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मेरी माँ मधु देवी और अजमल ( copied ) ( incomplete )

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हमारा गांव सहर से बहुत दूर था और यहा पुरानी संस्कृति के लोग रहते है
मेरी मां मधु देवी और पिता बहादुर सिंह की में इकलौती औलाद हु ,मेरा नाम सोनू 8 पास कर चुका हु,अब आगे पड़ने के लिए घरवाले ने शहर नही भेजा क्योंकि जमीन बहुत ज्यादा थी और उससे आगे न पीछे मुझे ही संभालना था

अब पढ़ाई छोड़ने के कारण में आवारागर्दी करता फिरता हु ओर गांव की औरतों की गांड देख कर लंड खुजाता फिरता हु
मुजे बड़ी औरतों की बड़ी गांड बहुत अछि लगती है ,मन तो करता है जहा बड़ी गांड औरत दिखी वही उसका घगर उचा करके चोद दु

गांव की सब औरतों की गांड निहारने के बाद मेने पाया की मेरी मां मधु देवी जैसी सुडोल और बड़ी गांड पुरे गांव में कही नही है,जब मां चलती थी तो गांड की थिरकन देखकर लोगो का पानी निकल जाया करता है

में ओर मेरे आवारागर्दी दोस्त ,हम लोग आपस में खुल के बात करते थे
ओर जब हम गंजा पीकर कर बैठते थे तो फिर हम को हद नहीं देखते थे कोन किसकी मा है या बहन है ,हम खुलकर एक दूसरे की मां बहन के नाम लेकर मूठ भी मार लिया करते थे

मेरे दोस्त ,कालू,भूरिया,हरिया थे

हम लोग कभी कभी पैसे इक्कठे करके रंडिया चोदने जाया करते थे लेकिन उनकी ढीली चूत से मन भर गया था

हरिया – यारो ,अब बहुत हो गया ढीली चूत पर पैसे उड़ना,में तो कहता की किसी गांव की मस्त औरत को पटाते है और फिर उसकी तंग चूत के मज़े लेंगे

गंजा फूकते हुए में बोला ,बात तो सही कह रहा है हरिया,अब किसी नई चूत का इंतजाम करना पड़ेगा और भी किसी मस्त औरत की,जिसका शरीर एक दम गदराया हो या मस्त गांड हो

कालू – सबसे मस्त औरत कोन है इस गांव की

भूरिया – सबसे मस्त तो मधु देवी है ,सोनू की मां ,क्या गांड है ,जब चलती है तो क्या थिरकती है ,उसकी थिरकती गांड देखकर दर लगता है कही दिल का सदमा न आ जाए

मैं बोला,अच्छा भूरिया तेरी मां पुष्पा की गांड भी कुछ कम नहीं
भूरिया – हा लेकिन तेरी मां की गांड का कोई मुकाबला नहीं ,में तो कहता हु किसी बहाने से यह बुला लेते है फिर जबरदस्ती चोद देंगे

में गुस्से में बोला ,खबरदार ,अगर किसी ने ऐसा करने की सोची
हरिया – अच्छा बेटा,दूसरे की मां बहनों को देख कर लंड हिलाओ तो कुछ नही जब अपनी मां पर आए तो गुस्सा
,ध्यान नहीं 2 साल पहले मेने दूसरे गांव की अपने रिश्तेदार औरत को तुमसे चुदवाया था

में – अरे नही भूरिया,ऐसी कोई बात नही,मेने जबरदस्ती का माना किया था,अगर तुम मां को राजी कर सको तो फिर मुझे कोई दिक्कत नही

कालू – अरे सोनू भाई ,ऐसा मत बोल,मधु देवी का नाम आते ही लंड फटने जैसा हो जाता है,उसका गदराया शरीर को देखकर ही में पागल सा हो जाता हू,हरिया,भूरिया तुम्हे मेरी कसम,आगे से मधु देवी का नाम मत लेना,जो चीज हासिल नहीं कर सकते उसके सपने नही देखने चाहिए

हरिया जो उमर में सबसे बड़ा था वो बोला
है तो मधु देवी भी एक औरत ही ,ओर में तुमसे वादा करता हु ,मधु देवी की चूत में सोनू के बाद अगर किसी का लंड जायेगा तो वो तुम्हारा होगा कालू

कालू – भगवान की कसम, अगर ये सच हुआ तो में अभी अपनी गांड तुम्हारे सामने खोल दू ,ओर जितनी बार मारेगा मे कभी मना नहीं करूंगा
हरिया – हा हो सकता है तुम्हे अपनी गांड देनी पड़े ,लेकिन मुझे नही किसी और को,लेकिन जहा तक में समझता हू ,मधु देवी की चूत चोदने के लिए तुम अपनी अपनी ही क्या अपनी मां सुधियां की भी गांड दिला दो

में बोला – कितना अच्छा हो अगर हम सब की माओ एक दूसरे से चुदवाए,फिर हमे रंडियों के पास नही जाना पड़ेगा और ऊपर से पैसे भी बचेंगे उनसे हम उन्हें खुश करेंगे ओर ऊपर से मस्त तंग चुत का इंतजाम भी हो जाएगा

भूरिया – लेकिन इसमें हरिया का फायदा हो जायेगा , उसे तो मुफ्त में हमारी मां को चोदने को मिलेगी
हरिया – बहनचोद भूल गया ,कितने चुतें दिलवाई है,ओर मेरी दूर की काकी को नही चुदवाया तुमसे
में बोला – चुप हो जाओ तुम सब,हरिया का बहुत बड़ा अहसान है हम पर,ओर हम सबने प्रण लिया है जिससे भी चोदेंगे उस पर सबका हक होगा

भूरिया – में तो मजाक कर रहा था ,अब हरिया ने भी कई चूत दिलाई है
कालू – तो फिर क्या किया जाए मधु देवी को पटाने के लिए,में तो कहता हु भांग पीला कर चोद लेते है
हरिया – नही ये खतरे से खाली नही है
भूरिया – अकेले रास्ते में सीधे या उल्टे तरीके से फसा लेते है
हरिया – में मधु देवी को बहुत अच्छे से जानता हु ,मेने बहुत को कोशिश करते देखा है ,मधु देवी कुछ ज्यादा ही संस्कारी और पतिवर्ता है,मधु देवी उसकी सीमा से निकलने के लिए बहुत कोशिश करनी पड़ेगी
में – में मां के बहुत पास रहता हु,में कुछ करू
हरिया – बेटे ,मुझे अच्छे से पता है तू कोशिश कर चुका है क्योंकि अब तक तू अगर मधू देवी को फसा सकता तो फसा लेता ,भले ही मधु देवी तेरी मां हो लेकिन ऐसी मां को कोन नही चोदना चाहेगा
 
अब आगे

कालू – तो फिर करे क्या


हरिया – एक तुम्हे एक बाबा के पास ले चलूंगा,अब वोही बताएंगे
में – कोनसा बाबा
हरिया – है एक पहाड़ी पर ,बहुत कम लोगो को पता है,90 साल का है,उसके पास दूसरो को जानने की चमत्कारी शक्ति है,ओर उससे कामदेव का अवतार कहा जाता है
में – तो उससे जाके क्या कहूं की में अपनी मां को चोदना चाहता हु,फिर वो सबको बता कर मेरी मां बहन कर दे
हरिया – किसी को कुछ पता नही चलेगा ,क्यों वो अंधा है
में – फिर तो थी है
हरिया – उसके पास हर मर्ज की दवा है,चुदाई से सम्धित कुछ भी लेना




कालू – तुम nahi चलोगे
हरिया – नही,में बाहर खड़ा हो जाऊंगा,मेने बाबा के सात एक धोका किया था ,तो उन्हों कहा था कभी मेरे सामने मत आना




में– क्या किया था
हरिया – बाद बताएगा,कल उससे सब कुछ पूछ लेना,कैसे मधु देवी को पटाना है,क्या करना है ,ओर कैसे सेक्स की सीमा बदानी है




भूरिया – ओर हम लोग गांड क्यों नही मार पाते
में– पागल है क्या,बाबा क्या सोचेगा
हरिया – सही सवाल है, उस दिन जब रंडी चोद रहे थे तो मेने गांड में उंगली डाली थी तो वो भड़क कर बोली थी आज गांड में उंगली मत करो
मेरे पूछने पर उसने बताया की कल कोई मुल्ला 1 घंटे तक गांड बजा कर गया था
कालू – 1 घंटा,इधर तो लंड घुस नही पाता,मुझे भी वो रांड मेरी गांड मारने की जिद पर कह रही थी की तुम केवल चूत चोदने के लिए बने हो ,गांड चोदना तो मुल्लो के लिए है ,फिर मैने कोशिश की ,बड़ी मुस्कील से लंड का टोपा घुसा था लेकिन इतना भयंकर दबाव होने कर कारण में तुरंत वही झड़ गया,पैसे भी गए और गांड भी नही मार पाया




में – मेरे साथ भी कालू जैसा ही कुछ हुआ,कल हम जरूर बाबा से पूछेंगे




हरिया – तो कल खाने का समान ले चलना है ,हैं जंगल में 30 km जाना है
कालू – जंगल में ,30 km, पहले ही गांड फट गई
हरिया – वही तपस्या करते है,तभी तो हम जैसे लोग उसके पास जा रहे है
भूरिया – अगर बाबा फर्जी निकला तो देख लेना




फिर हम लोग विदा हुए




अगली सुबह हम निकल गए ,लगभग 5 घंटो में बाबा के पहुंच गए
वहा पर एक कुटिया थी




हरिया वही रुक गया और बाकियों को आगे भेजा




हम जैसे ही कुटिया के पास पहुंचे
अंदर से आवाज आई – अंदर आ जाओ सोनू,कालू ,भूरिया,ओर धोखेबाज हरिया




हरिया घबरा गया,लेकिन अब बाबा के बुलाने पे अंदर नही गया तो मामला और बिगड़ सकता है ,इसीलिए हरिया भी अंदर चला आया




बाबा को चमत्कारिक शक्ति को देख कर हम खुश हो गए
जैसे ही अंदर गए एक बुजुर्ग ध्यान की मुद्रा में बैठा था




हम सब बोले – प्रणाम बाबा
बाबा – कल्याणवस्तु




कालू – बाबा एक समस्या का समाधान करना है,समस्या कुछ अलग है लेकिन मैने आपके बारे में सुना आप इस समस्या का समाधान कर सकते हो




बाबा – ha बेटा में सब जानता हु,मुझे कामदेव के अवतार के नाम से भी जाना जाता है,में किसी भी औरत को संभोग के मजबूर करने का उपाय बता सकता हु




कालू – तो बताए बाबा कैसे किसी औरत को संभोग के लिए मजबूर करे
बाबा – पहले ये बताओ की वो कैसी है,दुबली पतली , मोटी नाटी,भगवान को मानती है या नही,पति क्या करना है,क्या पति दारु पिता है




में – बाबा ऐसा क्यों जानना चाहते हो
बाबा – मूर्ख बालक ,इन्ही से पता चलता है कैसें
किसी औरत को मजबूर करना है
में – बाबा शरीर तो एक दम गदराया है,अच्छी कद की है एक दम मस्त शरीर है
ओर वो भगवान को बहुत मानती है
बाबा – ओर पति
में – मुझे नही लगता की वो कोई ज्यादा भाव देते है




