सिख्नी की चुत – पार्ट – 5
अस्सलाम ओ लेकुम दोस्तो मे अस्लम खान हाज़िर हू स्टोरी का अगला पार्ट लेकर।
कमल को घर पहुंचते पहुंचते 7बज गये, बाहर काफी अन्धेरा हो चुका था। कमल ने दरवाजा खोला और अन्दर आकर दरवाजा लगा लिया। कमल ने अपना परस वगेरह रखा और फ्रेश होने चली गयी और फ्रेश होकर सलवार कमीज पहन ली और बालो का बान्ध कर सर पर चुन्नी ले ली। कमल अपने लिये खाना बनाने लगी थी के उसे खयाल आया अब्दुल से भी खाने का पुछ ले।
कमल ने कमरो के बीच वाला दरवाजा खोला और अब्दुल के कमरे मे आ गयी।
“अब्दुल मियां” कमल ने आवाज लगायी। अब्दुल उस समय बाथरूम मे नहाने जा रहा था और सिर्फ लुंगी मे था तो वेसे ही बाहर निकल आया। कमल अब्दुल को इस हालत मे देख थोड़ा शर्मा सी गयी और उसने अप्ना चेहरा दुसरी तरफ कर लिया। “बोलो सिख्नी” अब्दुल ने कमल की तरफ आते कहा।
“वो अब्दुल्ल मियां मे तो खाने का पूछने आयी थी” कमल हिच्किचाते हुए बोली।
अब तक अब्दुल कमल के बिकुल नजदीक आ गया था, कमल अब्दुल की गरम सांसे अपनी गर्दन पर मेह्सूस कर रही थी। अब्दुल के हाथ अब कमल के कन्धो पर थे। “खाने का क्या सिख्नी” अब्दुल ने कमल के कन्धो को सह्लते हुए कहा। अब्दुल का लंड अब तक पूरा तन चुका था।
“वो अब्दुल मियां मतलब आपका खाना बनाओ के नही” कमल ने लड़खड़ाती आवाज मे कहा।
“मेरे प्रपोज का जवाब तो दे दो पहले सिख्नी फिर खाने का भी बता दूगा” अब्दुल ने कमल के चुतडौ पर से कुर्ती उपर उठा कर सलवार के उपर से ही अपना लंड घिसाने लगा।
“आअह्ह्ह अब्दुल मियां कोन्सा पुर्पोज” कमल भी गर्म हो रही थी।
“शेर से दिल लगयेगी के नही सिख्नी” अब्दुल ने कमल को कमर से पकड उसके चुतद्दो पर लंड रगड़ने लगा “हा है या ना बताओ सिख्नी”।
“उउउफ्फ्फ अब्दुल मिया” कमल के हाथ दिवार से सटे हुए थे, ” मेने ना कब बोला अब्दुल मियां”।
अब्दुल ने कमल को अपनी तरफ घुमाया, “मतलब के तेरी हा है सिख्नी” कमल की आंखो मे देख्ते हुए अब्दुल बोला।
“शेर को ना बोल कर गीदड से दिल केसे लगा सकती है शेरनी” कमल अब्दुल को देख कर बोली।
अब्दुल ने कमल को अपनी तरफ खींचा और सीने से सटा लिया, “तो सिख्नी क्या खयाल है” अब्दुल ने बैड की तरफ इशारा करते हुए कमल को देखा।
कमल ने मुस्कुरते हुए अब्दुल को देखा और हा मे सर हिला दिया।
“मेरि सिख्नी” अब्दुल ने कमल के होंठो को चूमा, “मे अभी आता हू जान, तब तक तुम भी रेडी हो जाओ”
“ठीक है” कमल ने कहा। अब्दुल ने कमीज पहनी और बज्जर को चल दिया। कमल ने अपने कमरे मे गयी और अपने कपडे देखने लगी, उस्मे कमल को एक रेड कुर्ती सलवार दिखा तो कमल ने निकाल लिया और तैयार होने लग गयी।
