साली, सलीम क्यों नही आया वो… और मादरचोद चूत, पूजा ने तेरी यह ऐयाशी देखी और अब सलीम के हाथ आई तो देख सलीम ने कैसे तेरी बेटी को रोड पे नंगी करके, उससे अपना लंड चूसके ले रहा है। तेरी माँ की चूत, रंडी छिनाल, मै इधर माँ को चोद रहा हूँ और वो उधर सलीम तेरी बेटी को चोदने वाला है समझी साली रंडी आरती…”

बाहर अपनी बेटी की रंडी जैसे हरकत देखके आरती को बुरा नही लगा। उसे इस बात की खुशी थी कि अब पूजा अपने बाप से उसकी रंडीबाजी के बारे में कुछ नही बोल सकेगी। मस्ती से झूमते, और जहीर का लौड़ा सहलाके आरती बोली- “उफफफफफ़ कितना मोटा और लंबा है सलीम का लौड़ा। आज मेरी बेट, बहुत खुश होगी ऐसे बड़े लंड से चुदवाने में…”

तब आरती की चूत में और एक उंगली घुसाते जहीर बोला- “हाँ, क्यों नही खुश होगी तेरी रंडी बेटी आरती… इधर तू हमारे लंड से खुश है और उधर तेरी बेटी सलीम के लंड से। आज तो हम मर्दो की ऐश है जो तुम जैसे टॉप क्लास माल आई हो हमसे चुदवाने…”

इधर पहले तो सलीम का लंड देख के पूजा हैरान होके बोली- “है राम, कितना बड़ा और मोटा है सलीम तेरा लंड…” फिर सलीम का लंड पूजा चूसने लगी, उसकी टोपी चटके उससे पूरी तरह चूसने लगी।

पूजा के मSमे दबाते उसका मुँह चोदते सलीम बोला- “पसंद आया तुझे मेरा लंड पूजा… तेर, माँ को भी अच्छा लगेगा ना मेरा लौड़ा… बहनचोद, मजा आया तुम माँ-बेटी को एक साथ एक ही कमरे में चोदने में। उफफफ़ और मस्ती से चूस मेरा लौड़ा साली छिनाल…”

सलीम के लंड को हाथ में लेके उसे सहलाते पूजा बोली- “माँ का मुझे क्या मालूम और वो कैसे दूसरा लंड लेगी, वो तो जहीर चाचा से चुदवाएगी ना… और तुम मुझे और माँ को रंडी क्यों कहते हो… एक तो हम तुमसे चुदवाते है और फिर ऐसा कहते हो हम माँ बेटी को…”

लंड पूजा के फेस पे घुमाते, उसके निपल से खेलते सलीम बोला- “यार ताँगे में ही तुझे चोदने वाला था मै, लेकिन बहनचोद, टांगा भी चलाना था मुझे। तेरी माँ और जहीर के करनामे देखके लंड ऐसा टाईट हुआ था मेरा की लग रहा था, टाँगा वही रोकके, तुझे नंगी करके, तेरी गांड मारु। तेरी माँ स्टेशन से ही जहीर से चुदवाने तैयार हुई थी तो अगर तुझे ताँगे में चोदता तो वो कुछ नही बोलती… पूजा, जब तेरी माँ अपने पती को छोड़के एक कुली से चुदवाती है तो रंडी ही है ना… और तू भी देख कैसे खिड़की से तेरी माँ के बदन का जहीर से हो रहा खिलवाड़ देखके अपने चूत सहला रही थी और अब हमारे सामने रस्ते पे नंगी हुई है इसलिए तुम माँ बेटी को मै रंडी कहता हूँ समझी…”
सलीम के लगातार मसलने और रगड़ने से पूजा के बूब्स के निपल्स टाईट हो गये और उसकी चूत से मानो फाउनटेनस निकल रहे थे। सलीम का लौड़ा और मस्ती से चाटके, चूसके पूजा उसकी गांड भी चाटने लगी। पूजा की अदा पे खुश होके, उसका मुँह चोदते सलीम बोला- “पूजा, तेरी छिनाल माँ ने स्टेशन पे जहीर का लंड देखा और उसको चुदवाने की इच्छा हुई इसलिए तेरी रंडी माँ रात भर के लिए जहीर के घर आई। तुझे मालूम तो है की ताँगे में पीछे बैठके जहीर ने तेरी माँ को कमर तक नंगा किया और तेरी रंडी माँ उसका नंगा लंड मसल रही थी। और जहीर ने तेरी माँ से पूछके मुझे इशारा कीया की तेरी छिनाल माँ को कोई एतराज नही अगर मै तेरी जवानी को चोदू समझी पूजा… इसलिए मै तुम माँ-बेटी को रंडी कहता हूँ।

तेरी माँ की चूत साली रंडी, खुद की चूत की आग मिटाने के लिये अपनी बेटी को तक चुदवाने हुइ तैयार हुई तेरी माँ और तू हरामी, देख कैसे रंडी जैसे रस्ते पे मेरी गांड तक चाट रही है मादरचोद। अब देख रात को पहले तेरी गांड कैसे मारता हूँ और बाद में तेरी चूत चोद डालूँगा…”