बाबा – बेटा उमर अगर उसकी उमर 45 के आस पास की हुई तो तुम गए काम से
भूरिया – ha बाबा उमर तो इतनी ही है
बाबा – फिर कुछ नही हो सकता
हरिया – क्यों बाबा




बाबा – जब हरिया के होते हुए तुम कुछ नही कर सके तो मतलब तुम us लायक नही
हरिया – बाबा,कोशिश तो की लेकिन वो कोई भाव नहीं देती तो आगे कैसे बड़े
बाबा – हरिया तुमने मुझे सही शिक्षा नही ली,तुम कामचोर जो थे,मेरी विद्या बेकार गई
हरिया – नही बाबा ,मधु देवी का शरीर जितना गदराया है वो उतनी ही भोली है,कई बार अकेले मिलने पर उसे बातो में फसाने की कोशिश की लेकिन वो समझती ही नही
बाबा – तो मेने बताया था ना की अगर कोई औरत सीधी है और जो बातो में नही फसती उसे शरारिक स्पर्श से फसाने की कोशिश करो
हरिया – बाबा ,मधु देवी जितनी भोली है उतनी ही पतिवर्ता है,वो बड़ा ध्यान नहीं रखती है की कोई मर्द उसके शरीर को छू न पाए,अब बताओ में क्या करू
बाबा – तुमने एक गुरु का अपमान कर दिया
हरिया – माफ करना बाबा
बाबा – एक बात तो है ,जिसको हरिया नही फसा पाया ,ओर जिस तरह हरिया गुणगान कर रहा है ,उसके साथ संभोग करने वाले को जन्नत यानी मिल जायेगी
हरिया – तभी तो आपके पास आए है,मधु देवी का गदराया शरीर देख कर बूढ़े में जान आ जाती है,अब आप ही समस्या का समाधान निकाले
बाबा – अब तुम इतनी दूर से मेरे पास आए तो समस्या का समाधान तो करना पड़ेगा
 
हरिया – बाबा,कोशिश तो की लेकिन वो कोई भाव नहीं देती तो आगे कैसे बड़े

बाबा – हम्म ,इसका जवाब हम देते है उससे पहले कोई दूसरा सवाल हो तो पूछो ,क्योंकि उसके बाद हम ध्यान में जायेंगे और तुम्हे रात होने से पहले वापस भी जाना है

कालू – बाबा हम लोग गा....
हरिया – चुप, बूलकर कालू को चुप करवा दिया
क्योंकि हरिया जानता था की बाबा के सामने खुल कर चुत गांड का प्रयोग नहीं कर सकते

हरिया –बाबा अब तक हम कई औरतों के साथ संभोग कर चुके है ,लेकिन जब गुदा संभोग की बात आती है तो हम लोग ज्यादा टिकना तो दूर पूरी तरह शुरू भी नहीं कर पाते वोही एक दूसरी जाति के लोग बड़ी जोर शोर से गुदा संभोग करते है , हमें कहां कमी है

बाबा – मुल्लों की बात कर रहे हो

हरिया – हा बाबा
बाबा – मुल्ले कोई अलग नहीं होते ,लेकिन इनके धर्म में कुछ नियम की वजह से ये संभोग में महारथी बन जाते है

हरिया – कैसे बाबा
बाबा – इनकी उम्र जब 10 वर्ष की होती है जब इनके लिंग के आगे की चमड़ी काट दी जाती है,इससे लिंग के आगे की जगह का विकास तेजी से होता है और समय के साथ रगड़ खा खा कर सख्त हो जाता है जिस कारण संभोग के समय उत्तेजित काम होते है ओर सकत होने के कारण गुदा जैसी बहुत ही सकरी जगह में आसानी से घुस जाता है

हरिया – ओर बाबा संभोग करने की ताकत

बाबा- इन मुल्लों के खून मे ही संभोग होता है ,ये औरतों को बस एक खिलौना समजते है,ये नहीं देखते है की सामने मा है या बहन ,इन्हे बस दिखता है तो योनि जिसमे अपना लिंग डालने के लिए ये हमेशा आतुर रहते है ,फिर जब मोख मिलता है तो संभोग कर लेते चाहे औरत की इच्छा हो या ना हो ,
कलू - बाबा ये गलत नहीं है क्या
बाबा - बेशक गलत है ,ये एक तरह से बलात्कार होता है ,तुम इन्हे सबसे नीच जाती के लोग कह सकते हो,मे संभोग को गलत नहीं मानता ,हर औरत को हक होता है की जिसके साथ संभोग की इच्छा हो उसके साथ संभोग करे ,लेकिन इन मुल्ले औरतों की इच्छा नहीं देखते है ,बस टूट पड़ते है जब भी मोख मिलता है , इनके घर मे कोई रिश्तेदार आता है है तो मा बहन के साथ कब संभोग कर लेता है पता ही नहीं चलता है,किसका बच्चा कोण है कोई पता नहीं

मे - सच मे कितने नीच किस्म के लोग होते है ये मुल्ले

बाबा - इनकी शादियों मे तो ओर बुरा हाल है ,हर औरत बुर्खा पहन के रखती है ,उस समय संभोग क्रीडा बहुत चलती है ,किसकी बहु बेटी किसके साथ कोण समभोग कर रही है पता ही चलता ,चाहे इच्छा से या फिर जबरदस्ती

हरिया - फिर भी बाबा ,संभोग के बचपन मे कैसे उकसाते है इन्हे

बाबा - जब ये देखते है की इनकी मा बहन को हर कोई जब मन पड़े संभोग कर जाता है ओर जब अपने बाप को देखते है की वो कहा मुह मार रहा है तो सावभाविक बात है वो सिख ही जाता है ओर वो भी उससी रास्ते पे चल पड़ता है
कालू -इसका मतलब सीधे सबदों मे कहे तो इनके समाज में 13 वर्ष से ही इन्हें संभोग की लत लगा दी जाती है ,इनके समाज में रिश्तेदारों में संभोग को गलत नजर से नहीं देखा जाता,ये लोग अपनी मां ,बहन ,चाची , बुआ, किसी के साथ भी संभोग कर लेते है,संभोग इनके दिनचर्या का अहम हिस्सा होता है और फिर गोश्त खाने की वजह से संभोग में जबरदस्त ताकत आती है

बाबा - इन्ही सब कारणों के कारण ये संभोग क्रीड़ा में अपना नाम तेजी से आगे बड़ते जा रहे है
देखा जाए तो गुदा संभोग मुल्लों के लिए ही है

हरिया – तो बाबा पहले वाले समस्या का हल बताइए

बाबा – तीन हल है
पहला – किसी घने जंगल में लेंजाकर जबरदस्ती संभोग कर लो,लेकिन में उसे पाप मानता हु,ओर उसमे कोई मजा नही आयेगा

दूसरा – मेरे पास ले आओ ,जिससे में उसकी भवानी को बहका कर मजबूर कर दी,लेकिन अब में मोह माया से उठ चुका हु

ओर तीसरा किसी मुल्ले की मदद लो

में – बाबा ये क्या कह रहे हो
बाबा – मूर्ख ,जब हरिया जैसे हार गया है तो तुमसे कोई उम्मीद नहीं ,तुम सब एक नंबर के ठरकी हो ,लेकिन जो तुम सब एक औरत को मजबूर नही कर रहे मतलब वो बहुत ज्यादा अपनी सीमाओं से घिरी हुई है और अनुभव से कह रहा हु जो मजा ऐसी औरत को उनकी सीमाओं से बाहर निकलकर संभोग करने में आता है वैसा मजा जन्नत में भी शायद ही आए

हरिया – ऐसा क्यों बाबा
बाबा – ऐसी संस्कृति वान औरत एक ज्वालामुखी पहाड़ की तरह होती है ,जो बाहर से शांत और अंदर से बहुत गरम,हमे बस तरीका चाहिए होता है जावामुखी को बाहर लाने को,ओर जब ये ज्वालामुखी फटता है तो उससे संभालने के लिए कोई दमदार अनुभवी होना चाहिए कोई अनाड़ी होगा तो पूरा माहौल बिगड़ देगा और ऐसी स्थिति में औरत कुछ भी कर सकती या खुद की जान दे सकती है और दूसरो की जान भी ले सकती है और हो सकता है संभोग से हमेशा के लिए नफरत हो जाए
ओर यकीन मानो ऐसा माहौल देखने के लिए बहुत किस्मत वाला होना चाहिए

हरिया – तो बाबा ,कोई मुल्ला क्यों हमारी मदद करेगा

बाबा – क्योंकि इनके लिंग का विकास ज्यादा होने के कारण लंबे हो जाते है ओर इनका वीर्य सीधा औरत के गर्भ में गिरता है,जिससे वो गर्भवत हो जाती है इसीलिए इन्हें बचपन से गुदा संभोग की लत लगाई जाती है जिससे बच्चा ना हो सके , लेकिन इनके समाज में संभोग बहुत ज्यादा मामूली बात होने के कारण सब गुदा ढीली हो जाती है,ओर वही दूसरे समाज में गुदा संभोग कोई करता नही ,तो इस कारण कोई भी मुल्ला किसी भी शर्त को मान लेगा जिसके बदले उससे गदराया शरीर और कुंवारी गुदा मिल रही हो

हरिया – मतलब बाबा हमे उस मुल्ले से शर्त रखनी है की वो उस औरत के साथ गुदा संभोग करे और फिर हमारे से संभोग के लिए मजबूर करे

बाबा – हां बच्चा
हरिया – लेकिन बाबा अगर उसने शर्त नही मानी ,या हमारे लिए उससे मजबूर नही किया या उस औरत हो बदनाम किया तो
बाबा – मे पहले ही बोल चुका ही की मुल्ले बहुत नीच किस्म के लोग होते है ये ये किसी औरत को पाने के लिए कितना भी नीचे गिर सकते है लेकिन ये अल्लाह की झुटई कसम नहीं खाते ओर फिर भी तुम्हे दर है तो एक मौलवी था मोहमद सिराज खान जिससे में 40 वर्ष पहले मिला था तब उसका बेटा हुआ था अजमल खान,उसके पिता उससे सीखा के गए होंगे की कसं के क्या मायने होते है ,वो सही रहेगा

में – बाबा अब तो वो 40–45 साल का हो गया होगा,क्या पता उससे संभोग की लत नही हो
बाबा – मूर्ख बच्चा,मुल्ले अभी लत कभी नही छोड़ते,ओर लत नही होगी तो भी वो मदद करेगा क्योंकि इससे कुंवारी गुदा मारने के मिल रही है ,यह उसके लिए किसी खजाने से कम नहीं होगा

हरिया – ठीक है बाबा,ओर हमारे लिए गुदा संभोग संबंधित कोई सुझाव

बाबा – रोज कोशिश करो,मुल्ले का मुकाबला तो नही कर सकते क्योंकि समय के साथ उनके लिंग और ज्यादा सख्त और अनुभव के कारण संभोग की ताकत और बड़ गई है और बाकी बहुत सी चीजे उसके साथ रहने पे पता चलेगी