अब्दुल भी बाज़ार मे फूलों की दुकान से कुछ हार और गुलाब की पत्तिया ले ली। एक दुकान से अब्दुल ने पायल भी खरीद ली और वापिस आ गया। अब्दुल अपने कमरे मे आ गया, और उसने फूलो के हार अपने बैड के चारो तरफ सजा दिये और बिस्तर पर गुल की पत्तिया बिखेर दी। अब्दुल ने बीच वाले दरवाजे पर दस्तक दी, “कमल सिख्नी”। “आयी अब्दुल मिया” कमल ने जवाब दिया और दरवाजा खोला। कमल रेड कुर्ती सलवार मे अब्दुल के सामने थी, अब्दुल कमल को देख्ता ही रह गया, वो किसी परी से भी सुन्दर लग रही थी। “माशाअल्लाह” अब्दुल सिर्फ इत्ना ही बोल पाया।
कमल अब्दुल के कम्रे मे आ वाई ओर बैड तरफ देखने लगी, “केसा लगा सिख्नी” अब्दुल ने कमल के पीछे आते हुए कहा। कमल कुछ नही बोली बस अब्दुल को देख मुस्कुरा पड़ी। “एक तोहफा और भी है मेरि सिख्नी तेरे लिये” अब्दुल बोला। “वो कया है”कमल ने पूछा।
अब्दुल ने कमल को बैड पर बिठाया और उसके पैरो मे पायल पहना दी, “ये तोहफा” अब्दुल पायल को खन्काते हुए बोला। “बहुत ही सुन्दर है अब्दुल मिया” कमल पायल को देख कर बोली।
“आज से तुम मुझे अब्दुल मियां नही बुलओगी सिख्नी” अब्दुल ने कमल से कहा।
“तो और क्या बुलाओ” कमल ने अब्दुल को देखा।
“जेसे मे तुम्हे सिख्नी बुलाता हू वेसे ही तुम भी मुझे मुसला बुलओगी” अब्दुल कमल को देख कर बोला।
“ठीक है मेरे मुस्ले” कमल मुस्कुरा कर बोली।
“तो सिख्नी फिर क्या खयाल है इस मुस्ले के बारे मे” अब्दुल कमल के पास आ गया।
“खयाल तो नेक ही है मेरे मुस्ले” कमल होंठो को चबाते हुए बोली।
अब्दुल ने पास आकर कमल के होंठो को चूमने लगा, और कुर्ती के उपर से कमल के छोटे छोटे मम्मे सहलाने लगा। कमल भी अब्दुल के होंठो को चूम रन्ही थी। होठो और गालो को चूम्ते अब्दुल ने कमल की चुन्नी उतार दी और कमल की कमीज उतारने लगा। कमल ने अपने बाहे उपर उठा दी और अब्दुल ने कमल की कुर्ती उतार फेंक दी। कमल ब्रा सलवार मे अब्दुल के सामने थी। अब्दुल ब्रा के उपरसे कमल के मम्मे मसल रहा था और साथ ही दुसरे हाथ से ब्रा की हुक खोल उतर कर दूर फेक दी। कमल के 32के छोटे छोटे मम्मे अब अब्दुल के सम्ने थे। अब्दुल ने बिनदेरि किये कमल का एक मम्मा मुह मे भर चुस्ने लगा और दूसरा हाथ से मसल्ने लगा।
कमल के मुह से आअह्ह्ह उउउफ्फ्फ की सिसकिया निकल रही थी और अब्दुल कमल के दोनो मम्मो को बारि बारि से मुह मे लेकर चुस्स रहा था। कमल के हाथ अब्दुल के जिस्म को सहला रहे थे। अब्दुल कमल के मम्मो को चुस्ते हुए सलवार के उपर से अपना हाथ कमल की चुत पर ले गया और मस्लने लगा, उउउफ्फ्फ्फ मुस्ले हाये कमल की सिसकी निकाल गयी।