सलीम की गोटियां और गांड चाटने के बाद, उसके लंड को मूठ मारते पूजा बोली- “हाँ यह सब माँ की करतूत मुझे पता है सलीम। जब माँ बोली जाके टैक्सी का, तभी मै समझी की जहीर चाचा पे उसका दिल आया है। सच सलीम, तेरा लंड भी जहीर चाचा जैसा ही है…” अपनी चूत को सहला-सहला के उसको वाइड करते, सलीम का लौड़ा चूसते-चूसते जरा नाटक करते पूजा बोली- “सलीम, मुझे तुम मत चोदो। मैंने आज तक किसी से नही चुदवाया। और मैंने बताया ना, मै अपने पती के घर एकदम कुवाँरी बनके जाना चाहती हूँ…”

पूजा को अपनी गोद मे बिठाके उसकी चूचियां मसलते, उसकी चूत में उंगली डालते सलीम बोला- “हाँ मेरी रंडी चूत, आज रात तुम माँ बेटी की ऐश है हमारे मुसलमानी लंड से पूजा। पूरी रात तुझे और तेरी माँ को चोदते रहँगे हम। रही बात तुम्हारे कुवारेपन की, तो माँ चुदाने गया तेरा कुवारापन रंडी, तुझ जैसी गर्म आइटम को तो बचपन से ही लंड की आदत लगनी चाहिए ताकि शादी के बाद पती से ज्यादा गैर मर्द तुझे चोदके मजा ले सकते है। हाय साली क्या जवानी है तेरी, लगता है तेरी माँ को किसी ने बहुत चोद चोदके पैदा किया है रानी…”

सलीम की बात पे जरा गुस्सा होके, चटपटाते, पूजा उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी। कैसे भी करके सलीम की पकड़ से अपने आपको छुड़ाते पूजा खड़ी हुई। सामने खड़ी नंगी कमसिन पूजा को देखके, अपना लंड बेशर्मी से मसलते सलीम बोला- “अरे कहां जा रही हो रानी… रात को क्या नंगी जाएगी क्या रोड पे… साली रंडी फिर तो तुझे ना जाने कितने लंड चोदेंगे साली छिनाल। चल इधर आ रंडी की छिनाल बेटी और अपनी चूत की सील हमारे लंड से तुड़वा ले। तेरी माँ ने भी शादी से पहले ना जाने कितने लंड लिए होंगे अपनी चूत में, अब तू अपनी माँ के नक़्शे कदम पे चल और आके मुझसे चुदवा ले हरामी रांड़…”

सलीम की हरकते पूजा को अच्छी लग रही थी और वो चुदवाने को भी तैयार थी, पर सलीमकी उसके और उसके माँ के बारे में की गये इतनी गंदी बात से गुस्सा होके, सलीम के सामने वैसी ही नंगी खड़ी रहते पूजा बोली- “सलीम, खबरदार जो अब तूने मेरी माँ और हमारे बारे में कुछ बोला तो। मैंने बोला ना मुझे तुझसे नही चुदवाना तो नही चुदवाना…”

पूजा के पास खड़े होके उसके दोन मम्मे पकड़ के जोर से दबाके सलीम बोला- “अगर मैंने तेरी माँ को रांड़ बोला तो क्या उखाड़ेगी तू साली छीनाल… तूने देखा नही अंदर कैसे एक कुली से चुदवा रही है तेरी माँ… मुझसे नही चुदवाना तो चल भाग जा इधर से ऐसी नंगी ही रांड़…”

सलीम के हाथ से मम्मे ऐसी दबाने से पूजा को दर्द हुआ लेकिन मजा भी आया। असल में पूजा यह सब नाटक कमरे में जाके, अपनी माँ का परदाफाश करके उसके सामने ही सलीम से चुदवाना चाहती थी।
 
सलीम का हाथ सीने से हटाके वो बोली- “मै क्यों रोड पे जाऊँगी… मै तो अंदर जा के माँ को बोल दूंगी कि तू उसके बारे में कैसी गंदी बात कर रहा है और मुझे कैसे नंगी करके, लंड चुसवाके अभी हम माँ बेटी को एक दूसरे के सामने चोदने की बात कर रहा है। चल साले, देख जहीर चाचा क्या हाल करेगा तेरा…”


पूजा की नंगी कमर में हाथ डालते, उसे रुम के डोर के पास ले जाके सलीम बोला- “हाँ, जरुर चलो अंदर, चल साली देख तेरा जहीर चाचा तेरी माँ की चूत में लंड डालके कैसे मुझे डाँट देता है…”
डोर के पास जाके, पूजा को पीछे से पकड़ते, उसकी गांड पे लंड रगड़ते सलीम ने दरवाजा बजाते कहा- “जहीर, यार दरवाजा खोलो, पूजा को मेरी कुछ शिकायत करनी है उसकी माँ और तुझसे…”