अब मेरा ध्यान का समय हो गया है

हरिया – ठीक है बाबा हम भी चलते है ,हमे भी देरी हो रही है

फिर हम प्रणाम करके वापस घर को ओर निकल जाते है
 
रास्ते में कुछ देर चुप रहने के बाद कालू बात छेड़ता है
कालू– तो सोनू क्या विचार है
सोनू – कोई विचार नही है
भूरिया – ऐसा मत बोल ,कालू बेचारा मर जायेगा ,उससे ये सपना मत छीन
सोनू – तो कालू के सपने के लिए में अपनी मां को गांड को एक मुल्ले को सौप दू
हरिया – सोनू थोड़ा ठंडा हो जा,देख चूत लंड में कोई जाति धर्म नही देखा जाता,जब हम भी किसी की चूत चोदते थे तब ये थोड़े ही देखते थे की वो चूत किसकी है
हम तो बस चूत में लंड डालकर चुदाई करके मजे लेके आ जाते थे
कालू – ओर क्या फर्क पड़ जायेगा जब हम 4 में से एक और जुड़ जायेगा,ये समझ लेना की वो भी हमारा ही दोस्त है
सोनू – मतलब तुम सब को तो मेरी मां को चोदने की पड़ी है ,मेरी नही देख रह को उसके बेटे के सामने कोई मुल्ला उसकी मां को गांड मारेगा और बेटा चुपचाप देखेगा,इससे बढ़िया तो में मां को बिना चोदे ही रहना पसंद करूंगा
हरिया – अरे सोनू समझने की कोशिश करो,कोनसा वो अजमल रोज चोदने आ रहा है तेरी मां को,एक दिन ही तो बात है फिर तुम मजे से चुदाई करना मां को,सोच कैसा लगेगा जब तुम और तुम्हारी पूरे घर में नंगे ही रंहेंगे ,जब मर्जी में आए मां को चुदाई कर लेना,साथ में नंगे सोना, सोनू तेरी पूरी जिंदगी बदल जायेगी वो भी बस एक छोटी से कीमत देकर
सोनू – तुम्हे छोटी सी कीमत लग रही है,वो मुल्ला मेरी मां की गांड मारेगा तुम्हे पता नही क्या रंडिया भी गांड मारने से डरती है मुल्लों से ,ओर इधर मेरी मां की गांड कुंवारी है वो बहन का लोड़ा मुल्ला मेरी मां की गांड का भोसड़ा बना देगा
हरिया – देख हम लोग वैसे ही गांड नही मार सकते,तो उस चीज को रखने का मतलब ही क्या जिससे हम काम में नही ले सकते,ओर फिर मां जब अपनी गांड अजमल से मरवाने के बाद अपने बेटे से चूत चुदवाए तो सोच कितना मजा आयेगा तेरी मां को ,ओर सोच मा बेटे के बीच वैसे ही बहुत प्यार होता है और जब तू मां की चूत चोदेगा तब तुम दोनो प्यार की सारे हद पार कर दोगे,तुम प्यार के आखरी छोर तक चले जाओगे

मुजे हरिया का भाषण अच्छा लगा,ओर कही न कही मुझे उसकी बात सह लगने लगी ,लेकिन कही न कही मुझे इन दोस्तो से नफरत भी ही रह थी जो एक चूत पाने लिए मेरी मां को बिना सोचे समझे एक मुल्ले से चुदवाने को को तैयार थे ओर ना जाने ओर क्या क्या करने को तैयार हो जाए

में – में कुछ नही कहूंगा,मुझे 2–3 दिन दो ,फिर बताएगा

कालू – सोनू यार जल्दी सोच कर बता देना,मुझे मेरा सपना सच होता दिख रहा है ,मुझे रहा नही सोचा यह कल्पना करते हुए
ओर कालू अपना लंड निकल कर हिलाने लग जाता है
ओर कालू कालू का लंड झटके खा रहा था और कुछ देर में उसका पानी निकल जाता है
भूरिया – ये लो इसका तो मधु देवी की चूत की कल्पना करते ही पानी निकल गया जब हकीकत में सामने देखेगा तो क्या होगा
हरिया – मर्द के नाम पर धब्बा है कालू
कालू – क्या करू यार मधु देवी इतनी मस्त जो है उसके जैसी गदराई औरत अपने आस पास के किसी गाँव मे नहीं है
हरिया – साले जब चोदने जायेगा तो 2–3 धक्को में ही निकल गया तो धक्के मार के निकल देगी तूझे,ओर साथ में हमे भी बदनाम करवाएगा

कालू – नही नही ऐसा कुछ नही होगा ,बस मधु देवी की चूत दिला दो
भूरिया – वो तो सब सोनू पर है,वो चाहेगा तब ही कुछ हो होगा

ओर में फिर निकल गया,सब लोग मुझे देख रहे है,पता नही क्या मुझे उनकी हालत पर दुख हो रहा था क्योंकि मेने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रहा था वही दूसरी ओर में अपनी मां को किसी मुल्ले से चुदवाना नही चाह रहा था
 
मेंं जब घर पहुंचा मां खाना बना रही थी
मां मुझे देख कर बोली – आ गया बेटे,जल्दी से हाथ मुख धोले ,ओर खाना खा ले

ओर मां वापस चूल्हे की तरफ देखकर रोटियां बनाने लग गई
मां पसीने में भीगी हुई थी ,मां की चिकनी कमर पर पसीने की बूंदे किसी संगमरमर पर अमृत की बूंदों की जैसी लग रही थी
मन में तो आ रहा था की मां बेटे के रिश्तों को भुला कर मां की कमर पर उस अमृत रूपी पसीने को चाट लूं लेकिन अंदर ही अंदर दर भी था कही कुछ गलत ना हो जाए इसीलिए अपनी भावनाओं को दबा कर में अपने कमरे में चला गया

अंदर कमरे में पहुंच कर देखा तो मेरा लंड तंबू बन चुका है और झटके खा रहा था,ये तो ते था की मेरी भावना मा के प्रति बदल चुकी थी ओर अब मे मे मा को किसी ही कीमत मे चोदना था
पता नही जब से बाबा से मिला हु दिल दिमाक पर मां ही मां छाही हुई है
मेने अपना लंड निकल कर उससे निहारने लगा,
लंड झटके खा रहा था,मेने अपने लंड के सुपाड़े की चमड़ी को पीछे किया और खुद से मन ही मन बोला,यही वो चमड़ी है जो हमे गांड का मजा लेने से रोकती है लेकिन में इससे हटा भी तो नही सकता
ओर फिर मे मा के बारे मे सोचने लगा
ओर मां को पाने के लिए क्या मुझे अपनी मां को उस मुल्ले से चुदवाना जरूरी है, वो साला तो मेरी मा की गांड ही फाड़ देता ,जिससे रंडिया भी गांड मरवाने से डरती हो वो तो मेरी मा की कुवारी गांड की क्या हालत करेगा ये सोचकर ही दर लगता है
लेकिन जरूरी तो नहीं की मुजे मा को हासिल करने के लिए उस मुल्ले से चुदवाना ही पड़े,बाबा कुछ ओर समाधान भी निकाल सकते है
मुझे इन सब सवालों के जवाब के लिए अकेले बाबा से बात करनी पड़ेगी

ओर मन को पक्का किया की में चाहे कुछ भी हो जाए में अपनी मां को उस मुल्ले से नही चुदवाउग
ओर फिर बाहर निकल कर नहा धोकर खाना खाया और आज काफी थक गया था इसीलिए सो गया

अगले 1–2 दिन मेने दोस्तो से मिला नही इसीलिए कारण हरिया मेरे घर आया
उस समय मेरी मां झुक कर झाड़ू लगा रही थी जिस कारण मा की बड़ी गांड का आकार घागरे के ऊपर से दिख रहा था ओर गाँव मे महिलाये अंडेर चड्डी नहीं पहनती ओर उस समय मा काम करने के कारण घागरा गांड से चिपक गया था ,ओर मा की गदराई गांड ओर हमारे बीच केवल एक घागरे का फर्क था
हरिया मां की गांड को देखकर उसमे एक अलग ही चमक आ गई और अपना लंड धोती के ऊपर से मसलने लगा "हाए क्या गदराई गांड है,मन तो करता है अभी मधू देवी का घागरा उचा करू ओर अपना लंड चुत मे पेल दु ओर दबा के मदु देवी को चोदू "

मुझे हरिया की बात अच्छी नहीं लगी ओर मेने मा का ध्यान हमारी तरफ कीचने के लिए मेने जोर से कहा क्या काम है हरिया
मां ने जब देखा की हरिया आया हुआ है तो मां बोली – अरे हरिया बेटे कब आए
हरिया – बस आंटी जी अभी अभी आया हु
मां – कैसे हो ओर घरवाले कैसे है ,आज काफी दिनों बाद घर आए हो
हरिया – आंटी में ठीक हु ओर घरवाले भी ठीक है ,ओर आंटी जी इधर आना नही होता इसीलिए नही आ पा रहा था
मां – कुछ काम था बेटे
हरिया – नही आंटी जी ,सोनू कुछ दिनों से मिल नही रहा था तो सोचा कही तबियत तो खराब नही हो गई
मां – सोनू तो एक दम से ठीक है, हा लेकिन जब से तुम शहर से आए हो सोनू घर पर ही बैठा रहता है,कुछ गलत हो गया था क्या शहर में
हरिया – नही आंटी ऐसी कोई बात नही,ओर ऐसी बात है तो सोनू को बताना चाहिए था
मां – क्या हुआ सोनू
मैं – नही मां ऐसी कोई बात नही
हरिया – इसीलिए तो इससे लेने आया आया हु,कुछ देर साथ में घूमेंगे तो समस्या दूर हो जायेगी
मां – हा बेटा ,हरिया बिल्कुल सही कह रहा है ,हरिया से साथ घूम आओ

मुझे मां का कहना मानना पड़ा और हरिया के साथ घूमने निकल पड़ा

हरिया – क्या बात है सोनू ,बाबा से मिलने के बाद तूने तो हमसे मिलना ही छोड़ दिया,ऐसा क्या सोच रहा है
सोनू – सोच रहा था कोई रास्ता तो जरूर होगा मां को हासिल करने का
हरिया – तो क्या सोचा
मे - अभी तक तो कुछ नहीं
हरिया - बाबा जी के बताए रास्ते से अच्छा कुछ नहीं हो सकता ,वो ज्ञानी है उन्होंने कुछ सोचकर ही ये रास्ता बताया होगा
मे-कोई ओर रास्ता भी जरूर होगा ,मे मेरी मा को उस मुल्ले से नहीं चुदवाना चाह रहा
हरिया- क्यों
मे- यार जब रंडिया भी मुल्ले से गांड मरवाने से डरती है ,ओर उनकी भोंसड़ा हुई गांड की हालत भी बुरी कर देता है तो मेरी मा की कुवारी गांड की क्या हालत करेगा
हरिया - एक बार की ही तो बात है ,ओर उसके बदले हमे मधू देवी के गदराए शरीर को भोगने को मिलेगा वो भी सोच,सोच जब मधी देवी नंगी तुम्हारा इंतजार कर रही हो ,ओर जब तुम उसके पास जाओ ओर उसके गदराए शरीर को निहारो,ओर फिर बड़े प्यार से फुली हुई चुत पर लंड रखकर धक्का देंगे ओर प्यार से मधू देवी को चोदो ,वो पल कितना सुनकूँ भरा होगा

