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संस्कारी औरत कितनी भी शर्मीली मासूम हो पर बिस्तर पर पसन्द उसी मर्द को करती है जो उसे किसी वहशी की तरह उसकी सिकसियों आंहों को अनसुना करके अपनी ही धुन में भर भर के तब तक रगड़े जब तक औरत की बुर फड़फड़ाते हुए पानी ना छोड़ दे उसे अपनी मलाई में भीगा मूसल देखकर बहुत ख़ुशी होती है.. और फिर खुशी खुशी से उसी अपनी मलाई में भीगे मुसल को चाट चाट के पुरी तरह से साफ़ कर देती है.....और यही मेरी कहानी है !!
दिन में कम से कम एक बार हम संस्कारी औरतो को मूसल लण्ड जरूर चूसना चाहिए, इससे शरीर में ताजगी, चुस्ती, फुर्ती बानी रहती है और हम संस्कारी औरतो का जिस्म फलता फूलता रहता है
एक संस्कारी ओर जालिम मुल्लो के बीच जब युद्ध होता है तो उसकी रणभूमि बिस्तर होती है उस युद्ध में अक्सर एक संस्कारी पर जालिम विजय पाते है पर हारने वाली संस्कारी हारकर भी बहुत कुछ जीत जाती है उनके चेहरे पर निखार जिस्म की एक अधूरी प्यास बुझाई जाती है तो तन में एक ताजगी महसूस होती है एक संस्कारी को.....
ये संस्कारी चूचिया ब्लाउज में भी नहीं समाती अब बहुत बड़े बड़े कर दिए इन ज़ालिम मुल्लो ने चूस चूस कर ...उउउफफफफ ... पर क्या करू मजा भी इतना आता है की मन नहीं कर पाती
ये संस्कारी चूचिया ब्लाउज में भी नहीं समाती अब बहुत बड़े बड़े कर दिए इन ज़ालिम मुल्लो ने चूस चूस कर ...उउउफफफफ ... पर क्या करू मजा भी इतना आता है की मन नहीं कर पाती