डोर तो लॉक नही था और सलीम के हलके धक्के से डोर खुल गया। कमरे में आते ही पूजा ने देखा की उसकी माँ नंगी लेटी जहीर का लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। पूजा अपनी माँ को अब ऐसी देखके और गर्म हुई। वो अपनी माँ को देखने लगी, जो बिना रुके अपनी बेटी को देखते जहीर का लंड चूस रही थी।


पूजा की गांड पे लंड रगड़ते सलीम बोला- “देखा साली पूजा, बहनचोद, तेरी माँ कैसे एक चार आने की रंडी बनके तुम्हारे सामने तुम्हारे जहीर चाचा का लंड चूसके तैयार कर रही है अपनी चूत चुदवाने और तुझे बाहर बारिश में भेज दिया… अब तो तू मान गयी ना की तेरी माँ एक रंडी है…”


सलीम की आवाज से होश में आते, इनोसेंट एक्ट करते पूजा बोली- “माँ यह क्या कर रही हो तुम… तुम्हारी वजह से मेरी जो हालत हुई है वो देखो…”


जैसे कुछ गलत हुआ ही नही ऐसा दिखाते, अपनी जवान बेटी के सामने वैसे ही नंगी बैठके, जहीर का लंड सहलाते आरती बोली- “कैसी हालत पूजा बेटी… और यह क्या, तुम्हारे कपड़े कहा है पूजा… तू तो कपड़े पहन के बाहर सोने गये थी ना… ऐसी क्या गर्मी लगी की तू नंगी हुई है मेरी बेटी…”


अपनी माँ के रिएक्शन से पूजा को जरा भी धक्का नही लगा। उसे यकिन हो गया की उसकी माँ को सब पता है पर जरा नाटक करते पूजा बोली- “माँ, मेरी यह हालत इस हरामजादे सलीम ने की है। इस हरामी ने हमारे कपड़े फाड़के, मुझे नंगी करके, हमारे साथ खेल रहा है। और तो और मुझे और तुझे एक साथ चोदने की बात भी कर रहा है। और माँ, तुम एक दो कौड़ी के कुली से अपनी हवस बुझा रही हो… इतनी हवस थी तो डैड के पास जल्द, आना चाहिए था ना इधर। तू अपनी प्यास बुझाने के चक्कर में मुझे भी सलीम के हाथ नंगी करवा दी। बोल ना माँ, क्या कहना है तुझे, क्यों मुझे इस नरक में डाल दिया…”


अपनी बेटी का रिएक्शन देखके आरती को जरा धक्का लगा।जिस बेट, को उसने कुछ टाइम पहले, बेशर्मी से सलीम का लंड चूसते देखा, उससे गालिया खाके अपना जिस्म मसलवाते देखा, वो अब ऐसा क्यों बोल रही थी अब अगर जहीर से उसे चुदवाना था, तो उसे पूजा को भी सलीम से चुदवाने तैयार करना था।


कुछ सोचके, आरती पूजा के पास जाके, खड़ी होके उसके नंगे मम्मे पे हाथ फेरते बोली- “पूजा, अरे यह, तो वक्त है जवानी का आनंद लेने का, फिर वो तुम्हारे पापा से हो या इस मस्त कुली से…” यह कहते पास आई जहीर का लंड पकड़ के आरती आगे बोली- “और सच्ची बोल, क्या तुझे उस हरामी का तेरी चूत में उंगली करना अच्छा नही लगा…


पूजा की चूत में उंगली करके और चुचिया मसलते आरती आगे बोली, उसका लंड अपनी चूत में लेके चुदाने की इच्छा नही हुई तेरी पूजा, सच्ची बोलो…”


अपने माँ के ऐसी हमले का कोई जवाब नही था पूजा के पास। पूजा अब उसकी माँ और उन दो मर्दो के बीच नंगी थी। वो तीन लोग उसका जिस्म सहला रहे थे। पूजा कुछ बोल नही रही थी, यह देखके आरती ने उसका एक हाथ अपने मम्मे पे रखते, दूसरे हाथ में जहीर का लंड दिया और खुद पूजा का मम्मा मसलते, और सलीम के लंड से खेलते बोली- “अरे पूजा आज रात को हम माँ-बेट, इन मुसलमान मर्दो से अपने दिल की हवस पूरी करेंगे। और वैसे भी तूने भी तो चुदाई करवा ली है ना अपने चूत की…


मै क्या झूठ बोल रही हूँ… क्या तेरी इच्छा नही हुई की कोई मर्द आके तुम्हारे बदन से भी वैसा खेले जैसा जहीर हमारे बदन से खेल रहा था और तू विंडो से देख रही थी। क्या तुझे नही लगता की सलीम उसका यह लौड़ा तेरी चूत मे डालके तुझे वैसा ही चोदे जैसे घर पे तेरा वो यार चोदता है…”


आरती की बात पे पूजा को जोरो का धक्का लगा। पूजा सोचने लगी की उसने इतनी सीक्रेटली की गयी बात उसकी माँ को कैसे समझ आई… उसका चक्कर था एक से और गये एक साल से था पर उसने इस बात की भनक अपनी क्लोसेस्ट सहेली तक को नही लगने दी, तो आज उसकी माँ को कैसे पता चला यह सब। हवस की गर्मी में जहीर का लंड सहलाते पूजा बोली- “नही माँ यह झूठ है। तू झूठ बोल रही है या तुझे किसी ने झूठी खबर दी है। मेरा किसी के साथ कोई चक्कर नही। सोचने और करने में फर्क होता है, और तू मुझे कह रही है की मै चुदवा चुकी हूँ। मैंने ऐसा कुछ नही किया…”