""मे एक पल के लिए हरिया की बताए बातों की कल्पना मे खो गया जहा मेरी मा नंगी पलंग पर बैठी मेरा इंतजार कर रही है ओर मे लंड सहलाता हुआ मा को देखकर मुस्कुरा रहा हु
मे बोला -मा आखिर वो व्यक्त या गया जब मे वहा अपना लंड डालूँगा जहा से मे पैदा हुआ था
मा- आजा मेरे लाल ,मे भी कबसे तेरा इंतजार कर रही हु की कब तू मेरी चुत के अन्डर लंड डाल कर चुदाई करे ओर मेरी बरसों की आग शांत करे
ओर फिर मे मा के पास पहुच कर मा को लेटा देता हु ओर फिर बड़े प्यार से चूचियों से खेलते हुए अपना लंड मा की मस्त फुली चुत पर रखता हु ,ओर जैसे ही मे धक्का देने वाला होता हु ,हरिया मुजे जोर से हिला कर मुजे कल्पना से बाहर ले आता है

हरिया- क्या हुआ सोनू,क्या दिक्कत है

मे "" तुम्हारी दिक्कत नहीं है ,हम लोग मधू देवी की इज्जत करते है ,ओर हम लोग बड़े प्यार से ही चोदेंगे लेकिन वो मुल्ला तो बदनाम है वो तो किसी जुंगली जानवर जैसे चोदेगा ओर वो भी मेरी मा को जिसने अपने पति के अलावा किसी ओर को शरीर चुने तक नहीं दिया ,ओर अब तो चुदाई किए हुए भी बहुत दिन हो गए होंगे ,ओर ऊपर से मा की गांड भी कुवारी है वो तो मेरी मा की कुवारी गांड का भोंसड़ा बना देगा
हरिया -इसका भी इलाज है मेरे पास
मे - क्या
हरिया - हम अजमल से बात करके उससे मक्कन का प्रयोग करके को कहेंगे
मे- मक्कन से क्या होगा
हरिया - मक्कन मे बहुत चिकनाहट होती है ,उसके कारण उसका लंड मधू देवी की गांड मे आराम से जाएगा
मे-तो इसका मतलब ये थोड़े ही है की मा को दर्द नहीं होगा,एक तो उसका लंड बड़ा ओर ऊपर से मा की गांड कुवारी ,उसमे थोड़े से मक्कन से क्या होगा
हरिया - तो कोण कह रहा है थोड़ा सा मक्कन ही काम मे लेंगे ,हम लोग अजमल को बोलेंगे की गांड मारने से पहले कम से कम एक कटोरा मक्कन मधू देवी की गांड मे भरे
मे- एक कटोरा मक्कन कुछ ज्यादा नहीं हो गया
हरिया - एक कटोरा मक्कन तो कम है ,एक और तो अजमल का मोटा ओर लंबा लंड ओर दूसरी ओर मधू देवी की बड़ी ओर सूडोल गांड ,ऐसी गांड तो अपने आस पास के किसी गाँव पे नहीं है
मे-यार जहा एक उंगली भी नहीं जा सके वह मोटा लंड जाएगा तो दर्द नहीं होगा क्या
हरिया - यार दर्द तो होगा लेकिन एक बार गाडं मे पूरा लंड चला जाए फिर गांड ढीली होने पर मक्कन की चिकनाहट के कारण आराम से लंड फिसलेगा लेकिन शुरू शुरू मे दर्द तो झेलना पड़ेगा ,कुवारी लड़की की की चुत मे जब सबसे पहले लंड जाता है क्या तो उसको भी दर्द झेलना होता है ,ओर हम कोनसा अजमल को रोज मधू देवी गांड मरवाने बुला रहे है ,एक बार मधू देवी हुमसे चुद जाए फिर अजमल को लात देके भागा देंगे
मे- अगर वो नहीं माना तो ,ओर कभी उसके मन मे आया ओर फिर से या गया मेरी मा को चोदने तो
हरिया - आर तो हम बैठे है ना,साले बाद मे कभी एक आँख भी मधू देवी पर उठाई तो गांड मारकर कर पटक देंगे
मे मजाक मे हरिया से बोल " जिसका काम ही गाडं मारना हो तो हम उसकी गांड कैसे मारेंगे "
हरिया - आर सोनू तू भी ना ,मे उस उस संदर्भ मे नहीं कह रहा था
मे- मे जानता हु ,मे मजाक कर रहा था


ओर फिर हम अपने ठिकाने पे पहुंच गए जहा कालू और भूरिया भी बैठे थे
हरिया – बता ना,क्या सोचा
सोनू – अभी तो कोई रास्ता नही निकला लेकिन जल्दी ही निकल जायेगा
हरिया – देख तूने 3 दिन मांगे ,हमसे दे दिए,तूने हमारी दुखती रग पर हाथ रख दिया है ,अब अगर तूने नखरे किए तो हमे घी टेड़ी उंगली से निकलना पड़ेगा
में – मतलब
कालू – मतलब ये की अगर तूने मां को नही चुदवाया या अपनी बात से पलट रहा है तो हमारे पास और भी रास्ते है
में गुस्से में जैसे की
भूरिया – जबरदस्ती तेरी मां की चुदाई करना, या फिर हमसे कुछ नही हो पाए तो याद है वो औरत जो हरिया को रिश्तेदार थी ,जिससे हम सबने चोदा था उसको लायेंगे तो तेरी मां के सामने तेरी करतूत बयान करेंगे,ओर साथ मे ओर भी की औरतों को लाएंगे
में – सालो ,दोस्ती का ये शिला ले रहे हो
कालू – तुझे हमे मधु देवी की उम्मीद नहीं दिखानी चाहिए थी ,अब या तो हम सब चोदेंगे या फिर तुझे तेरी मां की नजरो में इतना गिरा देंगे की की वो तुझे घर से बाहर निकल दे
मे- मेरी मा को बता दूंगा की तुम सब झूट बोल रहे हो ,ओर वो औरत भी झूट बोल रही है
भूरिया -भले ही तू एक औरत से बच सकता है लेकिन अनेक औरतों से नहीं,हम लोग हर रोज नई औरत को लाएंगे ओर जब तक लाते रहेंगे जब तक मधू देवी तउजे घर से धक्के देकर बाहर ना निकाल दे
में – देख लूंगा तुम सबको,तुम लोग दोस्ती का ये सिला दे रहे हो ,लानत है ऐशी दोस्ती पे
कलू- लानत तो तुज पर है जो दूसरी औरतों ओर रंडियों को चोदने के समय तो साथ था लेकिन जैसे ही बात खुद की मा पर पहुची,तू पतली मार गया ,जब हम सबसे साथ कसमे खाई थी की औरतों को साथ मे चोदेंगे ओर सबको चुदवाएंगे भले ही वो किसी की मा हो,लेकिन तू तो है ही हरामखोर ,खुद दोस्ती तोड़ता है है ओर दूसरों पर इलज़ाम लगता है
हरिया – देख तुझे 3 दिन ओर दे रहे है उसके बाद हम उस औरत के साथ तेरे घर पहुंच जायेंगे

ओर फिर में निकल जाता हु,मुझे आज अपने दोस्तो में बहुत गुस्सा आ रहा था, पहले तो तो ठीक है जब वो निवेदन कर रहे थे लेकिन तो मुजे मजबूर कर रहे है ओर धमकी दे रहे है ,साले किसी को चोदने के लिए इतना गिर जाएंगे मेरे दोस्त मेने कभी सोचा नहीं था
पहले मां को अजमल से नही चुदवाना सबसे बड़ी प्राथमिकता दी लेकिन अब दोस्तो को सबक सिखाना प्राथमिकता बन चुकी थी ओर इसके लिए मे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार था
 
अगले दिन

में पूरे दिन सोचता रहा की आखिर कैसे में अपनी मां को उस मुल्ले से बचा सकता हु और कैसे अपने दोस्तो से बदला ले सकता हु

आज मुझे अपनी मां की फिक्र काम हो रही थी जब की दोस्तो से बदला लेने बहुत तीव्र इच्छा थी,में उन सालो को ऐसा सबक सिखाना चाहता था की वो जिंदगी भर मुझे याद रखे,लेकिन मेरी समझ नही आ रहा था की आखिर कैसे ,सीधे तौर पे तो उनसे लड़ नही सकता,वो 3 है ओर में अकेला
ओर मेरे पास ज्यादा वक्त भी नही था, उन सालो ने 3 दिन का वक्त दिया है

पूरे दिन सोचने से जब कोई हल नहीं निकला तो मेने अकेले बाबा से मिलने को सोचा ,हो सकता है उनसे मिलकर कोई हल निकल जाए

फिर मैने अपने मन को पक्का किया और अगली सुबह बाबा से मिलने की सोची
ओर शाम को खाना खा कर सो गया और सुबह जल्दी ही बाबा से मिलने निकल गया

लंबा रास्ता तय करने के बाद जब में बाबा की कुटिया तक पहुंचा तो बाबा ध्यान को मुद्रा में बैठे थे मेने उनके ध्यान में बाधा न बनते हुए ,में चुपचाप जाकर बैठ गया

कुछ देर बाद

बाबा बिना आंख खोले – आ गए बेटे सोनू,में तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था
में – बाबा आपको कैसे पता की में वापस आऊंगा
बाबा – कोई भी बेटा अपनी मां को रंडी बनते नही देख सकता
में – बाबा आपको कैसे पता को वो औरत मेरी मां है

बाबा – भूल गया की में अंतर्यामी हु
दूर अब जाकर बाबा की शक्तियों का अहसास हुआ
में – बाबा आप गलत नहीं मानते की मां बेटे के ऐसे रिश्तों को
बाबा – योनि लिंग ,कुछ नही देखता ,बस होना चाहिए तो प्यार,अगर एक मां बेटे का सम्भोग करके प्यार और बाद जाता है तो वो गलत नही ,लेकिन अगर कोई जबरदस्ती करे तो उसे बड़ा पाप भी कोई नही


में – बाबा आपने मेरी मन की बात जानी कैसे

बाबा –मेने तुम्हारी मन की भावना जान ली थी की तुम अपनी मां को मुल्ले से संभोग करवाना पसंद नही करोगे लेकिन में यह भी जानता था की तुम अपनी मां को पाने के लिए एक बार मुल्ले से संभोग करवाना पसंद करोगे लेकिन तुम्हारी सभी दोस्तो से नही,वो इतने पागल हो चुके है की वो तुम्हारी दोस्ती भी दाव पे लगा देगे तुम्हारी मां को पाने के लिए और वो लोग मधु देवी को पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैै


में – बाबा आप तो सच मूच में महान हो ,मुझे माफ करना मेरी आपके में गलत सोचा

बाबा – कोई बात नही बच्चा,सभी यही करते है

में – बाबा तो मेरी यही समस्या है,में किसी तरह इस समस्या से निकलना चाहता हु कुछ ऐसा रास्ता बताओ जिससे मां मेरी हो जाए ओर सब धरे के धरे रह जाए

बाबा – कुछ चीज़ की कीमत होती है ,उन्हे पाने के लिए कुछ कुर्बान करना ही पड़ता है ,तुम्हे भी अपनी मां को पाने के लिए कुछ कुर्बान करना पड़ेगा