अब्दुल ने सलवार मे हाथ डाला और नाड़ा बाहर निकाल खोल दिया। कमल बिस्तर पर बेठी थी और अब्दुल ने उसकी सलवार उतर दी। अब्दुल ने खडे होकर अपनी कमीज भी उतार दी और सिर्फ लुंगी मे आ गया।
अब्दुल ने निचे बेठ जेसे ही कमल की टांगो को खोला तो उसे कमल की गुलाबी सिख्नी चुत दिखायी देने लगी।
एसा लग रहा था मानो कोई कली खिलकर फूल बनने का इंतज़ार कर रही हो। अब्दुल ने कमल की टाँगे खोल उंगलियो से कमल की चुत को खोला तो लाला सुरख चुत का दरवाजा अब्दुल को साफ़ नज़र आने लगा, अब्दुल ने अपनी जीभ कमल की चुत पर लगा दी, उउउफ्फ्फ्फ हाये” कमल सिस्क उठी और थोड़ा लेट कर अपनी चुत उपर उठा दी। अब्दुल अब कमल की चुत को चूसे जा रहा था और जीभ से अन्दर तक चाट रहा था। कमल भी आअह्ह्ह्ह उउउह्ह्ह सिसकिया लेते हुए काले कट्टर मुस्ले से अपनी गुलाबी सिख्नी मुलायम चुत चटवा रही थी। अब्दुल चुत को छोड़ अब खडा हो गया और कमल को उठने का इशारा किया। कमल बिस्तर पर बेठ गयी। “अब इस छोटे मुस्ले का भी कुछ इन्तज़ाम करो सिख्नी” अब्दुल ने अपनी लुंगी की तरफ इशारा किया। कमल अब्दुल की बात सुन मुस्कुरा पड़ी और उसने अब्दुल की लुंगी उठायी। जेसे ही कमल ने अब्दुल की लुंगी उठायी तो निचे से 12इन्च का काला लंड कमल को सलामी देने लगा। कमल ने लंड को हाथ मे पकडा और सहलाने लगी। अब्दुल का लंड एक दम सखत रॉड जेसा खडा था। “केसा लगा सिख्नी को छोटा मुसला” अब्दुल ने पुछा। “हाये एक दम बडे मुस्ले जेसा मस्लर है ये भी” कमल ने मुस्कुरा कर जवाब दिया। “चुसो इसे सिख्नी मुह मे लो” अब्दुल लंड कमल के मूह के पास करते हुए बोला। कमल ने भी अपने होंठ खोले और काले मूसल को मुंह मे लेकर चुस्ने लगी उउम्ंं मुउअहम्म्ंं, कमल लंड को चूसे जा रही थी और निचे गोटिया भी सहला रही थी। “तू तो वेज थी सिख्नी और अब मुस्ले का लंड चुस रही हो” अब्दुल हस्ते हुए बोला। “हाये इस मुस्ले के लिये तो नोन-वेज भी हो जाओगी” कमल भी लंड चुस्ती हुई बोली।
“लेट जा सिख्नी अब तेरी छोटी सिख्नी को हलाल करेगा ये मुसला” अब्दुल ने कमल को बैड पर लेटने को कहा। कमल बैड के बिच मे लेट जिस से अब्दुल उसकी टांगो के बिच मे खडा हो गया और टाँगे खुलवा कर उसकी चुत पर अपना मूसल जेसा लंड रगड़ने लगा।
“तैयार हो ना मेरि सिख्नी” अब्दुल कमल को देख बोला। “हा मुस्ले रेडी हू मे” कमल ने जवाब दिया।
“हाये जान एक बार बता तो दो किसका कया और कहा लेने जा रही हो” अब्दुल ने अपना टोपा चुत के दरवाजे पर सेट करते हुए कहा।
“अब्दुल मुस्ले का लंड लेने जा रही हू अपनी सिख्नी चुत मे अब्दुल मियां” कमल ने भी मुस्कराएते हुए कहा।