पूजा की बात का कोई असर आरती पे नही पड़ा, बल्कि उसने सलीम का लंड पकड़ के उसे पूजा की गांड की तरफ खींचते कहा- “अरे पूजा, देख वो सलीम का लौड़ा कैसे खड़ा है तुझे चोदने। पूजा आज एक बात बताती हूँ यह प्राण तेरा असली बाप नही है, तेरा बाप था हमारा ड्राइवर हनीफ। तू मेरी बेटी तो है लेकिन तुझे मेरी चूत चोद के जनम दिया हनीफ ने समझी… झूठ मत बोलो पूजा… क्या तूने वो सामने वाल, बिल्डिंग के मेहरा साहब के नौकर भीमराज से नही चुदवाया है… क्या तू मौका मिलने पे उससे चुदवाने जाती नही उसके पास, या उसे नही बुलाती अपने पास… अरे झूठ है तो तू उसके साथ रात को अपने कमरे में क्या करती है पूजा… पूजा मुझे खुशी है की तेरी चूत का सील भीमराज जैसे एक तगड़े निचले मर्द ने तोड़ा, इससे तुझे भी मजा आया होगा ना…” यह कहते आरती अपनी बेटी के मम्मे मसलते स्माइल करने लगी।


सलीम अब मस्ती से पूजा की गांड पे लंड मसल रहा था। पूजा उन तीन को बिना रोके मस्ती करने दे रही थी उसके हाथ में जहीर का लंड था, उसे और प्यार से मसलते पूजा बोली- “यह सब झूठ है माँ, मुझे बदनाम करने की साजिश है तेरी। और क्या बोली तू, डैड मेरे असली डैड नही है… मै एक ड्राइवर की बेटी हूँ… क्या मेरा बाप नामर्द था माँ… इसका मतलब तू पहले से यह सब ऐयाशी कर रही थी माँ…”


और ही बेशर्म होके आरती ने पूजा का एक निपल चूसते कहा- “नही पूजा, तेरा बाप नामर्द नही है, उसका स्पर्म काउंट कम होने से वो मुझे प्रेग्नेंट नहीं कर सकता था। यह बात उसे पता नही थी और इसलिए तू मुझे शादी के 4 साल बाद हुई और वो भी हनीफ ने मेरा ब***र किया उसके वजह से समझी बेटी… कौन बदनाम कर रहा है तुझे… क्या मै तुझे बदनाम करुँगी पूजा बेटी… पूजा तू मेरा खून है और मै तुझ से झूठ नही बोलूँगी हनीफ तेरा असली बाप है। अब तू भी बोल तू भीमराज से चुदवाती है ना बेटी…”


जहीर आगे से पूजा की चूत में उंगली कर रहा था और पीछे से सलीम उसकी गांड में लंड घुमा रहा था। दो मुसलमान मर्द का एक-एक हाथ पूजा की एक-एक चूची मसल रहा था। पूजा भी अब जोश में आके अपना बदन ढीला करती है 2-2 मुसलमान मर्दो के हाथ से अपने जिस्म से खिलवाड़ करवाते बोली- “माँ तुम मुझे बदनाम कर रही है और मुझे बदनाम करके तुम इसकी आड़ में अपनी हवस मिटा रही हो…”


पूजा का दूसरा निपल कीस करते आरती बोली- “नही बेटी ऐसा कुछ नही है, अगर तुमको नही चाहिए तो मत चुदवा अपना बदन इस हरामी से…” यह कहते सलीम का लंड पूजा की गांड से दूर करते आरती आगे बोली - “लेकिन यह बता की मैंने कई बार रात में भीमराज को तुम्हारे कमरे से बाहर आते कैसे देखा… क्या वो इतने रात तुझे खाना पकाना सिखाने आता था क्या… क्या तुझे गोद में बिठाके, अपना लंड तेरी गांड में डालके और तुम्हारे सीने को मसलके, तेरे तरबूज दबाते भीमराज तुझे सब्जी बनाना सिखाने आता था क्या मेरी बेटी…”


अपने माँ से इतनी गंदी पर सच्ची बात सुनके पूजा समझी की उसका राज खुल गया है और वोह बोली - “माँ तू सच कह रही है, मेरा और भीमराज का चक्कर चल रहा है और वो कई बार रात-रात भर हमारे कमरे में आया और मुझे पूरी रात चोदता है। तू और डैडी जब अपने कमरे में जाते हो, तो पीछे के डोर से भीमराज को अंदर लेकर मै पूरी रात उससे चुदवाती हूँ और फिर सुबह 5:00 बजे भीमराज अपने घर से निकल जाता है…” यह कहते पूजा, जहीर और सलीम से अपनी चूत और गांड उनके लंड से रगड़ने लगी और वो दोन पूजा की चूचियों से खेलने लगे।