में – क्या बाबा


बाबा – चलो बताओ ,अगर तुम्हे पता चले की कोई आदमी है जो तुम्हारी मां के साथ पहले ही संभोग कर चुका है तो तुम क्या करोगे
में – बाबा में क्या कर सकता हु ,जो पहले ही संभोग कर चुका है ,बस बदला ले सकता हु
बाबा – तो अजमल के साथ भी यही समझ लो,मान लो अजमल पहले ही तुम्हारी मां के साथ संभोग कर चुका है,ओर फिर तुम चाहो तो बदला ले लेना
में – बाबा बदला लेने की जरूरत ही क्या अगर में उससे रोक सकता हु तो
बाबा – तुम्हे बदला लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी ,क्योंकि अजमल तुम्हारी मां के साथ एक बार संभोग करने के बदले तुम्हे तुम्हारी मां दिला रहा है,इससे बढ़िया तो ओर क्या होगा,ओर तुम्हारी मां के बदले ये तो एक छोटी सी कीमत है और इसका दूसरा फायदा यह भी है की फिर तुम्हारे दोस्त तुम्हे तुम्हारी मां की नजरो में बदनाम नही कर पाएंगे
ओर फिर भी बदला लेने का विकल्प भी रहेगा ,चाहे तो बाद में बदला ले लेना

में – बात तो सही है बाबा,लेकिन

बाबा – तुम बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ चुके हो ,एक तरफ कुआ है तो दूसरी तरफ खाई ,ओर इस मुसीबत से तुम्हे अजमल ही बाहर निकल सकता है या फिर तुम्हारे दोस्तो,बस फर्क इतना है की अजमल के कारण तुम्हे तुम्हारी मां मिल जायेगी और दोस्तो के कारण तुम्हे तुम्हारी दोस्ती ,उसमें मां नही मिलेगी तुम्हे

में– ये तो दुविधा हो गई बाबा


बाबा–या तो तुम अजमल की मदद लो या फिर अपनी मां की नजरो में हमेशा के गिर जाओ


कल को घटना के बाद मुझे आपके दोस्तो पर बहुत गुस्सा आ रहा था,जो मेरे बचपन के दोस्त थे उनसे ऐसे धोखे की उम्मीद नहीं थी और में उन्हे सबक सिखाने के लिए उत्सुक था और कोई भी कीमत चुकाने को तैयार था


में – के समझ गया बाबा,अब सब कुछ अजमल ही करेगा लेकिन बाबा में चाहता हु अजमल मेरी मां की योनि में नही घुसाए उसमे मेरा ही हक है

बाबा – ये मुल्ले भले ही नीच हो लेकिन ये अल्लाह की कसम झुट्टी नही खाते,ओर वैसे भी मुल्लो के लिंग का खतना होने कारण सक्त हो जाता है तो उनको योनि जैसे कोमल चीज़ में दिलचस्पी कम ही रहती है लेकिन तुम्हारी मां ही योनि भी बहुत तंग होगी,वो कोशिश तो जरूर करेगा लेकिन उसका ध्यान जब तक योनि पे नही जायेगा जब तक तो तुम्हारी मां की तंग गुदा में अपना लिंग घुसा कर अपना मन नही भर लेता

में – तो बाबा मुझे अजमल से कसम दिलवानी है की वो मेरी मां की योनि में लिंग नही घुसाए
बाबा – ठीक समझा मेरी बच्चा ,लेकिन उनकी बातो का विदेश ध्यान देना,वो कसम न तोड़ते हुए भी अपना काम निकाल लेते है
में – मतलब
बाबा – अजमल से कसम साफ शब्दों में लेना
में – अच्छा बाबा




बाबा – अब तुम जाओ ,नही तो जंगल में रात हो जायेगी तो बहुत मुसीबत आ सकती है


फिर में वहा से निकल जाता हु
 
में सोचता हु क्यों न अभी जाते हुए अजमल को देख जाऊ

तो फिर मेने अपना रास्ता बदला और में आते हुए दूसरे गांव से आता हू जहा अजमल रहता था,

उसकी घर पूछने पर पता चला की उसकी कुटिया गांव से थोड़ी दूर एक पहाड़ पर थी जो एक सुनसान जगह थी
उत्साहित में मेरे पूछने पर की क्या उससे डर नही लगता सुनशान जगह पर रहने से तो जवाब में पाया की वो अकेला रहना पसंद करता है


फिर में वहा गया तो पाया दूर दूर तक कोई घर नही ,मेने कुटिया देखी तो उसका दरवाजा खुला था और अंदर अजमल खाट पर लेटा था
अजमल एक भारी शरीर का मर्द था ,एक दम सांड जैसा,जिससे लड़ाई करना तो कोई सपने में भी न सोचे,करीब 7 फुट लंबा ,एक दम हस्तपुस्थ ,करीब करीब 90 किलो का वजन

मेरी समझ नही आ रहा था की क्या करू,क्या में अंदर जाकर अजमल से बात करू या फिर यह से चला जाऊ

तो मेने कुछ देर ओर वही रुक कर ये देखने का प्रयास किया की वो करना क्या चाहता है और आगे क्या क्या करता है,सुनसान जगह है किसी के देखने का डर भी नही,ओर पकड़ में भी आ गए तो कोनसा वो मुझे जानता ओर में रास्ते से परिचित हु ,भाग जाउंगा उसे पता चलने से पहले

अजमल थोड़ी देर बाद खाट से उठता है ओर अपने लिए हुक्का जलाता है और वापस लेट कर हुक्का पीने
लगता है

जल्दी ही उसका हाथ अपने धोती के ऊपर गया और धोती के ऊपर से ही लंड मसलने लगा
फिर कुछ देर मसलता रहा मुझे लगा की अब वो धोती खोलेगा,मुझे मुझे भी उसका लंड देखने की इच्छा थी आखिर कैसा लंड है इसका जिससे रंडिया भी चुदवाने में 2 बार सोचती है

जल्दी ही उसने अपनी धोती खोलकर अपना लंड बाहर निकाला

मेरा दिल तो एक दम से रुक सा गया अजमल का लंड देख कर
अजमल का लंड करीब करीब 12 इंच लंबा और 3 इंच मोटा और उसका सुपाड़ा तो 4 इंच मोटा होगा

उसका खतना किया हुआ लंड मुझे कोई लंड नही गाय भैसो को बांधने वाला खूंटा ज्यादा लग रहा था

उसका लंड किसी काले सांप को भांति फुफकार रहा था
अब समझ में आया था की क्यों रंडिया भी चुदवाने से डरती है
ओर फिर जैसे ही मुझे अपनी मां का खयाल आया अजमल से चुदवाने का में कांप सा गया
क्यों जो में देख रहा था ये लंड नही कुछ और है ,या लंड इंसान का नही हो सकता ओर ये लंड मां की कुंवारी गांड का क्या हाल करेगा ये सोचकर में कांपने लग गया

फिर में वहा से भाग आया
घर पहुंच कर कमरे में घुस गया,पूरा पसीने से लथपथ जब मां ने मुझे इस हालत में देखा तो बोला " अरे सोनू बेटे क्या हुआ,ऐसे हड़बड़ाहट में क्यों हो""
में – कुछ नही मां वो थोड़ा चल के आया हु इसीलिए थोड़ा पसीना आ गया
मां – बेटा में तेरी मां हु,ओर पसीना पहली बार नही देख रही में ,तेरे चेहरे पर चिंता ओर डर का भाव देखकर पूछा है
में – नही मां ऐसी बात नही
मां मुझे शंका बाहरी नजरो से देखती है ,देख कोई चिंता या दर हो तो बता दे तेरी मां को

में मुस्कुराया और मन ही मन बोला" मेरी चिंता ओर डर का कारण ही तुम हो मां ,तुम्हे हासिल करने के लिए मुझे तुम्हारी अजमल से गांड मरवानी पड़ेगी और उसका लंड देखकर मेरी हालत पतली हो गई "

मां – सोनू ,कहा फिर से सोच में पड़ गया
में – नही मां ,ऐसी कोई बात नही
मां – चल खाना खा ले
फिर मां वापस जाने लगती है
मां की के चलने के कारण गांड में पैदा हुई थिरकन को देखकर लंड झटके खाने लगा,एक दम से खून का बहाव तेज हो गया,ओर खुद को बड़ी मुस्लिम से रोका

में खुद से बोला " अब रोज रोज मां की गांड देख देख कर कब तक खुद को रोक पाऊंगा,लगता है मां को उस मुल्ले से चुदवाना पड़ेगा


में फिर खाना खा कर लंड मसलते हुए सो जाता हू

अगले दिन फिर से हरिया मुझे बुलाने आता है और मां को देख कर लंड मसलता है

में हरिया के साथ बाहर निकल जाता हू

कालू– ओर मेरे दोस्त कालू
में – कल तो बड़ा भड़क रहा था
कालू – तूने बात ही ऐसी की थी
हरिया – तो भाई क्या सोचा है
में – पता नही
हरिया –सोच भाई
कालू – नही तो 2 दिन बाद तेरे घर पे होंगे हम लोग
में – तू साले चुप रहे,धोखेबाज ,साला चूत के चक्कर में दोस्त से धोखा कर रहा है

हरिया स्थिति संभालते हुए बोला – अरे तुम फिर
झगड़ने लगे ,हमारा उद्देश्य ये है की हम लोग मधु देवी को हासिल करे
कालू – अरे तो ये गंदमारा पलटी मार रहा है ना
हरिया – सोनू पलटी नही मार रहा
कालू – तो क्या कर रहा है
हरिया – अरे यार मधु देवी उसकी मा है ,अब यार मा को वो ऐशे ही थोड़े किसी अनजान मर्द से चुड़वा देगा ,दोस्त होता तो फिर भी ठीक था लेकिन वो तो अनजान है ओर ऊपर से दूसरे धर्म का है
कलू - तो फिर मधू देवी को चोदने की बात क्यों छेड़ी थी
हरिया – वो बात तो आज नही तो कल छिड़ती ,लेकिन अब जो हो गया है तो आगे बड़ो,हमे सोनू का अहसान मंद होना चाहिए की कम से कम वो सोच तो रहा है मधु देवी को चुदवाने को
कालू – जब पक्का हो गया तो अब बदलने की क्या जरूरत ,मुझे नींद नहीं आती ,जब भी आंख बंद करता हु बार बार मधु देवी की चूत में लंड डालने वाला सपना आता है,में मधु देवी की चूत में लंड डालकर बड़े प्यार से चुदाई करना चाहता हु फिर उसकी बाहों में रातभर सोना चाहता हू,ओर अब अगर इस सपने के बीच कोई आया में उससे छोडूंगा नही,मधु देवी तो सिर पे चढ़ गई है और अब मधु देवी को पाने के लिए में कोई भी कीमत देने को तैयार हु
भूरिया – इस हद तक चढ़ गई है क्या मधु देवी
कालू – ha भाई,मधु देवी एक नशे की तरह मेरे पूरे शरीर पे चढ़ गई है और अब में मधु देवी को पाने के लिए किसी को भी मार सकता हु

हरिया – देख सोनू ,अब बहुत देर हो गई है,अब हम लोग पीछे नही हट सकते,बस 1 रात की ही तो बात है,बुरा सपना समझ के भूल जाना को किसी ने तेरी मां को चोदा था