जेसे ही कमल ने ये जवाब दिया तो अब्दुल ने जोर से एक धक्का दे मारा और लंड कमल की चुत को चीरता हुआ आधे से ज्यादा घुस गया। कमल की चुत का दरवाजा अब टूट चुका था और चुत मे से हल्का सा खून बाहर आ गया, जिसे देख अब्दुल को पाता चल गया के मुस्ले के लंड ने सिख्नी चुत पर फतह पा ली है।
जेसे आधे से जयादा लंड कमल की चुत मे घुसा तो उसकी एक चीख निकाल गयी, “हाय्ये रब्बा आआह्ह्ह्ह्ह्ह मुस्ले स्स्स्सीईई मर्र्र्र गयी” कहती हुई कमल अब्दुल के लंड के वार को झेल गयी। अब्दुल ने अब अप्ना लंड अन्दर बाहर कर्ना सुरु किया, अभी भी 4इन्च लंड कमल की चुत मे जाना था। करिब 5मिंट बाद जब कमल थोड़ा सहज मे आने लगी तो अब्दुल ने फिर से एक जोर का धक्का दे मारा, इस बार लंड चुत को पूरा चीरता हुआ जड़ तक घुस गया, इस से पहले की कमल चिल्लाती अब्दुल ने उसके मुह पर हाथ रख दिया, दर्द की वजह से कमल की आंखो से आंसू आ गये, अब्दुल हल्के हल्के धक्के से लंड को अन्दर बाहर कर्ने लगा। कुछ ही देर मे कमल को भी मजा आने लगा और वह भी अपने चुतड्ड उपर उठा कर लंड लेने लगी। बदल ने धीरे धीरे धक्के तेज़ कर दिये वह लंड को बाहर निकाल पूरा लंड चुत मे घुसा रहा था और कमल भी “हायेई उउउईई मा स्स्स्स्स्स हाये मुस्ले आह्ह्ह्ह सिसकिया लेती हुई अब्दुल से चुदवा रही थी। अब्दुल अब जोश मे आकर चुत चोद रहा था। तेज धक्को से पुरा बैड हिल रहा था और कमल के पैरो की पायल जोर जोर से शोर मचा रही थी। “”आह्ह्ह मेरि सिख्नी”अब्दुल्ल धक्के मारते हुए बोला, “हायेए मुस्ले क्या है” कमल ने पूछा।
“जान तेरी पायल इत्ना शोर क्यो मचा रही है” अब्दुल ने धक्का मारा। “आह्ह्ह्ह हयेई मुस्ले स्स्सीई वो शोर् मचा कर मोहल्ले वालो को बता रही है मूसले हये” कमल सिसकी लेते हुई बोली।
“क्या बता रही सिख्नी” अब्दुल ने पूछा।
“स्स्सीई बता रही है के सिख्नी मुस्ले के निचे है और मुसला अपने लंड से उसे पेल रहा है आह्ह्ह्ह्ह” कमल बोली।
“हाये मेरि सिख्नी” अब्दुल ने जोर का धक्का मार लंड पुरा चुत मे उतारा, “सिख्नी भी तो फिर मजे से मुल्ले का लुल्ला खा रही है”।
“आऊच्च्च आह्ह्ह्ह हाये अब सिख्नी मुल्ले का लुल्ला नही खायेगी तो किसका खायेगी, आखिर शेरनी शेर के पास ही जाती है स्स्सीई” कमल ने जवाब दिया।
अब्दुल ने अब कमल का जवाब सून धक्के और तेज कर दिये, कमल की चुत दो बार पानी छोड़ चुकी थी और अब्दुल भी अब झद्ने वाला था, “सिख्नी अन्दर ही डाल दु क्या अपनी मलाई” अब्दुल ने कमल से कहा।
“आअह्ह्ह्ह्ह स्स्सीई नही मुस्ले अभी नही बाहर डाल दो अभी” कमल ने जवाब दिया अब्दुल ने लंड बाहर निकाल सहलाने लगा और एक दम लंड से पिचकारी निकली जो कमल के मम्मो पर जा गिरी, कमल ने उसे अपने मम्मो पर मस्लन शुरु कर दिया। अब्दुल के लंड का सारा माल कमल के मम्मो और पेट पर गिर रहा था जिसे कमल क्रीम की तेरह मसाज कर रही थी। माल निकाल अब्दुल भी कमल के साथ मे लेट गया, “केसा लगा सिख्नी मुल्ले का लुल्ला” अब्दुल बोला।