पूजा बड़ी मस्ती से अपना पूरा जिस्म उन दो मर्दो को देके डबल प्रेसिंग का मजा लेने लगी। आरती अब क्यों पीछे रहती… पूजा के मम्मे से सलीम का हाथ हटाते, पूजा का निपल खूब चूसके और फिर निपल से खेलते आरती बोली- “यह हुई ना बात। अरे बेटी मुझे खुशी है की तुझे अपना यार इतने जल्दी मील गया। पूजा कई रात तुम्हारे कमरे से- "भीम आराम से चोदो मुझे दर्द होता है…" ऐसी आवाजे सुनके मैंने खुद अंदर आके भीमराज से चुदवाना चाहा लेकिन फिर सोचा की मै खुद अपनी बेटी के खेल को क्यों बिगाड़ूँ… मैंने 1-2 बार तुझे उससे चुदवाते देखा और भीमराज का लंड देखके ऐसा लगा की मै भी उसके नीचे जाके चुदवा लूँ पर इससे तू मुझसे नाराज होती इसलिए मै नही आई अंदर…”


पूजा भी तो आरती की ही बेटी थी। जब माँ इतनी रंडीगिरी कर सकती थी तो बेटी कैसे पीछे रहती… पूजा भी नालायक होके आरती के दोनो मम्मे सहलाके बोली- “ओह माँ, अगर तू आती हमारे कमरे में तब मुझे शर्म आई होती, लेकिन अब जाने के बाद हम दोनो भीमराज से चुदवा लेंगे एक ही कमरे में एक ही बिस्तर पे ओके…”


पूजा का हाथ अपने मम्मे पे दबाते आरती ने उससे फ्रेंच कीस करते कहा- “अगर ऐसी बात है तो बहुत मजा आएगा पूजा, अब हम दोनो मिलके इन दोनों मुसलमानो से चुदवा लेंगे और घर जाने के बाद तू भीमराव को बोल की तेरी माँ भी उससे चुदवाना चाहती है। अगर मै भी उससे चुदवाने लगूंगी तो फिर तुझे कोई टेंशन नहीं होगा मेरी सेक्सी बेटी…”


जो निपल पैदा होने के बाद पूजा ने चूसा था वोही निपल अब जवानी में, नंगी होके, इन दोनो पराए मुसलमान मर्दो के सामने खूब अच्छे से चूसके पूजा बोली - “ठीक है माँ, हम रिटर्न जाने के बाद मै जरुर तुझे भीमराज से चुदवाने दूंगी। लेकिन माँ, यह जहीर चाचा और सलीम के लंड देख ना कितने बडे और मोटे है… साली कोई रंडी भी डर जाये ऐसा लंड अपनी चूत या गांड में ले तो, है ना माँ…”


पूजा को उन मर्दो से छुड़ाते, उसे अपने सीने से लगाते आरती बोली- “अरे बेटी, तो क्या हम कोई रंडियो से कम है… अरे पूजा, रंडी को भी ऐसा लौड़ा मिले तो अच्छा लगता है समझी बेटी… देख ना तेरी माँ होके तुझे इनसे चुदवाने को तैयार किया मैंने तो क्या मै रांड़ नहीं हूँ… और अपनी माँ को इस ताँगे वाले के साथ ऐयाशी करते देख तू गर्म हुई और रोड पे नंगी होके सलीम का लंड चूसने लगी तो क्या तू रंडी नही है…”


पूजा ने जब हाँ में सिर हिलाया तो उसकी चूत पे हाथ घुमाते आरती बोली- “अच्छा जहीर और सलीम अब तुम दोनो मुझे और पूजा को एक साथ चोदो, जहीर तू मुझे चोद और सलीम तू पूजा को, मेरी रंडी बेटी को चोद। मैंने भीमराव से पूजा की चुदाई देखी तो है पर चुपके से, लेकिन आज इस तांगेवाले सलीम से अपनी रंडी बेटी को बड़ी मस्ती से चुदवाते देखूँगी जैसे मेरी बेटी अपनी रंडी माँ को इस कुली से चुदवाते देखेगी। आओ बेटी देखो कैसे मस्त लंड तैयार है हमारे चूत को चोदने के लिए…”


आरती के ऐसा कहने के बाद, सलीम पूजा को खींचके थोड़ी दूर ले गया और पूजा को नीचे बिठाके अपना लंड उसके चहेरे पे घुमाने शुरु किया। पूजा ने भी नीचे बैठके सलीम का मस्त लंड पहले पूरा चाटा और फिर उसका लंड चूसने लगी। इधर जहीर बेरहमी से आरती के मम्मे दबा रहा था। सलीम का लंड चूसके गीला करने के बाद सलिम ने पूजा को सुलाया, पूजा की टांगे अपने कंधो पे ली। पूजा ने सलीम का लौड़ा अपनी चूत पे रखा।


सलीम ने झुकके पूजा की कमर पकड़ी और अपना लौड़ा पूजा की चूत में दबाने लगा। जैसे-जैसे सलीम का लौड़ा पूजा की कमसिन चूत में घुसने लगा, पूजा को दर्द हुआ लेकिन सलीम अब कुछ नही समझ रहा था।