में – बात चोदने की नही है
भूरिया – बात है की वो मुल्ला है ,जो बदनाम है ,जिससे रंडिया भी डरती है,वो क्या हाल करेगा
हरिया – उसका भी तरीका है मेरे पास
में – क्या
हरिया – हम लोग भांग पिलाएंगे मधु देवी,उसके बाद मधु देवी मस्त होकर चुदवाएंगी
में – फिर दर्द नही होगा क्या
हरिया – अरे फिर तो एक दम मस्त होकर चुदवाएगी

में – लेकिन बाद में दर्द होगा न

कालू – ये बहनचोद नाटक पे नाटक करे जा रहा है,में तो कहता हु इसके हाथ पैर बांध कर मधु देवी को उठा लाते है,भाड़ में गया वो मुल्ला ,ओर फिर यही पलट के चोद देते है

में – ओए कालू ,हद में रहे,नही तो मुझे बुरा कोई नही होगा

कालू – तेरी मां का भोसड़ा,मुझे धमकी देता है,यही पलट के गांड मार दूंगा

में – अच्छा गांड मारने का इतना शौकीन है तो रंडिया की गांड क्यों नही मारता ,उनके सामने बोलती बंद हो जाती ,भोसिडका

कालू – बहनचोद आज तू तो गया
लेकिन हरिया और भूरिया इससे पकड़ लेते है ,लेकिन फिर भी वो मेरी गिरेबान पकड़ ही लेता है ” भोसडीके केवल 2 दिन ,जब तक तेरी मां उस मुल्ले से नही चुदी तो हम लोग जबरदस्ती तेरी मां को चोदेंगे,फिर जो होगा देखा जायेगा

हरिया – कालू काबू से बाहर हो रहा है , तू चला जा

कालू एक अच्छे शरीर का लड़का था,ओर में जानता था की वो क्या कर सकता है,कई बार हमारी लड़ाई हुई थी तो कालू ने से हमको बचाया था

लेकिन आज जो कालू ने किया मेरा दिल टूट गया
में – ठीक है कालू,में जा रहा हु,ओर जो तूने एक औरत के लिए मेरे से लड़ाई की ,उसका परिणाम तो भुगतना होगा


आज तो कालू ने हद कर दी,इस साले को सबक सिखाना जरूरी है


में पहले दोनो तरफ से फसा हुआ था लेकिन आज कालू की हरकत ने मुझे दूसरी तरफ जाने को मजबूर कर दिया
 
हरिया से लड़ाई के बाद मे बहुत गुस्से मे था
में खुद से बोला – कोई बात नही सालो,तुम्हारे असली चेहरे देख कर कम से कम अब मुझे ज्यादा दुख नही होगा मां को उस उस मुल्ले से चुदवाने मे ,लेकिन मे तुम्हें सबक जरूर सिखाऊँगा

मे जब घर गया तो मा साफ सफाई का काम निपटा कर खाना बना रही थी
उस समय चूल्हा बुज गया था तो मा फुकनी से चूल्हे मे हवा देने के लिए झुक कर हवा दे रही थी
मा पसीने लथपद थी ,मेने पास से देखने के लिए दबे पाव मा के पास गया
मा की पसीने से लथपट मांसल कमर को देखर मेरे लंड मे खून का बहाव तेज हो गया
मा की मांसल कमर पर वो पसीने की बूंदे किसी अमृत से कम नहीं लग रही थी
मा का लाल रंग का ब्लाउस पसीने मे भीग कर हल्का सा पारदर्शी हो गया था ,ओर चुकी गाँव मे औरते ब्रा ओर पेन्टी नहीं पहनती ,मुजे केवल यह सोच कर ही पूरे शरीर मे उत्तेजिना हो गई की मा का सूडोल चुचिया केवल एक पतले कपड़े का बना ब्लाउस के पीछे है ओर जब मे थोड़ी हिम्मत करके जब मे थोड़ा ओर दबे पाव पास गया तो मेने वो देखा जो आज तक नहीं देखा था
मा आगे झुक कर चूल्हे को जलाने की वजह से घागरा थोड़ा नीचे किसक गया था ओर मा की गांड बड़ी होने के कारण गांड की दोनों बड़ी बड़ी फाकों के बीच बनी खाई दिख गई,अंदर अंधेरा होने के कारण मुजे खास नजर नहीं आया लेकिन पता नहीं क्यों इस द्रश्य ने मुजे अंदर तक हिला दिया ओर मेरे लंड मे हलचल होने लगी तो कही मा मेरे खड़े लंड से बने तंबू को ना देख ले मेने खकार ली जिससे मा का पता चल की मे आ गया हु
मा- आर सोनू तू कब आया ओर पीछे क्यो खड़ा है

मे - नहीं मा बस अभी अभी आया हु
मा - आजा गरम गरम खा ले
मे- ठीक है मा
लेकिन मुजमे पता नहीं कहा से इतनी हिम्मत या गई की मे बिना सोचे समझे बोल पड़ा की मा तुम पसीने मे पूरी भीगी हुई हो ,पसीना साफ कर लो
मा - अरे बीटा आज मा पर बड़ा ध्यान से रहा है ,पसीना तो रोज आता हु लेकिन तूने आज ध्यान दिया
फिर ये कहकर मा अपने पल्लू से अपने पसीने को साफ करने लगती है इस कारण मुजे मा का पसीने से भीग हुआ ब्लाउस का अगला हिस्सा साफ नजर आने लगता है ,मा ने अंदर कुछ नहीं पहन था इस कारण मुजे मा की चुचिया के निपल भी हल्के हल्के दिखने लगी
मन तो कर रहा था की मा बेटे के रिश्तों को भुला कर मा का ब्लाउस फाड़ दु ओर कस कस के चुचिया दबाते हुए निपल को चूसू लेकिन मुजे डर भी था
मा को चूचियों को देखने के बाद मुजसे रहा नहीं गया ,मेने जल्दी जल्दी खाना खाया ओर कमरे मे चल गया

आज मेरी आँखों मे नींद थी ,बार बार मा की सूडोल चुचिया ओर मा की गांड नजर या रही थी
अब हर पल मेरी मा एक नशे की तरह मेरे दिमाक पर हवी होती जा रही थी ,अगर जल्दी ही कुछ नहीं किया तो यू लग रहा था की कही मे पागल ना हो जाऊ
मे बस मा को जल्दी से जल्दी चोदना चाहता था


फिर देखते ही देखते रात के 12 ब्याज गए ,फिर भी आँखों मे नींद नहीं थी
फिर मेने बाहर जाके दारू पीने का सोचा क्योंकि अब मेरी मा मुज पर इतनी हवी हो चुकी थी की मे कुछ नहीं कर सकता था

फिर मेने मुह पर कपड़ा लगाया ओर दुकान पर चला गया
गाँव पे दुकान हमेशा खुली रहती है ,बस रात को थोड़ी महगी मिलती है
मेने दारू ली ओर सुनशान जगह पर जाकर पी ली जब मुजे नशा होने लगा तो मे खुद से जोर जोर से बोलने लगा
"मधू देवी तू क्या लगती है ,एक दम करारा माल है ,काश तू मेरी लुगाई होती तो मचक मचक के चोदता तुजे ""
मुजे पता नहीं क्या हो रहा था ,मे अपनी मा को मधू देवी कह रहा था

बस एक बार तू मुजसे चुद जाए फिर तुजे घर पर नंगा ही रखू ,दिन रात सुबह शाम जब मन करे तेरी चुदाई करू
लेकिन मे भी क्या करू मधू देवी ,तुजे चोदने के लिए मुजे क्या क्या करना पड़ रहा है ,बस एक बार तू मुजसे चुद जाए फिर कसम मुजे मेरी मा की अगर कोई तेरे आस पास भी भटकता नजर आया ,मे उसे जान से मार दूंगा

मधू देवी तुजे चोदना तो चाहता हु लेकिन मुजे तुजे हासिल करने से पहले अजमल नाम के मुल्ले से चुदवाना पड़ेगा ,उस बहन के लोड़े का गधे जैसा लंड तो लंड है ऊपर से सांड जैसी चोदने की ताकत ,जिससे रंडिया भी चुदवाने के बाद ढंग से चल नहीं पाती वो तो तेरी कुवारी गांड का क्या हाल करेगा ,तू तो 3-4 दिन ढंग से नहीं चल पाएगी ,

ये कहते हुए मे अपना पायजामा नीचे करके लंड बाहर निकलते हुए ऊपर देखकर बोलता हु
भगवान इतनी नाइंसाफी क्यों करता है ,एक को गधे जैसा लंड ओर ऊपर से सांड जैसी चोदने की ताकत ओर वही दूसरों को लुल्ली पकड़ देता है जिसमे ढंग से चोदने का दम भी नहीं

वो बाबा भी चूतिया जिसने भी कोई समाधान नहीं निकाल ,साल वो भी मुजे मेरी मा को उस मुल्ले से चुदवाने को बोलता है ,अगर नाही चुदवाऊ तो वो भोसड़ीवाले दोस्त मेरी मा के सामने दूसरी औरत को लाकर मेरी गाँड़ मरवा देंगे

लगता है मधू देवी का पाने का मेरी पास दूसरा रास्ता नहीं है
तो क्या मे नामर्द हु जो एक औरत को नहीं पटा सकता
नहीं नहीं
मे नामर्द नहीं
फिर मे जोश जोश मे घर की तरफ निकाल जाता हु घर पहुचने के बाद मे नशे नशे मे मा के कमरे की तरफ बदता हु
मा दरवाजा बंद नहीं करती मे अंदर जाकर देखता हु तो मा एक करवट सो रही थी ओर उनका चेहरा दूसरी तरफ था ,
ओर मुजे उनकी बड़ी गाडं दिख रही थी
मे इतना नशे मे था की ढंग से खड़ा नहीं हो पा रहा था
मा की इतनी मस्त गांड देखकर मेरा सिर चकरा गया ,मे मा के पास चल गया ,पास आकार मा की बड़ी गांड का आकार देखरकर सिर घूम गया ,मन तो कर रहा था की अभी घर उठा दु ओर गांड मे लंड पेल दु लेकिन मेने ऐसा करने की बजाए मेने अपना लंड निकाल कर हिलाने लगा ,मुस्किल से 1 मिनट हुआ होगा की मेरा पानी निकाल गया ,ओर मेरे वीर्य की धार सीधी मा की गांड पर गिरी
मेरे तो जैसे एक दम से सारा नशा खतम हो गया ,मे तुरन्त दरवाजे के पीछे भागा ओर बाहर खड़ा होकर चुपके से अंदर देखा कही मा उठ नहीं गई हो
जब मा ने कोई हलचल नहीं की तो मेने राहत की सास ली
इतना कुछ होने के बाद मे मे कमरे मे आकार सो गया
 
अगली सुबह मे उठा तो रात की हुई घटना के बारे मे सोच कर मे कांप गया ,क्या होता अगर मा मुजे हिलाते हुए पकड़ लेती ,वो तो ऊपरवाले की मेहरबानी थी की मे बच गया,नहीं तो कल मे तो गया था

मा अक्सर मेरे उठने से पहले जंगल की ओर हाथ मुह धोने चली जाती थी क्योंकि हमारे गाँव मे किसी के घर मे टॉइलेट नहीं था (गाँव मे फ्रेश होने को हाथ मुह धोना कहते है )