“अब क्या बोलू मुल्ले, इसने झंडे गाड़ दिये अपनी जीत के” कमल ने जवाब दिया। “अभी तो झंडे गाड्ने बाकी है सिख्नी” अब्दुल बोला।
“अब कहा झंडे गाड्ने है इसने” कमल बोली।
“यहा पर सिख्नी, जब तक सिख्नी की गांड मे मुल्ले का लुल्ला नही जायेगा, जीत अधुरी रहेगी सिख्नी” अब्दुल ने कमल के चुतड्ड सह्ल्ते हुए कहा।
“हाये मुल्ले तो जीत लो ना फिर सिख्नी को और बना लो अपनी मल्कियत” कमल अब्दुल को देख बोली।
“चल फिर घोड़ी बन जा सिख्नी”। अब्दुल ने कमल को घोड़ी बनाया। अब्दुल बाथरूम से सरसो का तेल ले आया और उसे अपने पर लगा लिया और कुछ कमल की गांड मे भी लगा दिया। “चुतड्ड तो खोल सिख्नी” अब्दुल बोला। कमल ने दोनो हाथो से अपने चुतद्द खोले तो अब्दुल ने अप्ना लंड उसके छेद पर सेट किया और धक्का मारा, अब्दुल के धक्के से आधा लंड अन्दर चला गया, “आअह्ह्ह्ह मुल्ले धीरे डाल स्स्सीईई ” कमल ने सिसकी लेते हुए कहा। अब्दुल ने लंड के झटके लगने शुरु किये और साथ साथ कमल के गोरे चुतड़ सहलाने लगा, “उउउफ्फ सिख्नी तेरे चुत्डो का ये नरम गोस्त” अब्दुल बोला। “हायेई आह्ह्ह मुस्ले के हाथो मे है आज”, कमल ने सिसकी लेते हुए कहा।
कमल के मुंह से ये बात सुन्ते ही अब्दुल ने जोर का धक्का मरा और पुरा लंड कमल के चुत्डो मे समा गया।
“हायेई मा मार डाला उउउफ्फ अब्दुल मियां धीरे” कमल ने सिसकी लेते हुए कहा। “क्या करू सिख्नी तेरे नरम चुतडौ को देख जोश आ जाता है, वेसे एक बात तो तो माननी पड़ेगी” अब्दुल ने कमल के चुतड़ श्लते हुए धक्का मरते कहा।
“स्सीई आह्ह्ह कौनसी बात” कमल ने पूछा।
“”यही के तुमरे रब ने तुम्हे फुर्सत से बनाया है, उउफ्फ्फ क्या मखमल जेसा गोर जिस्म है” अब्दुल ने तेज धक्का मारा।
“हायेईए तुम्हे भी तो तुम्हारे अल्लाह ने बाकमाल हथ्यार दिया है अब्दुल मियां” कमल ने पीछे मुडकर देखते हुए कहा। ” कोनसा हथ्यार सिख्नी” अब्दुल ने कमल को देख पूछा।
“वो हथ्यार जो अभी इस सिख्नी के जिस्म मे है” कमल ने मुस्कुरा कर जवाब दिया। अब्दुल को कमल की बात सुन जोश आ गया और उसने स्पीड बढा दी, वो तेज तेज कमल को चोदने लगा और कमल भी आअह्ह्ह आह्ह्ह्ह स्स्सीई हयेई सिसकिया लेती हुई अब्दुल से चुदवा रही थी। करीब दो घंटे बाद अब्दुल ने अपना माल कमल की गांड मे छोड़ दिया, “आह्ह्ह सिख्नी ले संभाल मुल्ले का माल अप्ने चुतद्दो मे” कहते हुए अब्दुल ने सारा माल कमल की गांड मे निकाल दिया और बिस्तर पर लेट गया। कमल भी नगन अवस्था मे ही अब्दुल के सीने पर सर रख कर सो गयी।