जैसे ही सलीम के लंड की टोपी पूजा की चूत में घुस गयी उसने एक जोरदार धक्का मारके अपना लौड़ा पूजा की चूत में घुसाया। इतना बड़ा लौड़ा अचानक चूत में घुसने से पूजा को दर्द हुआ और वो चिल्लाने लगी पर न ही उसकी माँ उसे शांत करने आई और ना ही सलीम। सलीम ना पूजा के चिल्लाने से रुका ना उसका पसीने से भरा हुआ दर्द से बेहाल हुआ चहेरे देखा। पूजा को दबोचके अपना पूरा लौड़ा उसकी चूत में घुसाके, अंदर-बाहर करते सलीम अब पूजा को चोदने लगा। अपनी बेटी की ऐसी हालत देखके और सलीम का वहशीपन देखके आरती को दर्द हुआ।


आरती पूजा के पास जाके, पूजा को चूमके और उसके निपल से खेलके उसको हौसला देने लगी। पूजा के मम्मे 2 3 मिनट सहलाने और चूमने से जब उसे जरा आराम पड़ा है तो जहीर ने सलीम से कहा- “सलीम, यह छिनाल साली देख कैसे अपनी बेटी को चुदाई का सबक दे रही है। आरती रंडी अब देख मेरा लौड़ा कैसे तुझे चोदने तैयार है…”


अब पूजा को मस्ती से चुदवाते देख आरती को अपनी गर्म चूत का अहसास हुआ और तब जहीर ने उसके पास आके उसको घूमके झुकाया। आरती जहीर के चाहने पे कुतिया बनके झुकी और समझ गयी की जहीर उसकी गांड मारना चाहता है। झुकने के बाद, आरती ने भी, एकदम एक सड़क छाप रंडी जैसे अपने हाथ से अपनी गांड खोली। आरती की इस अदा पे खुश होके, जहीर ने उसकी गांड पे 2-3 थप्पड़ जड़ते अपना लंड आरती की गांड पे रखा। कुतिया बनके अपने सामने झुकी रंडी आरती की कमर पकड़ते और उसकी एक चूची दबाते जहीर ने आहिस्ता से अपना लंड आरती की गांड में घुसने दिया। जहीर का तगड़ा लौड़ा अपनी गांड में घुसाके लेने में आरती को बड़ा मजा आ रहा था। जब जहीर का पूरा लौड़ा उसकी गांड में घुसा तब जहीर ने आरती के दोनो मम्मे पकड़ के उसकी गांड मारने लगा। आरती भी अपनी गांड आगे पीछे करके जहीर से चुदवाने लगी। वो दोनो माँ बेटी उन दो मजदूरो से चुदवाने लगी।


अब पूजा को मजा लगने लगा और वो भी अपनी कमर उठा उठाके सलीम से चुदवा रही थी। अपनी चूचियां खुद दबाते पूजा सलीम से बोली - "सलीमSSम उSSSम और जोर से चोद अब मुझे। देख मेरी माँ कैसे जहीर चाचा के तगड़े लंड से अपनी गांड मस्ती से चुदवा रही है। मुझे भी मुसलमान‹ के इतने बड़े लंड लेने के लिए तैयार करो तुम सलीम। और चोदो मुझे हमारे राजा…”


सलीम ने पूजा के मम्मे जोर से दबाते कहा- “यार जहीर, आज तूने बहुत मस्त माल लाया है। यह दोनो रंडी माँ बेटी देख कैसे बेशर्म होके चुदवा रही है। यार मेरा तो यह छिनाल पूजा पे इतना दिल आया है की मै चाहता हूँ की इसे हमारी रखैल बनाके यही रख लेंगे, क्यों तेरा क्या कहना है रंडी बेटी पूजा की छिनाल माँ आरती… तेरी छिनाल बेटी को मेरी रंडी बनाके रखूँ क्या इधर हमारे साथ…”


अपनी गांड जहीर के लंड पे और दबाते, बड़ी मस्ती से अपनी गांड चुदवाते आरती बोली - “सलीम, अरे यार पूजा को रंडी बनाके रखने की बात क्यों करता है… अब हम इस शहर में है 3 साल के लिए, तुम दोनो का जब जी चाहे हमें बुलाना या हमारे घर आना, हम माँ-बेटी हमेशा तुम दोनो मुसलमानो के लिए तैयार रहेंगे…”


पूजा अपनी माँ को देख रही थी जो जहीर के बड़े लंड से अपनी गांड मरवा रही थी। पूजा की चूत में भी गर्मी आई और वो नीचे से सलीम के लंड के धक्के का जवाब अपनी चूत उठाके, सलीम के लंड को चूत में लेकर दे रही थी आरती और पूजा आज बहुत खुश थी क्योंकि अब उनके बीच की शर्म खतम हो गयी थी और अब आगे से यह दोनो एक दूसरे के लवर्स के साथ खुले आम चुदवा सकती थी। जो लौड़ा माँ को पटाएगा वो बेटी को भी चोद सकता था और जो लौड़ा बेटी ने पटाया वो माँ को भी चोदने वाला था अब से। कमरे में माँ-बेटी को चोदने का सिलसिला बड़ी मस्ती से चल रहा था।