मुजे डर था की मेरे वीर्य सूखने के बाद अपना दाग जरूर छोड़ेगा ,मा क्या सोचेगी अगर उनको पता चल गया था ,क्या मा को पता चल जाएगा की ये वीर्य का दाग है
लेकिन मेने ये सब वक्त पे छोड़ दिया

जब मा वापस आई तो साथ मे पड़ोस की एक औरत जो अक्सर मा के साथ ही सुबह हाथ मुह धोने जाते थी
मा जब अंदर घुसने लगी तो देखा वो औरत बोली "आर मधू रात को तो मजे लेके सोई हो "

मा हसते हुए बोली अरे काकी कहा के मजे मेरा मरद तो शहर गया हुआ है कहे के मजे
(मे छुपते हुए उनकी बाते सुन रहा था )

अरे तो तेरे कूल्हे के ऊपर ये दाग क्यों लगा है ,ओर ये कहते हुए काकी घागरा पकड़ा जहा दाग लगा था
मा - अरे ये दाग कहा से आ गया ,शायद ये वो चीज नहीं जो हम लोग सोच रहे है
काकी - आर मधू देवी ,तू तो खेली हुई खिलाड़ी है ,ओर नहीं जानती की ये क्या चीज है
मा - तो फिर ये आया कैसे
काकी- शायद तेरा बेटा
मा - चल हट बेशर्म कही की ,मेरे प्यारे बेटे पे गलत इल्जाम डाल रही है ,मेरे बेटा तो एकदम सीधा है
काकी- इसमे शर्म कैसी ,आज के बेटे अपनी मा पर जान छिड़कते है ,ओर तू तो एक दम मस्त गदराई औरत है (ओर ये कहते हुए काकी पास आकार हाथ पीछे ले जाकर मा के कूल्हे दबा देती है )
मा - ऐशा कुछ भी नहीं है ,ओर काकी लगता है आपको बुडापे मे बड़ी जवानी चड़ रही है
काकी -अभी कहा बुड़पा मधू ,जवानी का असली मज़ा लेने का अभी तो समय है ,जब अपने पति हमारा साथ छोड़ देते है ,ओर तेरा शरीर तो एक दम गदराया है ओर ये कूल्हे देखो ,एक एक फाक 2 2 किलो की है ,इस गांड के लिए तो लोग किसी भी हद तक चले जाए ,अगर मे लड़का होती तो तुजे अभी के अभी जबरदस्ती करके छोड़ देती ,साले इस गाँव के मरद नामर्द लगते है ,इतनी मस्त औरत प्यासी घूम रही है ओर लोग आओनी ही धुन मे जी रहे है
मा- क्या बोले जा रही हो काकी
काकी -सच कह रही हु,तेरा जैसा गदराया माल गाँव मे युही घूम रहा है ओर कोई मरद नहीं तो तुजे चोदने के लिए पीछे पड़ा हो,सब नरमर्द है साले,सब दारू पीने मे लगे रहते है ,लुगाइयों की परवाह ही नहीं है
मा- काकी,अब मजे का समय गया ,अब तो बच्चे पालने का समय है
काकी - बच्चे पालने का नहीं ,बच्चों से चुदवाने का समय है,तेरा बेटा तेरे पीछे पड़ा है ,ये वीर्य उसी का है ,रात को सोते टाइम वो तेरी इस गदराई गांड को देखकर हिला रहा होगा ओर एकदम से निकाल गया हो

मा- मेरा बेटा ऐशा नहीं है ,ओर जब जिस दिन ऐशा करते हुए पकड़ मे या गया हड्डी पसली तोड़ दूँगी ,उसकी मा ही ,मा के बारे मे ऐशा मेरा बेटा कभी नहीं सोचेगा

मा के मुह से ये बात सुनकर मेरी गांड फट गई

काकी- अरे मेरी प्यारी मधू ,इसमे कोई गलत चीज नहीं है ,जब हमारे पति लुगाई की आग को नहीं भुलाके दारू पीने लग जाते है ,तो उनकी लुगाई कही तो आग मिटाएगी,ओर एक बेटे से अच्छा ओर कोन हो सकता है जो अपनी मा पे जान छिड़कता हो,ओर बात घर की घर मे ,ओर कोई शक भी नहीं करेगा,मेरा कोई बेटा नहीं ,नहीं तो अब तक तो उसके चुद चुकी होती

मा- काकी तुम भी ना,चलो अब मे चलती हु ,घर मे बहुत काम करने है
काकी - हा काम कर लो,ओर बेटे पर भी नजर रखो ,वो तो आकर्षित है तेरे ऊपर ,सच बोल रही हु ,एक बार बेटे से चुदवाने के बाद देख कैसे तेरा बेटा तेरे पे जान छिड़केगा ,दूसरा मरद तो दूर वो तो अपने बाप को भी तेरे पास नहीं आने देगा,ओर तू भी बेटे से चुदवाने के बाद किसी ओर से नहीं चुदवाएगी ,क्योंकि जो प्यार ओर मज़ा बेटे से चुदवाने मे आएगा वो इस दुनिया मे कही ओर नहीं आएगा
मा- हा हा ,आज आने दो रात को,साल अपनी मा को देखकर मूठ मारता पकड़ा गया तो हड्डी पसली तोड़ दूँगी
काकी - एक बार मोखा तो दे ,ऐशा कोई नहीं मिलेगा अपने बेटे के अलावा जो जान छिड़कता हो
मा- हा ठीक है ,अब मे चलती हु

मे खुद से बोला अब मामला हाथ से निकाल चुका है, ये तो तय है की मे अकेला मा को नहीं फसा सकता ,अब केवल अजमल ही कुछ कर सकता है ,आज ही अजमल के पास जाता हु ,ओर सारी बात करता हु ,अगर कुछ गड़बड़ हुई तो मे जिम्मेदारी नहीं लूँगा ,और एक बार चुदवाने के ही बात है ,एक बार मा मुजसे चुद जाए ,साले को पास भी नहीं भटकने दु
सब अपनी अपनी किस्मत लिखवाके आते है ,अगर मुजे मेरी मा को हासिल करना है तो अजमल से मेरी मा की गाँड़ को चुदवाना ही पड़ेगा
ओर वैसे भी बाबा ने सही कहा था ,अगर मेरी मा भी दूसरी औरतों जैसे किसी ओर से चुदवाती तो मे क्या कर पाता ,मे भी युही समझ लूँगा की मा पहले से ही अजमल से चुदवा लिया है ,एक बार मेरा काम हो जाए फिर उससे रास्ते से हटा दूंगा ,फिर तो रोज रात को मा की चुत मे लंड डालकर नंगा ही सोऊँगा ,ओर मा को भी नंगा ही रखूँगा

बस एक बार मा मुजसे चुद जाए उसके बाद साल मेरे पास भटका तो जान से मार दूंगा
 
सुबह जब उठा तो रात की घटना को याद करके भगवान का शुक्रगुजार किया किया की मां जागी नही और में पकड़ा नही गया

लेकिन जैसे ही मां की गांड का खयाल आया मेरा लन्ड तंबू बन गया और झटके खाने लगा,कल रात का मां की गांड का इतने करीब से अहसास ओर जोकिम भरा मां की सुडोल गांड को देख कर मुठ मारना के यादगार घटना थी
करूंगापता नही जब से बाबा से मिला हु दिल ओर दिमाक पर मां ही मां छाही हुई है ,है पल मां को पाने को तलब रहने लगी है,है पल घंटो जैसे भरी पद रहा था की कब मां को हासिल कर पाऊंगा कब मां के गदराय शरीर से खेलूंगा,ओर फिर जिस चूत से में पैदा हुआ उसे चूत में लंड डालकर चुदाई करूंगा

मेने अपना लंड निकल कर उससे निहारने लगा,
लंड झटके खा रहा था,मेने अपने लंड के सुपाड़े की चमड़ी को पीछे किया और खुद से मन ही मन बोला,यही वो चमड़ी है जो हमारे समाज के लोगो को गांड का मजा लेने से रोकती है लेकिन में इससे हटा भी तो नही सकता
ओर मां को पाने के लिए क्या मुझे अपनी मां को उस मुल्ले से चुदवाना जरूरी है
मुझे इन सब सवालों के जवाब के लिए अकेले बाबा से बात करनी पड़ेगी

ओर मन को पक्का किया की में चाहे कुछ भी हो जाए में अपनी मां को उस मुल्ले से नही चुदवाउग
ओर फिर बाहर निकल कर नहा धोकर खाना खाया और मां को हासिल करने के खयाल में गुम आज न जाने कितना चल लिया था इसीलिए थकान हो गई थी तो जल्दी सो गया

में बस यही सोचता रहता की कैसे मां को उस मुल्ले से न चुदवा कर खुद हासिल करू
क्योंकि कही न कही मुझे अजमल मुझे पसंद नही था और दूसरे धर्म का भी था और फिर जब मां की बात आती है है तो हर बेटा मां को पहले खुद चोदना चाहेगा,ओर में भी मां को उस 2 कोड़ी के मुल्ले से नही चुदवाना चाहता था और वही दूसरी ओर मां को हासिल करने के लिए किसी गैर मर्द से चुदवाना भी कही ना कही मेरे मर्द होने पे उंगली उठात है

अगले 1–2 दिन मेने दोस्तो से मिला नही इसीलिए कारण हरिया मेरे घर आया
उस समय मेरी मां झुक कर झाड़ू लगा रही थी जिस कारण मां को सुडोल गांड को फाके एक रहनी घाघरे के ऊपर से अपनी सुडोल गांड का आकार बयान कर रही थी
हरिया मां की गांड को देखकर उसमे एक अलग ही चमक आ गई और अपना लंड धोती के ऊपर से मसलने लगा

मुझे अच्छा नही लगा की हरिया मेरी मां की गांड को देखकर लंड मसल रहा है,इसीलिए मेने जोर से कहा क्या काम है हरिया
मां ने जब देखा की हरिया आया हुआ है तो मां बोली – अरे हरिया बेटे कब आए
हरिया – बस आंटी जी अभी अभी आया हु
मां – कैसे हो ओर घरवाले कैसे है ,आज काफी दिनों बाद घर आए हो
हरिया – आंटी में ठीक हु ओर घरवाले भी ठीक है ,ओर आंटी जी इधर आना नही होता इसीलिए नही आ पा रहा था
मां – अच्छा,तुम बैठो में चाय बना देती हु
हरिया – नही नहीं आंटी ,में चाय पी कर आया हु,अगली बार पी लूंगा
मां –चलो कोई बात नही, कुछ काम था बेटे
हरिया – नही आंटी जी ,सोनू कुछ दिनों से मिल नही रहा था तो सोचा कही तबियत तो खराब नही हो गई
मां – सोनू तो एक दम से ठीक है, हा लेकिन जब से तुम शहर से आए हो सोनू घर पर ही बैठा रहता है,कुछ सोचता रहता है,कुछ गलत हो गया था क्या शहर में
हरिया – नही आंटी ऐसी कोई बात नही,ओर ऐसी बात है तो सोनू को बताना चाहिए था
मां – क्या हुआ सोनू
मैं – नही मां ऐसी कोई बात नही
हरिया – इसीलिए तो इससे लेने आया आया हु,कुछ देर साथ में घूमेंगे तो समस्या दूर हो जायेगी
मां – हा बेटा ,हरिया से साथ घूम आओ

मुझे मां का कहना मानना पड़ा और हरिया के साथ घूमने निकल पड़ा

हरिया – क्या बात है सोनू ,बाबा से मिलने के बाद तूने तो हमसे मिलना ही छोड़ दिया,ऐसा क्या सोच रहा है
सोनू – सोच रहा था कोई रास्ता तो जरूर होगा मां को हासिल करने का
हरिया – तो बता
सोनू – अभी पता नही
हरिया – कोई रास्ता नही
सोनू – कोई न कोई रास्ता तो होगा
हरिया – रास्ता होता तो आंटी कब की चुद गई होती
सोनू – लेकिन कोशिश करने पर कोई रास्ता निकल ही आएगा,में उस 2 कोड़ी मुल्ले से नही चुदवाना चाहता मेरी मां को
हरिया – ओर कोई रास्ता नही है सोनू,बाबा से मिल आए ,आंटी को हासिल करने का एक ही तरीका है और वो है उस मुल्ले से चुदवाना

ओर फिर हम अपने ठिकाने पे पहुंच गए जहा कालू और भूरिया भी बैठे थे
हरिया – बता ना,क्या सोचा
सोनू – अभी तो कोई रास्ता नही निकला लेकिन जल्दी ही निकल जायेगा
हरिया – देख तूने 3 दिन मांगे ,हमसे दे दिए,तूने हमारी दुखती रग पर हाथ रख दिया है ,अब अगर तूने नखरे किए तो हमे घी टेड़ी उंगली से निकलना पड़ेगा
में – मतलब
कालू – मतलब ये की अगर तूने मां को नही चुदवाया या अपनी बात से पलट रहा है तो हमारे पास और भी रास्ते है
में गुस्से में जैसे की
भूरिया – जबरदस्ती तेरी मां की चुदाई करना, या फिर हमसे कुछ नही हो पाए तो याद है वो औरत जो हरिया को रिश्तेदार थी ,जिससे हम सबने चोदा था उसको लायेंगे तो तेरी मां के सामने तेरी जरूरत बयान करेंगे
में – खाराबरदार ऐसा कुछ किया था,मुझे बुरा कोई नही होगा
कालू – तूने देखा ही कहा है हमारा हरामीपन,में अपने पे आ गया तो अच्छे अच्छे हरामी पानी मांगे लग जाते है मेरे सामने
में – सालो ,दोस्ती का ये शिला ले रहे हो
कालू – तुझे हमे मधु देवी की उम्मीद नहीं दिखानी चाहिए थी ,अब या तो हम सब चोदेंगे या फिर तुझे तेरी मां की नजरो में इतना गिरा देंगे की की वो तुझे घर से बाहर निकल दे
में – फिर तो अनाडियो ,दोनो का नुक्सान होगा ,ना तो तुम कभी ना को चोद पाओगे ना में
कालू – कोई बात नही , उस चीज का गम नही होगा,लेकिन इस चीज़ की खुशी जरूर होगी की जिस चूत को तू इतनी शिद्दत से पाना चाहता है तुझे कभी नहीं मिलेगी
में – देख लूंगा तुम सबको सालों
हरिया – देख तुझे 3 दिन ओर दे रहे है उसके बाद हम उस औरत के साथ तेरे घर पहुंच जायेंगे

ओर फिर में निकल जाता हु,मुझे आज अपने दोस्तो में बहुत गुस्सा आ रहा था
पहले मां को अजमल मुसलमान से नही चुदवाना सबसे बड़ी प्राथमिकता दी लेकिन अब दोस्तो को सबक सिखाना प्राथमिकता बन चुकी थी
 
में पूरे दिन सोचता रहा की कैसे अपनी मां को अजमल के बचाते हुए दोस्तो को सबक सिखाऊं लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो मेने अकेले बाबा से मिलने को सोचा
ओर शाम को खाना खा कर सो गया और सुबह जब उठा तो मां चूल्हे पे चाय चढ़ा रही थी,घर पे मां चुन्नी नही डालती थी क्योंकि मां को मेरे से इतना परहेज नहीं था लेकिन मां को शायद पता नही था की उसका सबसे बड़ा आशिक उसका बेटा ही है जो उसे पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है

मुझे पीछे से मां की लगभग नंगी कमर दिखी जिस पर ब्लाउज का कुछ हिस्सा पीठ को ढक रहा था
मां के गदराय शरीर में कुछ तो बात थी ,गोरी चिट्ठी कमर देख कर मेरा लंड तन्ना गया
जब मां ने देखा की में जाग गया हु तो मां बोली " आज तो मेरा लाल इतना कैसे जाग गया"
में – मां आज कही जाना था,इसीलिए जल्दी उठ गया
मां – आजकल बहुत भागा दौड़ी कर रहा है,चला बता रोटी सब्जी बनाऊं
में – नही मां ,रहने दो ,में रास्ते में खा लूंगा

फिर में चाय पीता हु और निकल जाता हु
मां को पाने को इतनी शिद्दत थी की के भूला प्यासा बाबा से मिलने अकेला जंगल में निकल गया
काफी देर चलने के बाद में जब में जंगल पहुंचा तो पहले तो आराम किया फिर कुटिया की ओर निकल गया


जब में बाबा की कुटिया तक पहुंच कर देखा तो बाबा ध्यान को मुद्रा में बैठे थे ,मेने बाबा को ध्यान को खराब ना करते हुए में चुपचाप जाकर बैठ गया,क्योंकि काम मेरा था और बाबा एक मांत्र इंसान थे जो शायद मेरी मदद कर सकते थे और में उनका ध्यान भंग करके गुस्सा नही दिलाना चाहता था
बाबा बिना आंख खोले – आ गए बेटे सोनू,में तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था
में हैरान रहा गया बाबा को चमत्कारी शक्तियां देखकर
में – बाबा आपको कैसे पता की में वापस आऊंगा
बाबा – कोई भी बेटा अपनी मां को दूसरे के साथ संभोग करते हुए नही देख सकता,मेने तुम्हारी मन की भावना महसूस ली थी की तुम अपनी मां को मुल्ले से चुदवाना पसंद नही करोगे लेकिन तुम्हारी दोस्त तुम्हारी मां को पाने के लिए इतने हवसी हो चुके है की वो मधु देवी को पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैै,अगर उन्हे चुनाव करने को कहा जाए की तुम्हारी मौत या मधु देवी के साथ संभोग ,तो उनसे कोई भी बिना सोचे समझे मधु का चुनाव करेगा,यही जिंदगी की हकीकत है बच्चा,यह सब मतलबी है,हमे बस आपसी समझौते पर काम करते हुए जिंदगी जीना होता है

में – बाबा आप तो सच मूछ महान हो ,मेरी यही समस्या है बाबा,में किसी तरह इस समस्या से निकलना चाहता हु कुछ ऐसा रास्ता बताओ जिससे मां मेरी हो जाए ओर सब धरे के धरे रह जाए

बाबा – तुमने मेरी बातो को समझा नही ,मेने कहा यह सब समझौते पे जीते है ,अगर तुम्हे अपना काम निकालना है तो अजमल से समझोता करना पड़ेगा ,बदले में तुम्हे तुम्हारी मां मिलेगी,तुम दोनो हाथो से ले नही सकते है,एक हाथ से देना है और दूसरे हाथ से लेना है

में बाबा को बातो में फस गया था ,ओर उनकी बाते समझने की कोशिश कर रहा था ,बाबा को शायद ये पता चल गया था की में उनकी बातो को समझने में दुविधा महसूस कर रहा हु

बाबा – चलो बताओ ,अगर तुम्हे पता चले की कोई आदमी है जो तुम्हारी मां के साथ पहले ही संभोग कर चुका है तो तुम क्या करोगे
में – बाबा में क्या कर सकता हु ,जो पहले ही संभोग कर चुका है ,बस बदला ले सकता हु
बाबा – तो अजमल के साथ भी यही समझ लो,मान लो अजमल पहले ही तुम्हारी मां के साथ संभोग कर चुका है,ओर फिर तुम चाहो तो बदला ले लेना
में – बाबा बदला लेने की जरूरत ही क्या अगर में उससे रोक सकता हु तो
बाबा – तुम्हे बदला लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी ,क्योंकि अजमल तुम्हारी मां के साथ एक बार संभोग करने के बदले तुम्हे तुम्हारी मां दिला रहा है,इससे बढ़िया तो ओर क्या होगा,ओर तुम्हारी मां के बदले ये तो एक छोटी सी कीमत है

में – लेकिन बाबा .....

में फिर भी तैयार नहीं था पता नही मन साथ नही दे रहा था,बाबा समझ गए थे
बाबा– सोनू बेटा ,में जनता हु तुम्हे अपनी मां को किसी पराए मर्द से साथ संभोग करने नही देखना चाहते लेकिन यही जिंदगी का वसूल है ,कुछ पाना है तो कुछ देना पड़ेगा,ये जिंदगी यूंही किसी कुछ नहीं देती,इसीलिए या तो समझता करो या मत करो,लेकिन तुम बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ चुके हो ,एक तरफ कुआ है तो दूसरी तरफ खाई ,ओर इस मुसीबत से तुम्हे अजमल ही बाहर निकल सकता है

में – वो कैसे बाबा
बाबा –एक इंसान या तो समझता करता है या नही करता
लेकिन मुझे दुख कर है अगर तुम समझोता नही करते तो तुम्हारे दोस्त सच में तुम्हारी इज्जत तुम्हारी मां के सामने इतना गिरा देंगे ,ओर जब जब तुम्हारी मां तुम्हे देखेंगे तो वो प्यार से नही नफरत से देखेगी
ओर बच्चा उस इंसान से बदनसीब कोई और हो ही नही सकता जिसकी मां अपने बेटे से नफरत करती
में – हा बाबा बात तो सही है
बाबा – कई बार जिंदगी में इंसान के विकल्प नहीं होता चुनने का,जैसे तुम्हारे पास नही है या तो तुम अजमल की मदद लो या फिर अपनी मां की नजरो में हमेशा के गिर जाओ

कल को घटना के बाद मुझे आपके दोस्तो पर बहुत गुस्सा आ रहा था,जो मेरे बचपन के दोस्त थे उनसे ऐसे धोखे की उम्मीद नहीं थी और में उन्हे सबक सिखाने के लिए उत्सुक था

में – के समझ गया बाबा,अब सब कुछ अजमल ही करेगा लेकिन बाबा में चाहता हु अजमल मेरी मां की योनि में नही घुसाए उसमे मेरा ही हक है

बाबा – बेशक मेरे बेटे,लाओ वो पत्ता लाओ में लिख देता हु ,वो पत्ता अजमल को दे देना वो समझ जायेगा
फिर बाबा पत्ते पर कुछ लिखते है जो मेरी समझ में नही आता

मेरी समझ में नहीं आ रहा था की में खुश हाउ या दुखी ,क्योंकि मां को हासिल करने के लिए मुझे अजमल से मां को चुदवाया ही होगा और मेरे पास ओर कोई विकल्प नहीं है ,लेकिन फिर में अपने मन को समझता हू की कम से कम मां तो मिलेगी ,नही तो में मां की नफरत के साथ जी नही सकता

बाबा – अब तुम जाओ ,नही तो जंगल में रात हो जायेगी तो बहुत मुसीबत आ सकती है

फिर में वहा से निकल जाता हु
 
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