माँ-बेटी बेशरम होके अपनी गांड और चूत उन दो मर्दो से मरवा रही थी। अपनी आरती रंडी की गांड को खूब मस्ती से मारते जहीर बोला- “आरती, तेरी गांड मै बाद मे मारुंगा लेकिन अब मुझे तेरी बेटी कि गांड मारनी है। अब मुझे सलीम के साथ-साथ तेरी बेटी को चोदना है। तेरी कमसिन बेटी पूजा की गांड का भोसड़ा बनाने के बाद हम दोनो तुम्हारे मस्त बदन का भोसड़ा बनायेंगे…” इतना कहते जहीर ने आरती कि गांड से अपना लंड निकालके पूजा के पास गया।


आरती को पहले जहीर पे गुस्सा आया कि उसने आरती की चुदाई अधूरी रखी, पर अब वो भी अपनी बेटी के एक साथ दूहरी चुदाई देखना चाहती थी। पूजा जहीर की बात सुनके हैरान हुई कि एक तगड़ा लंड मुश्कील से उसने चूत मे लिया और अब दूसरा तगड़ा मुसलमानी लंड उसी वक्त उसकि गांड चोदना चाहता है। लेकिन पूजा ऐसे मे कुछ कह भी नही सकि। तब सलीम ने पूजा को अपनी बाहो मे लेके उसे अपने बदन पे लिया। अब सलिम के काले मुसलमानी बदन पे लेटी गोरी-गोरी पूजा कि चूत मे उसका लौड़ा था और अब पीछे उसकि खुलि गांड मे जहीर अपना मुसलमानी लौड़ा डालने को तैयार खड़ा था।
 
वैसे तो भीमराज ने पूजा कि गांड मारी थी लेकिन पूजा के कमसिन बदन ने आज तक एक साथ 2-2 लंड नही लिए थे। सलिम पे लेटी हुई अपनी नंगी बेटी कि गांड देखके आरती उसके पास गयी और नीचे झुकके अपने हाथो से पूजा कि गांड फैलाके, अपनी गांड को चोदके निकला हुआ जहीर का लौड़ा पकड़ के अपनी प्यारी बच्ची के गांड पे रख दी। पूजा हैरान थी कि अब क्या होगा, लेकिन जहीर ने, आराम से अपना लंड आगे पीछे करते पूजा कि गांड मे आहिस्ता आहिस्ता घुसाने लगा। पूजा को एक साथ 2-2 तगड़े लंड अपनी चूत और गांड मे लेने मे तकलीफ होनेवाली थी, पर पूजा ने हिम्मत नही हारी। जब धीरे-धीरे करते जहीर का पूरा लौड़ा पूजा कि गांड मे घुसा, तब नीचे से सलीम और ऊपर से जहीर उसे चोदने लगे। अपनी बेटी की हो रही मस्त चुदाई देखके आरती भी खुश हुई। नीचे बैठके, अपनी एक उंगली चूत मे डालके अपनी बेटी की चुदाई देख आरती बड़ी खुशी से देखने लगी।


एक साथ 2-2 तगड़े लंड से अपनी चूत और गांड मरवाने मे पूजा को दर्द हो रहा था। पर जो दर्द था उससे ज्यादा उसे मजा आ रहा था। दर्द कम होके अब मजा बढ़ रहा था। पागल जैसे सलिम को किस करके, पूजा ने अपनी माँ के मम्मे मसलते कहा- “अया आ माँ मै तो 2-2 लंडो से चुदा रही हूँ आअहह माँ, उफफफफ़ मेरी तो जानणन निकल रही है हरामियो। पर चोदो और चोदो मुझे, अहह…”


अपनी बेटी कि हो रही डबल चुदाई देखके आरती को अच्छा लग रहा था। उससे पता था कि पूजा कि चुदाई के बाद यह दोनो हरामी, मादरचोद मुसलमानी लंड उसके ऊपर एक साथ चढ़ने वाले थे और उसे भी बेरहमी से चोदने वाले थे। पूजा को अपने मम्मे सहलाने दे के, आरती ने उसके निपल से खेलते कहा- “हाँ पूजा बड़ा मजा आ रहा है ना तुझे एक साथ दो दो मुसलमानी लंड अपने बदन मे डलवाने मे… अरे उसके बाद तू देख कैसे यह हरामी मुझे एक साथ चोद डालेगे मेरी बेटी…”


पूजा ने एक हाथ नीचे डालके, सलिम का लंड फील करते कहा- “माँ आह आह हाँ बहुत मजा आ रहा है, ऐसी चुदाई मैने कभी सोची भी नही थी…”


पूजा का निपल जरा जोर से मसलते आरती बोली- “उफफफ़, पूजा तेरी चूची भी मस्त है बेटी। इसलिए सलिम तेरी जवानी पे फिदा हुआ। जहीर और सलीम, हमारी बेटी के आशिको, और चोदो मेरी बेटी को, जैसा चाहे वैसा चोदो इस रंडी को…”
आरती कि बात सुनके जहीर और सलिम खुश हो गये और पूजा को मस्तीसे चोदने लगे। पूजा “माँ आह एककक आह हन…” ऐसी बोलते जा रही थी।


सलिम नीचे था और पूजा उसके ऊपर आके चूत मे लंड ले रही थी और जहीर पीछे से पूजा कि गांड फैला के उसका लंड पूजा कि गांड मे डालके दोनो पूजा को चोद रहे थे।


जहीर पूजा कि गांड जोर से चोदते बोला- “बोलो बेटी,अपने जहीर चाचा का लंड पसंद आया तुमको…”


पूजा एकदम रंडी स्टाईल मे अपना सिर घुमाके जहीर के गाल का चुम्मा लेकर बोलि- “जहीर चाचा, जब मैने आपको खिड़कि से मेरी माँ से खेलते देखा तो सोच रही थी कि अगर यह जहीर चाचा का लौड़ा मुझे मिल जाई तो कितना मजा आएगा, और अब जब असल मे यह लंड मेरी गांड मे है तो मै बहुत खुश हूँ…”


इन दो मजदुरो से अपनी कमसिन बेटी कि हो रही चुदाई देखके आरती से रहा नही गया और आरती ने पूजा के सामने खड़ी होके, पूजा का सिर अपनी चूत पे दबाया। अपनी माँ से ऐसी हरकत कि उम्मीद नही थी और इसलिए ऐसा करने से पूजा पहले तो घबराई, लेकिन फिर वो समझी कि उसकी रंडी माँ भी गर्म हुई थी अपनी बेटी को 2-2 मर्दो से चुदवाते देखके। और उसके पहले तो उसकि माँ की चुदाई आधे मे छोड़के जहीर उसे चोदने आया था।


अपनी माँ कि बात समझते पूजा अब अपनी माँ की चूत चाटने लगी जिसे हनीफ ने चोदके उसको आरती के पेट मे डाला था और जिसके 9 महीने बाद पूजा पैदा हुई थी। इन माँ-बेटी की रंडीगिरी देखके जहीर, पूजा कि गांड मारते मारते आरती के मम्मे दबाने लगा और सलीम पूजा कि चूत चोदते उसकी रंडी माँ की गांड मे उंगली करने लगा।


पूजा लगातार अपनी माँ की चूत मे जीभ डालके, उसकी चूत के दाने को हलके से चबाते चूस रही थी। आरती भी अपनी बेटी का मुँह अपनी चूत पे दबाके मजा ले रही थी और अपनी गांड मे सलीम से उंगली डलवा के ले रही थी।


वा, क्या नजारा था वो… एक बेटी, कुली और तांगेवाले से अपनी चूत और गांड मरवा रही थी, उसकी माँ अपनी बेटी से अपनी चूत चाटवा रही थी और एक मर्द माँ कि चुचीयो के साथ खेलते बेटी कि गांड मार रहा था और दूसरा मर्द बेटी की चूत चोदते माँ की गांड मे उंगली कर रहा था।


वो चारो चुदाई का पूरा-पूरा मजा ले रहे थे। 10-15 मिनट यह खेल चल रहा था। अपनी पूजा रांड़ को खूब चोदने के बाद अब सलीम को लगा कि वो झड़ने वाला है तो उसने पूजा को दबोच लिया। पूजा भी समझ गयी की सलीम अब झड़ने वाला था तो उसने भी अपनी चूत सलीम के लंड पे जोरो से रगड़ना शुरू किया। जहीर समझा कि सलीम झड़ने वाला था तो जहीर ने उसका लंड पूजा कि गांड से निकालके, खड़े होके, अपनी आरती छिनाल के बाल पकड़ के, उसे झुकाते, आरती के खुले मुँह मे अपना लंड घुसा डाला।


जो लौड़ा पहले आरती कि गांड और बाद मे उसकि बेटी की गांड चोदके निकला था वो अब आरती के मुँह मे था। जहीर ने आरती को ऐसा पकड़ा था कि आरती जहीर का लंड चूसने के सिवा कुछ कर ही नहीं सकती थी।


इतने मे सलीम ने पूजा को घुमाके उसके नीचे लिया और अपना लंड जोर से पूजा की चूत मे दबाके झड़ने लगा। सलीम पूजा के मम्मे जोर से दबा दबाके उसके मुसलमानी लंड का पानी आरती की कमसिन बेटी पूजा की हिंदू चूत मे डालने लगा और तभी जहीर आरती का मुँह चोदके आरती के मुँह मे झड़ गया।


हवस की आग शांत हुई थी। वो चारो झड़ने के बाद एक दूसरे की बाहो मे नंगे पड़े रहे। वो रंडी माँ-बेटी उन दो मुसलमानो के सामने उनसे चुदवाकर बेशरम होके वैसे ही नंगी अपने-अपने यार कि बाहो मे पड़ी थी। अभी तो पूरी रात बाकि थी।


!! समाप्त !!​
 
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